नयी दिल्ली: अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग ने एशियाई देश में एक निर्माण फैसेलिटी स्थापित करने के लिए भारत के जीएमआर एयरो टेक्निक के साथ साझेदारी की है. जीएमआर एयरो टेक्निक कार्गो की बढ़ती वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए यात्री विमानों को मालवाहक विमानों में परिवर्तित करेगा. बोइंग और जीएमआर हैदराबाद में मालवाहक रूपांतरण लाइन शुरू करने की योजना बना रहे हैं. भारत में माल ढुलाई संचालन, घरेलू और वैश्विक मांग का समर्थन करेगा.
कंपनी द्वारा जारी एक मीडिया विज्ञप्ति में जानकारी दी गई कि जीएमआर एयरो टेक्निक भारत में पहला बोइंग आपूर्तिकर्ता है, जिसके पास घरेलू और विदेशी दोनों विमानों के भविष्य के रूपांतरणों का समर्थन करने की क्षमता होगी. इस योजना के बारे में बोइंग इंडिया के अध्यक्ष सलिल गुप्ते ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि कार्गो बाजार का समय आ गया है.
उन्होंने मीडिया विज्ञप्ति में कहा कि जीएमआर एयरो टेक्निक के साथ हमारा सहयोग न केवल आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए देश में भारतीय एमआरओ की परिपक्वता का प्रमाण है, बल्कि इस क्षेत्र में कैरग क्षेत्र की अनुमानित वृद्धि का भी समर्थन करता है.
रॉयटर्स ने मुख्य रणनीति अधिकारी मार्क एलन का हवाला देते हुए कहा कि यह सुविधा भारत से बोइंग की 1 बिलियन डॉलर आपूर्ति श्रृंखला सोर्सिंग को जोड़ेगी और वैश्विक कार्गो हब बनने की भारत की बड़ी महत्वाकांक्षाओं का समर्थन करने में सहायता करेगी. हालांकि उन्होंने इस योजना के बारे में कोई विवरण फिलहाल नहीं दिया कि यह फेसेलिटी कब स्थापित की जाएगी या इसमें कितना निवेश किया जाएगा.
उड्डयन दिग्गज ने भारत पर ध्यान केंद्रित किया है. फरवरी में इसने हवाई जहाज के पुर्जों के लिए एक रसद केंद्र स्थापित करने के लिए 24 बिलियन डॉलर का निवेश करने की योजना की घोषणा की. एयर इंडिया ने बोइंग और एयरबस दोनों के साथ सूची मूल्य पर 100 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के लगभग 500 जेट के लिए एक रिकॉर्ड ऑर्डर भी दिया.