नई दिल्ली : विमानन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी बोइंग ने कहा है कि उसने अमेरिका (मेसा, एरिजोना) में अपने अत्याधुनिक सेंटर में भारतीय सेना के लिए अपाचे हेलीकॉप्टरों का उत्पादन शुरू कर दिया है. भारतीय सेना के AH-64E अपाचे हेलीकॉप्टर, जो अपनी उन्नत तकनीक और असाधारण प्रदर्शन के लिए प्रसिद्ध हैं. बोइंग ने कहा कि ये विमान भारतीय सेना की परिचालन तत्परता बढ़ाने और रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए तैयार होंगे.
बोइंग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, उत्पादन प्रक्रिया टाटा बोइंग एयरोस्पेस लिमिटेड (टीबीएएल) के साथ चल रहे सहयोग पर आधारित है. जारी बयान के अनुसार, टाटा बोइंग एयरोस्पेस लिमिटेड (टीबीएएल) भारत के हैदराबाद में अपने अत्याधुनिक सेंटर में एएच-64ई फ्यूजलेज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.
इस साल की शुरुआत में, टीबीएएल ने भारतीय सेना को पहला AH-64 अपाचे सौंपा था. बोइंग इंडिया के अध्यक्ष सलिल गुप्ते ने कहा कि हम भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. अपाचे हेलीकॉप्टरों का उत्पादन इसी कड़ी में महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. जिसे हासिल करके हम प्रसन्न हैं. प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि AH-64 की अत्याधुनिक तकनीक और युद्ध-परीक्षणित प्रदर्शन भारतीय सेना की परिचालन प्रभावशीलता और रक्षात्मक क्षमताओं को बढ़ाएगा. कंपनी की उपलब्धियों में 2020 में भारतीय वायु सेना को 22 AH-64E अपाचे की सफल डिलीवरी शामिल है.
साइट कार्यकारी क्रिस्टीना उपा ने जोर देकर कहा कि AH-64E दुनिया का प्रमुख अटैक हेलीकॉप्टर है. समझौते के अनुसार बोइंग प्रमुख घटकों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है जबकि इसके साथ ही वह 300 से अधिक स्थानीय भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रहा है. जो भारत में एक लचीले और परस्पर जुड़े एयरोस्पेस पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक शानदार अवसर की तरह है.
भारत से एक बिलियन डॉलर से अधिक की वार्षिक सोर्सिंग के साथ, विकास के उत्प्रेरक के रूप में बोइंग की भूमिका तकनीकी क्षेत्र से परे फैली हुई है. बोइंग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, कंपनी भारत में 5,000 से अधिक व्यक्तियों को रोजगार देती है. इसकी आपूर्ति श्रृंखला में 13000 से अधिक भागीदारों का सहयोग लिया जाता है. बोइंग का कहना है कि वह सामुदायिक जुड़ाव को बढ़ावा देती है जिससे 500,000 से अधिक व्यक्तियों के जीवन सकारात्मक रूप प्रभावित होते हैं.
(एएनआई)