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मुंबई: कांदिवली में फर्जी टीकाकरण का खुलासा, पुलिस को दी जाएगी सीरम से मिली जानकारी

30 मई को फर्जी तरीके से कोविड-19 टीकाकरण शिविर आयोजित करने और करीब 390 लोगों को ठगने के संबंध में पुलिस ने अब तक यादव समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है.

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Published : Jun 25, 2021, 12:06 AM IST

mumbai fake vaccintion drive
कांदिवली में फर्जी टीकाकरण का खुलासा

मुंबई: मुंबई के कांदिवली में पिछले महीने एक आवासीय परिसर में फर्जी टीकाकरण की घटना के संबंध में एक महिला को बुधवार को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने बताया कि उक्त महिला, मामले में सह आरोपियों को फर्जी पहचान पत्र और प्रमाण पत्र मुहैया कराती थी.

एक अधिकारी ने बताया कि महिला की पहचान गुड़िया यादव के रूप में की गई है जो गोरेगांव में एक टीकाकरण केंद्र से जुड़ी है. आवासीय परिसर में 30 मई को फर्जी तरीके से कोविड-19 टीकाकरण शिविर आयोजित करने और करीब 390 लोगों को ठगने के संबंध में पुलिस ने अब तक यादव समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं, यह भी जानकारी मिली है कि इस टीकाकरण के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले टीके गुजरात और दीव दमन के हैं.

बता दें, मुंबई नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने इस मामले में बताते हुए कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा भेजे गए एक पत्र के माध्यम से इस फर्जी टीकाकरण का खुलासा हुआ. उन्होंने कहा कि इस घटना की जानकारी पुलिस को दी जाएगी और आगे की जांच का जाएगी. क्षेत्र के निवासियों ने कांदिवली थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि टीकाकरण के बाद किसी को बुखार नहीं होने के कारण उनके साथ ठगी की गयी है. नगर पालिका ने मामले को संज्ञान में लेते हुए सीरम इंस्टीट्यूट को पत्र लिखा था.

पढ़ें: भारत में कोविड टीकाकरण का दायरा बढ़कर 30.72 करोड़ हुआ

पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट को लिखे लेटर में जानकारी मांगी गई है कि टीकाकरण के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले टीकों के बैच कहां बांटे गए. काकानी के मुताबिक, कांदिवली में इस्तेमाल होने वाले टीकों की आपूर्ति गुजरात और दीव दमन को की गई थी. वहीं, पुलिस ने अभी तक खाली विलेयों को जब्त नहीं किया है इसलिए प्रमाण पत्र के बैच नंबर से मामले की जांच की जा रही है. काकानी ने कहा कि यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि निवासियों को वास्तव में कोविड के टीके लगाए गए थे या कुछ और.

मुंबई: मुंबई के कांदिवली में पिछले महीने एक आवासीय परिसर में फर्जी टीकाकरण की घटना के संबंध में एक महिला को बुधवार को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने बताया कि उक्त महिला, मामले में सह आरोपियों को फर्जी पहचान पत्र और प्रमाण पत्र मुहैया कराती थी.

एक अधिकारी ने बताया कि महिला की पहचान गुड़िया यादव के रूप में की गई है जो गोरेगांव में एक टीकाकरण केंद्र से जुड़ी है. आवासीय परिसर में 30 मई को फर्जी तरीके से कोविड-19 टीकाकरण शिविर आयोजित करने और करीब 390 लोगों को ठगने के संबंध में पुलिस ने अब तक यादव समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं, यह भी जानकारी मिली है कि इस टीकाकरण के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले टीके गुजरात और दीव दमन के हैं.

बता दें, मुंबई नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने इस मामले में बताते हुए कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा भेजे गए एक पत्र के माध्यम से इस फर्जी टीकाकरण का खुलासा हुआ. उन्होंने कहा कि इस घटना की जानकारी पुलिस को दी जाएगी और आगे की जांच का जाएगी. क्षेत्र के निवासियों ने कांदिवली थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि टीकाकरण के बाद किसी को बुखार नहीं होने के कारण उनके साथ ठगी की गयी है. नगर पालिका ने मामले को संज्ञान में लेते हुए सीरम इंस्टीट्यूट को पत्र लिखा था.

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पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट को लिखे लेटर में जानकारी मांगी गई है कि टीकाकरण के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले टीकों के बैच कहां बांटे गए. काकानी के मुताबिक, कांदिवली में इस्तेमाल होने वाले टीकों की आपूर्ति गुजरात और दीव दमन को की गई थी. वहीं, पुलिस ने अभी तक खाली विलेयों को जब्त नहीं किया है इसलिए प्रमाण पत्र के बैच नंबर से मामले की जांच की जा रही है. काकानी ने कहा कि यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि निवासियों को वास्तव में कोविड के टीके लगाए गए थे या कुछ और.

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