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यूपी : बीजेपी और मुसलमानों की दूरी पाटेंगे 'अल्पसंख्यक दूत' - लखनऊ न्यूज

सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के लक्ष्य पर भारतीय जनता पार्टी ने चलने को लेकर बड़ा अभियान शुरू किया है. भाजपा अपने अल्पसंख्यक मोर्चा को मजबूत कर रही है. वर्तमान मुस्लिम कार्यकर्ताओं और नेताओं की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य भाजपा ने शुरू किया है. संख्या अभी 22 हजार से अधिक है, उसको 44 हजार तक पहुंचाए जाने के लिए भाजपा प्रयासरत है.

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Published : Sep 8, 2021, 9:58 PM IST

लखनऊः 26 वर्षीय खुर्शीद आलम कॉलेज के समय एबीवीपी से जुड़े और इसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा के साथ काम करने लगे. कड़ी मेहनत के दम पर खुर्शीद आगे बढ़ते रहे और अब वे भाजपा अवध क्षेत्र में भाजयुमो के मीडिया प्रभारी बना दिए गए हैं. केवल खुर्शीद ही नहीं भाजपा में मुसलमानों को अहम जिम्मेदारियां देने का सिलसिला चल पड़ा है.

वहीं एमएलसी बनाकर मोहसिन रजा को मंत्री बनाया गया है. सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के लक्ष्य पर भारतीय जनता पार्टी ने चलने को लेकर बड़ा अभियान शुरू किया है. भाजपा अपने अल्पसंख्यक मोर्चा को मजबूत कर रही है. वर्तमान मुस्लिम कार्यकर्ताओं और नेताओं की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य भाजपा ने शुरू किया है. मुस्लिम कार्यकर्ताओं की संख्या अभी 22 हजार से अधिक है, उसको 44 हजार तक पहुंचाए जाने का लक्ष्य रखा गया है. इस दिशा में बीजेपी ने कार्य भी शुरू कर दिया है.

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी बताते हैं कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ गरीब मुसलमानों को जमकर मिल रहा है. भाजपा को गांव के गरीब मुसलमानों से अपेक्षा है कि, वे पुरानी मान्याताओं को तोड़कर भाजपा को उसकी योजनाओं के नाम पर विधानसभा चुनाव 2022 विधानसभा चुनाव में जरूर वोट देंगे. तीन तलाक के मसले पर भाजपा ने मुस्लिम महिलाओं को राहत दी है. अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं हैं. जिसका असर निश्चित तौर पर विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा.

मुस्लिम बाहुल्य मोहल्लों में जाएंगे कार्यकर्ता

भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के करीब 44,000 सदस्यों को राज्य भर में अल्पसंख्यकों के बीच काम करने के लिए तैनात किया जा रहा है. वे मुस्लिम बाहुल्य मोहल्लों में जाकर अल्पसंख्यकों की बेहतरी के लिए केंद्र और योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी देंगे. भाजपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ में लगभग 22,000 नेता और कार्यकर्ता फिलहाल हैं. जल्द ही 44,000 कार्यकर्ताओं की टीम तैयार हो जाएगी. 2019 में, जब तीन तलाक को अपराध घोषित करने वाला, कानून केंद्र सरकार ने बनाया तो योगी सरकार ने इस प्रथा के कारण पीड़ित महिलाओं के लिए 500 रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता की घोषणा की थी.

इसे भी पढ़ें- यूपी विधानसभा चुनाव 2022: केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को बनाया गया चुनाव प्रभारी, अनुराग ठाकुर सहित सात सह प्रभारी

भारतीय जनता युवा मोर्चा अवध क्षेत्र में मीडिया प्रभारी खुर्शीद आलम बताते हैं कि राष्ट्रवादी मुसलमान भाजपा के साथ हैं. केंद्र और राज्य की सरकार ने कभी भी भेद नहीं किया है. सभी सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अल्पसंख्यकों को बराबर मिला है. जिससे सरकार की लोकप्रियता मुसलमानों के बीच बढ़ती जा रही है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता नवीन श्रीवास्तव बताते हैं कि, सभी सरकारी योजनाएं जैसे किसान सम्मान निधि, उज्जवला, पीएम आवास, इज्जत घर, मुफ्त स्वास्थ्य बीमा और अन्य सुविधाओं का लाभ मुसलमानों को बराबर मिला है. मीडिया प्रभारी ने कहा कि, इस बार भाजपा की जीत में मुसलमानों का योगदान ज्यादा दिखाई देगा.

2017 विधानसभा चुनाव के परिणाम वाले दिन बसपा प्रमुख मायावती इस बार पर जबरदस्त तरीके से नाराज नजर आई थीं. वो इसलिए कि, ऐसे बूथ पर जहां 98 फीसदी मुसलमान है, वहां भाजपा को वोट क्यों मिला है. साथ ही मुस्लिम बाहुल्य वाली सीट पर भी जीत हासिल हुई थी. मायावती ने इसको लेकर ईवीएम पर ठीकरा फोड़ा था. मगर भाजपा नेताओं का मानना था कि, उनको मुस्लिमों ने भी वोट दिया है.

लखनऊः 26 वर्षीय खुर्शीद आलम कॉलेज के समय एबीवीपी से जुड़े और इसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा के साथ काम करने लगे. कड़ी मेहनत के दम पर खुर्शीद आगे बढ़ते रहे और अब वे भाजपा अवध क्षेत्र में भाजयुमो के मीडिया प्रभारी बना दिए गए हैं. केवल खुर्शीद ही नहीं भाजपा में मुसलमानों को अहम जिम्मेदारियां देने का सिलसिला चल पड़ा है.

वहीं एमएलसी बनाकर मोहसिन रजा को मंत्री बनाया गया है. सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के लक्ष्य पर भारतीय जनता पार्टी ने चलने को लेकर बड़ा अभियान शुरू किया है. भाजपा अपने अल्पसंख्यक मोर्चा को मजबूत कर रही है. वर्तमान मुस्लिम कार्यकर्ताओं और नेताओं की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य भाजपा ने शुरू किया है. मुस्लिम कार्यकर्ताओं की संख्या अभी 22 हजार से अधिक है, उसको 44 हजार तक पहुंचाए जाने का लक्ष्य रखा गया है. इस दिशा में बीजेपी ने कार्य भी शुरू कर दिया है.

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी बताते हैं कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ गरीब मुसलमानों को जमकर मिल रहा है. भाजपा को गांव के गरीब मुसलमानों से अपेक्षा है कि, वे पुरानी मान्याताओं को तोड़कर भाजपा को उसकी योजनाओं के नाम पर विधानसभा चुनाव 2022 विधानसभा चुनाव में जरूर वोट देंगे. तीन तलाक के मसले पर भाजपा ने मुस्लिम महिलाओं को राहत दी है. अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं हैं. जिसका असर निश्चित तौर पर विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा.

मुस्लिम बाहुल्य मोहल्लों में जाएंगे कार्यकर्ता

भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के करीब 44,000 सदस्यों को राज्य भर में अल्पसंख्यकों के बीच काम करने के लिए तैनात किया जा रहा है. वे मुस्लिम बाहुल्य मोहल्लों में जाकर अल्पसंख्यकों की बेहतरी के लिए केंद्र और योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी देंगे. भाजपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ में लगभग 22,000 नेता और कार्यकर्ता फिलहाल हैं. जल्द ही 44,000 कार्यकर्ताओं की टीम तैयार हो जाएगी. 2019 में, जब तीन तलाक को अपराध घोषित करने वाला, कानून केंद्र सरकार ने बनाया तो योगी सरकार ने इस प्रथा के कारण पीड़ित महिलाओं के लिए 500 रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता की घोषणा की थी.

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भारतीय जनता युवा मोर्चा अवध क्षेत्र में मीडिया प्रभारी खुर्शीद आलम बताते हैं कि राष्ट्रवादी मुसलमान भाजपा के साथ हैं. केंद्र और राज्य की सरकार ने कभी भी भेद नहीं किया है. सभी सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अल्पसंख्यकों को बराबर मिला है. जिससे सरकार की लोकप्रियता मुसलमानों के बीच बढ़ती जा रही है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता नवीन श्रीवास्तव बताते हैं कि, सभी सरकारी योजनाएं जैसे किसान सम्मान निधि, उज्जवला, पीएम आवास, इज्जत घर, मुफ्त स्वास्थ्य बीमा और अन्य सुविधाओं का लाभ मुसलमानों को बराबर मिला है. मीडिया प्रभारी ने कहा कि, इस बार भाजपा की जीत में मुसलमानों का योगदान ज्यादा दिखाई देगा.

2017 विधानसभा चुनाव के परिणाम वाले दिन बसपा प्रमुख मायावती इस बार पर जबरदस्त तरीके से नाराज नजर आई थीं. वो इसलिए कि, ऐसे बूथ पर जहां 98 फीसदी मुसलमान है, वहां भाजपा को वोट क्यों मिला है. साथ ही मुस्लिम बाहुल्य वाली सीट पर भी जीत हासिल हुई थी. मायावती ने इसको लेकर ईवीएम पर ठीकरा फोड़ा था. मगर भाजपा नेताओं का मानना था कि, उनको मुस्लिमों ने भी वोट दिया है.

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