नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव की मतगणना के बाद हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने तृणमूल कांग्रेस पर हमला बोला है. बीजेपी इस समय एक्शन में है. हिंसा के 2 दिन बाद बीजेपी ने दावा किया है कि उसके 9 कार्यकर्ता मौत के घाट उतार दिए गए हैं. बता दें, तृणमूल कांग्रेस पर हमले की कमान भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने खुद संभाली है.
हालांकि, सवाल इस बात पर भी उठाए जा रहे हैं कि चुनावी परिणाम आने के बाद भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और बंगाल के नेता 2 दिन तक आखिर चुप क्यों रहे और इस चुनावी हिंसा को देखते हुए भी कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया है. जिसका नतीजा इतने कार्यकर्ताओं की मौत के रूप में सामने आया. चारों तरफ हो रही इस हिंसा की आलोचना के बाद सोमवार देर शाम पार्टी में अंदर खाने बैठक की गई और उसके बाद आगे की रणनीति तैयार की गई. जिसमें पार्टी की तरफ से टीएमसी और ममता बनर्जी पर चौतरफा हमला करने का प्लान बनाया गया.
यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस विरोध का कमान खुद अपने हाथों में लिया है. पार्टी की तरफ से मंगलवार को राजधानी दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ममता बनर्जी और उनकी पार्टी पर कई सवाल उठाए साथ ही अपने कार्यकर्ताओं को यह भी भरोसा दिलाया कि भारतीय जनता पार्टी अब एक भी कार्यकर्ता की हत्या नहीं होने देगी इसी सिलसिले में जेपी नड्डा खुद पश्चिम बंगाल के दो दिनों के दौरे पर हैं. इस हिंसा पर वह खुद रिपोर्ट तैयार करेंगे, ईटीवी भारत संवाददाता अनामिका रत्ना के सवाल पर उन्होंने कहा की जेपी नड्डा इस हिंसा पर खुद नजर बनाए हुए हैं और इसकी रिपोर्ट भी वही तैयार करेंगे.
इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के ही दूसरे राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने इस मामले को लेकर अदालत का भी दरवाजा खटखटाया है. हालांकि, भारतीय जनता पार्टी अभी तक सीधे-सीधे राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग नहीं कर रही, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ से फोन पर बात कर पश्चिम बंगाल का पूरा ब्यौरा लिया. यही नहीं गृह मंत्रालय ने भी इस पर संज्ञान लेते हुए पश्चिम बंगाल सरकार से इस पर रिपोर्ट मंगवाई है.
वैसे भी पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा को लेकर ममता बनर्जी की चौतरफा आलोचना हो रही है और इसी से परेशान ममता बनर्जी ने भी प्रदेश के तमाम आलाधिकारियों के साथ बैठक की.
मगर वक्त की नजाकत को देखकर बीजेपी भी कदम फूंक-फूंक कर उठा रही है और यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पश्चिम बंगाल पहुंचकर यह कहा कि चुनाव नतीजों के बाद जो घटनाएं देखने और सुनने को मिली उससे वह हतप्रभ है यह घटनाएं चिंता में डालती हैं. ऐसी घटनाएं भारत के विभाजन के समय भी उन्होंने नहीं सुनी थी, लेकिन आजाद भारत में चुनाव के नतीजों के बाद इतनी असहिष्णुता उन्होंने आज तक नहीं देखी.
पार्टी सीधे तौर पर राष्ट्रपति शासन की मांग तो नहीं कर रही लेकिन केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी की तरफ से अभी आने वाले दिनों में इन घटनाओं को लेकर बैठकों का दौर जारी रहेगा और साथ ही भारतीय जनता पार्टी इस पर देशव्यापी धरना प्रदर्शन भी बुधवार को आयोजित कर रही है. जिसमें पार्टी का दावा है कि कोविड-19 के नियम कानूनों और प्रोटोकॉल को देखते हुए ही यह धरना प्रदर्शन हर जिले में किए जाएंगे. पार्टी के आला नेता इसे मानवाधिकार का मामला भी बता रहे हैं क्योंकि चुनाव के नतीजों के बाद बड़े पैमाने पर महिलाओं केसाथ भी हिंसा हुई है. जिसका संज्ञान लेते हुए महिला आयोग ने भी पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी है.
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पश्चिम बंगाल में भले ही भारतीय जनता पार्टी चुनाव हार गई हो, लेकिन जिस तरह के चुनाव नतीजों के बाद पश्चिम बंगाल में हिंसा और आगजनी के मामले हुए और महिलाओं के साथ अभद्रता की गई यहां तक कि पार्टी ने आरोप लगाया कि 4000 उनके कार्यकर्ताओं के घर जला दिए गए. ऐसे में बीजेपी की हार दूसरे राज्यों पर प्रभाव जरूर डालेगी. इन मामलों को पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव तक जनता को याद दिलाती रहेगी. पार्टी कुछ ऐसी ही रणनीति और वहां की घटनाओं पर स्लाइड तैयार कर रही है जिन्हें लेकर पार्टी जनता के बीच में भी जा सकती है.