नई दिल्ली : पेट्रोल और डीजल पर केंद्र के उत्पाद शुल्क घटाने के दो दिनों बाद भारतीय जनता पार्टी ने मूल्य वर्धित कर (वैट) नहीं घटाने को लेकर शुक्रवार को विपक्षी दलों की आलोचना की और तेल की ऊंची कीमतों को लेकर उन पर तुच्छ राजनीति करने का आरोप लगाया. भाजपा ने कहा कि विपक्ष पेट्रोल और डीजल की ऊंची कीमतों को लेकर केंद्र पर हमले कर रहा है, लेकिन जब केंद्र सरकार ने उत्पाद शुल्क घटाया तब उन्होंने अपने-अपने शासन वाले राज्यों में वैट क्यों नहीं घटाया.
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पार्टी शासित राज्यों ने केंद्र द्वारा आम आदमी को दी गई राहत को और अधिक बढ़ाने के लिए ईंधन पर वैट घटा दिया, लेकिन कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) जैसे विपक्षी दल शासित राज्यों ने ऐसा नहीं किया.
भाटिया ने कहा, 'यदि केंद्र और भाजपा शासित राज्य लोगों को राहत दे सकते हैं तो फिर कांग्रेस शासित राज्य क्यों नहीं दे सकते?' भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासित राज्य ‘निर्मम और अक्षम’ हैं.
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उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तेल की ऊंची कीमतों को लेकर कुछ दिन पहले केंद्र सरकार पर जेबकतरों से सावधान और उगाही करने का तंज किया था. भाजपा नेता ने कहा कि ऐसा लगता है कि कांग्रेस से बड़ा जेबकतरा कोई नहीं है.
भाटिया ने कहा कि कांग्रेस शासित राजस्थान में पेट्रोल पर वैट 32.19 रुपये है और यह विपक्षी गठबंधन (महाविकास आघाड़ी) नीत महाराष्ट्र में 31 रुपये हैं, जबकि भाजपा शासित राज्यों, उत्तर प्रदेश में 21.86 रुपये और उत्तराखंड में 20.46 रुपये है.
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने दिवाली की पूर्व संध्या पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर उत्पाद शुल्क में क्रमश: पांच रुपये और 10 रुपये की कटौती की थी. भाटिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने लोगों से जुटाये गये अतिरिक्त कर का उपयोग राष्ट्र निर्माण और जन कल्याण के लिए किया. उन्होंने कहा कि 19 लाख करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष नकद अंतरण (डीबीटी) किया गया है और गरीबों को मुफ्त राशन दिया गया.
(पीटीआई-भाषा)