मुंबई : अभिनेता सोनू सूद के खिलाफ आयकर विभाग की कार्रवाई पर शिवसेना ने भाजपा की आलोचना की है. शिवसेना ने कहा कि सोनू सूद की तारीफ करने वाली बीजेपी अब उन्हें टैक्स चोर बता रही है क्योंकि अभिनेता ने दिल्ली और पंजाब सरकारों द्वारा उनके सामाजिक कार्यों में उनके साथ हाथ मिला लिया है.
पार्टी के मुखपत्र सामना में एक संपादकीय में शिवसेना ने कहा कि सूद के खिलाफ कार्रवाई बेईमानी है. कहा कि जो पार्टी दुनिया में सबसे अधिक सदस्य होने का दावा करती है, उसके पास एक बड़ा दिल भी होना चाहिए. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि आईटी अधिकारी बुधवार को मुंबई में सूद से जुड़े परिसर और कुछ अन्य जगहों पर कथित कर चोरी की जांच के लिए छापेमारी की थी.
शिवसेना ने कहा कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के मंत्रियों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करना, राज्य विधान परिषद में नामांकन के लिए राज्यपाल पर 12 सदस्यों को रोकने के लिए दबाव डालना और सोनू सूद जैसे अभिनेता के खिलाफ छापेमारी करना छोटे और संकीर्ण दिमाग का संकेत है. यह बेईमानी है और परिणाम भुगतना होगा.
COVID-19 महामारी की पहली लहर के दौरान सोनू सूद तब सुर्खियों में आए जब वे गरीब प्रवासी मजदूरों के मसीहा के रूप में उभरे थे. उन्होंने राष्ट्रीय लॉकडाउन के दौरान लोगों को उनके गृह राज्य में काफी मदद की थी. तब जपा ने उनकी प्रशंसा की थी और कहा था कि जो सूद कर सकते हैं, वह काम एमवीए सरकार क्यों नहीं कर सकती. लेकिन जब सूद अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार के शैक्षिक कार्यक्रम के ब्रांड एंबेसडर बने तो आईटी ने उनके खिलाफ छापेमारी की.
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ दल ने आगे कहा कि भाजपा नेता पहले उनके सभी कार्यक्रमों जैसे 16 शहरों में ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करने, उनके छात्रवृत्ति कार्यक्रमों में मौजूद रहे हैं. यहां तक कि महाराष्ट्र के राज्यपाल बीएस कोश्यारी ने भी उन्हें राजभवन बुलाया और उनके प्रयासों की प्रशंसा की थी.
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लेकिन जब दिल्ली और पंजाब की सरकारों ने उनके सामाजिक कार्यों में उनके साथ हाथ मिलाने की कोशिश की तो अभिनेता कर चोर बन गए. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा कि जो लोग भाजपा से नहीं जुड़े हैं उन्हें जांच एजेंसियों के माध्यम से परेशान करना एक आदर्श बन गया है.