लखनऊ : विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गुरुवार को सांसदों की बैठक के दूसरे दिन सांसदों को मिशन 2022 का टास्क दिया. सभी सांसदों को जनता के बीच जाने और जनता से संपर्क, संवाद और उन्हें केंद्र व राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने का निर्देश दिया.
कोरोना वैक्सीनेशन सेंटर पर सांसदों को जाकर वैक्सीन लगवाने के लिए जनता को जागरूक करने की बात भी कही गई है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बीजेपी के प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह, प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल सहित तमाम बड़े नेता उपस्थित रहे. सूत्रों की मानें ताे योगी मंत्रिमंडल का विस्तार अगस्त के पहले सप्ताह में करने की जानकारी है.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने यूपी के भाजपा सांसदों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की. उन्होंने कहा कि जनता के बीच जाइए और अपने अच्छे काम बताइए. उन्होंने कहा कि विपक्ष की नकारात्मक भूमिका को भी जनता के बीच जाकर बताना चाहिए. किस प्रकार विपक्षी नेताओं ने जनकल्याणकारी योजनाओं में दखलअंदाजी की और कोरोना के संकट काल के दौरान विपक्षी दल के नेता किस प्रकार से घर बैठे रहे, जबकि भारतीय जनता पार्टी सेवा ही संगठन के माध्यम से जनता के बीच रही और जनता की सेवा की. भाजपा सांसद उत्तर प्रदेश में 16 अगस्त से जनता के बीच जाएंगे और अपने कामकाज की जानकारी देंगे.
विधान परिषद की रिक्त सीटों पर मनोनयन की चर्चा
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल के साथ सांसदों की बैठक से पहले भी एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. इसमें उत्तर प्रदेश विधान परिषद की रिक्त हुईं 4 सीटों पर मनोनयन को लेकर भी बातचीत हुई और बीजेपी प्रदेश नेतृत्व से मनोनयन किए जाने वाले नेताओं के पैनल की जानकारी भी ली गई. विधान परिषद जाने वाले में जिन प्रमुख नेताओं के नामों की चर्चा है उनमें लक्ष्मीकांत बाजपेई, जितिन प्रसाद, संजय निषाद, जेपीएस राठौर और दयाशंकर सिंह के नाम शामिल हैं. इसके अलावा अमित पुरी का नाम भी चर्चा में है.
मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल होने वाले चेहरों पर हुई बातचीत
सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय नेतृत्व से हरी झंडी मिलने के बाद यूपी मंत्रिमंडल का विस्तार अगस्त के प्रथम सप्ताह में किए जाने के संकेत हैं. जानकारी के अनुसार, योगी मंत्रिमंडल के इस संभावित विस्तार में जातीय समीकरणों के साथ-साथ क्षेत्रीय असंतुलन को भी दूर करने की कोशिश की जा सकती है.
मंत्रिमंडल में उन चेहरों को तवज्जो दी जा सकती है, जो संगठन में लंबे समय से रहे हैं. योगी सरकार में उन जातियों को भी इस मंत्रिमंडल विस्तार में प्रतिनिधित्व मिल सकता है, जिनकी भागीदारी या तो नहीं है या फिर बहुत ही कम है. इस मंत्रिमंडल विस्तार में ब्राह्मण चेहरों के साथ-साथ दलित और ओबीसी चेहरे को भी शामिल किए जाने की बात हो रही है.
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सूत्रों का कहना है कि पिछले कुछ महीने पहले कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाले पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री जितिन प्रसाद के नाम को लेकर भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के बीच सहमति नहीं बन पा रही है. जितिन के बजाय भारतीय जनता पार्टी के तमाम बड़े नेता बीजेपी यूपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ लक्ष्मीकांत बाजपेई को मंत्रिमंडल में जगह दिए जाने की पैरवी कर रहे हैं.