लखनऊ : उत्तरप्रदेश के सुल्तानपुर से बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. वरुण केंद्र और यूपी सरकार को कठघरे में खड़ा करने का मौका नहीं चूक रहे हैं. इन दिनों उन्होंने भारत सरकार की अग्निपथ स्कीम के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.
सोमवार को उन्होंने अग्निपथ योजना पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया है कि जब एक नौजवान का सपना मरता है, तो पूरे देश का सपना मरता है. क्या 4 साल के पश्चात अग्निवीरों का सम्मानजनक पूनर्वास होगा? मेरा मानना है कि जब तक समाज के आखिरी व्यक्ति की आवाज न सुनी जाए, तब तक कोई भी कानून का निर्माण न हो.
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आदरणीय @rajnathsingh जी,
— Varun Gandhi (@varungandhi80) June 16, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
'अग्निपथ' योजना को लेकर देश के युवाओं के मन में कई सवाल हैं।
युवाओं को असमंजस की स्थिति से बाहर निकालने के लिए सरकार अतिशीघ्र योजना से जुड़े नीतिगत तथ्यों को सामने रख कर अपना पक्ष साफ करे।
जिससे देश की युवा ऊर्जा का सकारात्मक उपयोग सही दिशा में हो सके। pic.twitter.com/6UkcR4FEBJ
">आदरणीय @rajnathsingh जी,
— Varun Gandhi (@varungandhi80) June 16, 2022
'अग्निपथ' योजना को लेकर देश के युवाओं के मन में कई सवाल हैं।
युवाओं को असमंजस की स्थिति से बाहर निकालने के लिए सरकार अतिशीघ्र योजना से जुड़े नीतिगत तथ्यों को सामने रख कर अपना पक्ष साफ करे।
जिससे देश की युवा ऊर्जा का सकारात्मक उपयोग सही दिशा में हो सके। pic.twitter.com/6UkcR4FEBJआदरणीय @rajnathsingh जी,
— Varun Gandhi (@varungandhi80) June 16, 2022
'अग्निपथ' योजना को लेकर देश के युवाओं के मन में कई सवाल हैं।
युवाओं को असमंजस की स्थिति से बाहर निकालने के लिए सरकार अतिशीघ्र योजना से जुड़े नीतिगत तथ्यों को सामने रख कर अपना पक्ष साफ करे।
जिससे देश की युवा ऊर्जा का सकारात्मक उपयोग सही दिशा में हो सके। pic.twitter.com/6UkcR4FEBJ
रविवार को भी बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय के बयान को लेकर तीखा हमला बोला था. कैलाश विजयवर्गीय ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अग्निवीरों को सिक्युरिटी गार्ड की नौकरी देने की बात कही थी. वरुण गांधी ने लिखा था कि जिस महान सेना की वीर गाथाएं कह सकने में समूचा शब्दकोश असमर्थ हो, जिनके पराक्रम का डंका समस्त विश्व में गुंजायमान हो, उस भारतीय सैनिक को किसी राजनीतिक दफ़्तर की ‘चौकीदारी’ करने का न्यौता, उसे देने वाले को ही मुबारक. भारतीय सेना माँ भारती की सेवा का माध्यम है, महज एक ‘नौकरी’ नहीं.
18 जून यानी शनिवार को अग्निपथ स्कीम में संशोधन पर उन्होंने टिप्पणी की थी. उन्होंने सरकार को आड़े हाथ लेते हुए ट्वीट किया था कि अग्निपथ योजना' को लाने के बाद महज कुछ घंटे के भीतर इसमें किए गए संशोधन यह दर्शाते हैं कि संभवतः योजना बनाते समय सभी बिंदुओं को ध्यान में नहीं रखा गया. जब देश की सेना, सुरक्षा और युवाओं के भविष्य का सवाल हो तो ‘पहले प्रहार फिर विचार’ करना एक संवेदनशील सरकार के लिए उचित नहीं. इससे पहले 16 जून को वरुण गांधी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर अग्निपथ योजना को लेकर सवाल खड़े किए थे.
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जब एक नौजवान का सपना मरता है, तो पूरे देश का सपना मरता है।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) June 20, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
क्या 4 साल के पश्चात अग्निवीरों का सम्मानजनक पूनर्वास होगा? मेरा मानना है कि जब तक समाज के आखिरी व्यक्ति की आवाज न सुनी जाए, तब तक कोई भी कानून का निर्माण न हो।
पूरा विडीओ यहाँ देखें – https://t.co/uvlVlm13xt pic.twitter.com/Ywo1iAfyHR
">जब एक नौजवान का सपना मरता है, तो पूरे देश का सपना मरता है।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) June 20, 2022
क्या 4 साल के पश्चात अग्निवीरों का सम्मानजनक पूनर्वास होगा? मेरा मानना है कि जब तक समाज के आखिरी व्यक्ति की आवाज न सुनी जाए, तब तक कोई भी कानून का निर्माण न हो।
पूरा विडीओ यहाँ देखें – https://t.co/uvlVlm13xt pic.twitter.com/Ywo1iAfyHRजब एक नौजवान का सपना मरता है, तो पूरे देश का सपना मरता है।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) June 20, 2022
क्या 4 साल के पश्चात अग्निवीरों का सम्मानजनक पूनर्वास होगा? मेरा मानना है कि जब तक समाज के आखिरी व्यक्ति की आवाज न सुनी जाए, तब तक कोई भी कानून का निर्माण न हो।
पूरा विडीओ यहाँ देखें – https://t.co/uvlVlm13xt pic.twitter.com/Ywo1iAfyHR
बता दें कि मोदी 2.0 की सरकार के शपथ लेने के बाद से ही वरुण गांधी ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ बयानबाजी शुरू कर दी थी. किसान आंदोलन और लखीमपुर गोलीकांड की घटना के बाद उन्होंने प्रदेश की योगी सरकार पर भी जोरदार हमला बोला था. एमएसपी की घोषणा को मांग को लेकर उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार को चिट्ठी लिखी थी. उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में भी बीजेपी कैंडिडेट के लिए प्रचार नहीं किया था. हाल ही में उन्होंने बेरोजगारी के मसले पर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा था.