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बीजेपी विधायक का कटा चालान तो हुए लाल-पीले, पुलिस को फेंककर दिए पैसे

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Published : Jun 15, 2021, 8:01 PM IST

कोरोना का खतरा अभी भी कम नहीं हुआ है. बावजूद इसके बीजेपी विधायक मानने को तैयार नहीं है. रुड़की से बीजेपी विधायक प्रदीप बत्रा मसूरी में बिना मास्क के घूम रहे थे, पुलिस ने जब उन्हें रोका तो वे रौब दिखाने लगे और पुलिस अधिकारी से बदसलूकी पर उतारू हो गए.

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मसूरी : उत्तराखंड में कोरोना की रफ्तार कम होते ही लोगों ने गाइडलाइन का उल्लंघन करना शुरू कर दिया है. आम लोग तो छोड़िए माननीय भी इसमें पीछे नहीं हैं. हालांकि, पुलिस किसी को भी नहीं छोड़ रही है. मसूरी में परिवार के साथ घूमने आए रुड़की के बीजेपी विधायक प्रदीप बत्रा का पुलिस ने मास्क नहीं पहनने पर चालान काट दिया. ये बात विधायक बत्रा को नागवार गुजरा और उन्होंने सत्ताधारी पार्टी के विधायक होने की हनक भी दिखाई, लेकिन पुलिसकर्मी ने उनकी एक नहीं सुनी.

कोरोना कर्फ्यू में ढील मिलते ही पर्यटक मसूरी और आसपास के हिल स्टेशनों का रूख करने लगे है. रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा परिवार संग मसूरी घूमने पहुंचे थे. विधायक बत्रा माल रोड पर बिना मास्क लगाए घूम रहे थे, तभी उन्हें पुलिस ने रोक लिया और मास्क नहीं पहनने के लिए टोका तो विधायक जी लाल-पीले हो गए.

चालान कटने परपुलिस को फेंककर दिए पैसे.

पुलिस अधिकारी पर सत्ता का रौब दिखाने लगे. लेकिन पुलिस अधिकारी ने विधायक की एक न सुनी और मास्क नहीं पहनने पर उनका 500 रुपए का चालान काट दिया. इसके बाद विधायक चालान के पैसे फेंकते हुए वहां से चले गए.

विधायक ने दी सफाई.

पढ़ें- हरिद्वार कुंभ में कोरोना जांच पर उठे सवाल, सैंपल सबसे ज्यादा और संक्रमित सबसे कम

इस बारे में एसआई नीरज कठैत ने बताया कि कुछ लोग झुंड में माल रोड पर घूम रहे थे, जिसमें से एक व्यक्ति ने मास्क नहीं पहना हुआ था. उन्हें मास्क पहनने और कोरोना गाइडलाइन का पालन करने के लिए कहा गया तो वो व्यक्ति भाजपा का कोई कार्ड दिखा कर खुद को रुड़की विधायक बताने लगा. लेकिन पुलिस ने उनका 500 रुपए का चालान कर दिया.

विधायक की सफाई

विधायक प्रदीप बत्रा ने कहा कि उन्होंने पूरे समय मास्क पहना हुआ था और वे अपने परिवार के साथ घूमने निकले थे. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखे हुए थे. वहां मौजूद दारोगा ने उनसे बदसलूकी की है. उस समय वह नहीं चाहते थे कि परिवार के साथ घूमते हुए वे परेशान हों, इसीलिए बात को बढ़ाए बिना उन्होंने वहां से लौटना उचित समझा.

विधायक प्रदीप बत्रा ने कहा कि उनका चालान गलत किया गया है. वह चाहते हैं कि उनका चालान निरस्त किया जाए. जीरो टालरेंस की सरकार में उनसे गलत तरीके से 500 रुपए का चालान के रूप में लिए गए हैं, जो वापस मिलने चाहिए.

पढ़ेंः IIT Ropar के वैज्ञानिकों ने बनाया बिना बिजली के चलने वाला 'जीवन वायु'

मसूरी : उत्तराखंड में कोरोना की रफ्तार कम होते ही लोगों ने गाइडलाइन का उल्लंघन करना शुरू कर दिया है. आम लोग तो छोड़िए माननीय भी इसमें पीछे नहीं हैं. हालांकि, पुलिस किसी को भी नहीं छोड़ रही है. मसूरी में परिवार के साथ घूमने आए रुड़की के बीजेपी विधायक प्रदीप बत्रा का पुलिस ने मास्क नहीं पहनने पर चालान काट दिया. ये बात विधायक बत्रा को नागवार गुजरा और उन्होंने सत्ताधारी पार्टी के विधायक होने की हनक भी दिखाई, लेकिन पुलिसकर्मी ने उनकी एक नहीं सुनी.

कोरोना कर्फ्यू में ढील मिलते ही पर्यटक मसूरी और आसपास के हिल स्टेशनों का रूख करने लगे है. रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा परिवार संग मसूरी घूमने पहुंचे थे. विधायक बत्रा माल रोड पर बिना मास्क लगाए घूम रहे थे, तभी उन्हें पुलिस ने रोक लिया और मास्क नहीं पहनने के लिए टोका तो विधायक जी लाल-पीले हो गए.

चालान कटने परपुलिस को फेंककर दिए पैसे.

पुलिस अधिकारी पर सत्ता का रौब दिखाने लगे. लेकिन पुलिस अधिकारी ने विधायक की एक न सुनी और मास्क नहीं पहनने पर उनका 500 रुपए का चालान काट दिया. इसके बाद विधायक चालान के पैसे फेंकते हुए वहां से चले गए.

विधायक ने दी सफाई.

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इस बारे में एसआई नीरज कठैत ने बताया कि कुछ लोग झुंड में माल रोड पर घूम रहे थे, जिसमें से एक व्यक्ति ने मास्क नहीं पहना हुआ था. उन्हें मास्क पहनने और कोरोना गाइडलाइन का पालन करने के लिए कहा गया तो वो व्यक्ति भाजपा का कोई कार्ड दिखा कर खुद को रुड़की विधायक बताने लगा. लेकिन पुलिस ने उनका 500 रुपए का चालान कर दिया.

विधायक की सफाई

विधायक प्रदीप बत्रा ने कहा कि उन्होंने पूरे समय मास्क पहना हुआ था और वे अपने परिवार के साथ घूमने निकले थे. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखे हुए थे. वहां मौजूद दारोगा ने उनसे बदसलूकी की है. उस समय वह नहीं चाहते थे कि परिवार के साथ घूमते हुए वे परेशान हों, इसीलिए बात को बढ़ाए बिना उन्होंने वहां से लौटना उचित समझा.

विधायक प्रदीप बत्रा ने कहा कि उनका चालान गलत किया गया है. वह चाहते हैं कि उनका चालान निरस्त किया जाए. जीरो टालरेंस की सरकार में उनसे गलत तरीके से 500 रुपए का चालान के रूप में लिए गए हैं, जो वापस मिलने चाहिए.

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