नई दिल्ली: बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. प्रेम शुक्ला ने कहा कि उद्धव ठाकरे अपनी पार्टी से विश्वास खो चुके हैं और शिंदे सरकार को पूर्ण बहुमत है और चुनाव कराने का कोई मतलब ही नहीं बनता. उद्धव ठाकरे अनर्गल बयान दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे के साथ अब शिवसेना के बहुत कम नेता रह गए हैं, जो उनके साथ हैं भी, धीरे-धीरे विश्वास खोते जा रहे हैं, फिर भी उद्धव ठाकरे अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं.
प्रेम शुक्ला ने कहा कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे ने पार्टी हितों की अनदेखी कर हुए सिर्फ अपना स्वार्थ देखा और बेमेल गठबंधन किया और इसी वजह से शिवसेना टूट कर एकनाथ शिंदे के पास आ गई और अब यही असली शिवसेना है. उद्धव ठाकरे भले ही मध्यावधि चुनाव की बात करें, मगर शिंदे की सरकार को पूर्ण बहुमत प्राप्त है, इसीलिए चुनाव का कोई मतलब ही नहीं बनता.
इस सवाल पर कि उद्धव ठाकरे ने कहा है कि 11 जुलाई के बाद यह पता चल जाएगा कि कौन संवैधानिक है और कौन असंवैधानिक, इसका जवाब देते हुए भाजपा नेता ने कहा है कि यह बात तो पहले ही साफ हो चुकी है कि जनता ने और जनप्रतिनिधियों ने उद्धव ठाकरे को सिरे से नकार दिया है और जनप्रतिनिधि सभी एकनाथ शिंदे के साथ आ चुके हैं और यह जवाब तो उद्धव ठाकरे को पहले ही मिल चुका है.
इस सवाल पर कि क्या कुछ सांसद भी शिवसेना के संपर्क में हैं, उन्होंने कहा कि यह बात तो महाराष्ट्र का बच्चा-बच्चा जानता है कि अब कुछ विरले ही लोग उद्धव ठाकरे के साथ हैं. उन्होंने कहा कि सांसद, पूर्व सांसद, विधानसभा परिषद के सदस्य, पार्षद भी, सभी एकनाथ शिंदे के साथ है, इसमें नई बात कोई नहीं.
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साथ ही उद्धव ठाकरे के इस बयान पर कि यदि भारतीय जनता पार्टी ने यह कदम पहले उठाया होता तो महाराष्ट्र विकास अघाड़ी का गठन ही नहीं हो पाता, उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे ने चुनाव बीजेपी के साथ लड़ा और स्वार्थ के कारण सोनिया गांधी से मिलकर शिवसेना को 'सोनिया सेना' बना डाली, महारष्ट्र विकास अघाडी का गठन तो उद्धव ठाकरे की वजह से हुआ, इसलिए तो उन्हें 2019 के बाद जितने भी चुनाव हुए उनमें जनता ने नकार दिया.