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ओडिशा: जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार खोलने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर - भाजपा नेता समीर मोहंती याचिका दायर की

ओडिशा के पुरी में विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार (खजाना) को खोलने की मांग की गई है. ओडिशा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर इसके आदेश देने की मांग की गई है.

Etv BharatBJP leader files PIL in Odisha High Court for opening of Jagannath Temples Ratna Bhandar
Etv Bharatओडिशा: जगन्नाथ मंदिर में रत्न भंडार खोलने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर
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Published : Jul 2, 2023, 7:25 AM IST

भुवनेश्वर: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता समीर मोहंती ने शनिवार को ओडिशा उच्च न्यायालय के समक्ष एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की, जिसमें पुरी में जगन्नाथ भगवान के रत्न भंडार (खजाना) को खोलने की मांग की गई है. अधिकारियों के अनुसार, भाजपा नेता ने मरम्मत और सजावट की सूची के लिए पुरी में भगवान जगन्नाथ के रत्न भंडार (खजाना) खोलने की अनुमति देने के लिए ओडिशा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की.

अधिकारियों ने बताया कि जनहित याचिका में, ओडिशा भाजपा के पूर्व अध्यक्ष ने श्री जगन्नाथ मंदिर की डुप्लीकेट चाबी या रत्न भंडार की (केंद्रीय जांच ब्यूरो) सीबीआई से जांच कराने की भी मांग की. श्रीजगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार की डुप्लीकेट चाबी को लेकर बीजेपी नेता समीर मोहंती ने सीबीआई जांच की मांग की है. इस बीच, भगवान जगन्‍नाथ के बड़ाग्रही जगन्‍नाथ स्वैन महापात्र ने गुरुवार को वर्षों से पवित्र त्रिमूर्ति के नियमित अनुष्ठानों के दौरान पुराने आभूषणों के उपयोग पर नाराजगी व्यक्त की.

भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहन-भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा ने गुरुवार शाम को 'राजराजेश्वर बेशा' धारण किया, जो 'सुना बेशा' के नाम से मशहूर है. दंतकथा के अनुसार, राजा कपिलेंद्र देब एक पड़ोसी राज्य पर विजय प्राप्त करके भारी मात्रा में सोने के आभूषण लाए थे. उन्होंने 1460 में मंदिर को सभी मूल्यवान सोना टन के हिसाब से दान कर दिया था. तब से रथ यात्रा के दौरान 'सुना बेशा' देवताओं के लिए एक प्रमुख अनुष्ठान रहा है.

ये भी पढ़ें-Jagannath Rath Yatra 2023 : जानिए भगवान जगन्नाथ का रथ देर शाम कहां तक पहुंचा, भगदड़ में 14 लोग घायल

पुराने दिनों में कपिलेंद्र देबा के शासनकाल के दौरान, देवताओं ने लगभग 138 डिज़ाइन के सोने के आभूषण पहने थे. लेकिन आजकल देवी-देवताओं को केवल 35 प्रकार के आभूषणों से ही सजाया जाता है. इन आभूषणों का वजन 208 किलोग्राम है. पुरी जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार करीब चार दशकों से नहीं खुला है. भगवान जगन्नाथ के 'सुना बेशा' को देखने के लिए 15 लाख से अधिक लोग पुरी पहुंचे.

(एएनआई)

भुवनेश्वर: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता समीर मोहंती ने शनिवार को ओडिशा उच्च न्यायालय के समक्ष एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की, जिसमें पुरी में जगन्नाथ भगवान के रत्न भंडार (खजाना) को खोलने की मांग की गई है. अधिकारियों के अनुसार, भाजपा नेता ने मरम्मत और सजावट की सूची के लिए पुरी में भगवान जगन्नाथ के रत्न भंडार (खजाना) खोलने की अनुमति देने के लिए ओडिशा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की.

अधिकारियों ने बताया कि जनहित याचिका में, ओडिशा भाजपा के पूर्व अध्यक्ष ने श्री जगन्नाथ मंदिर की डुप्लीकेट चाबी या रत्न भंडार की (केंद्रीय जांच ब्यूरो) सीबीआई से जांच कराने की भी मांग की. श्रीजगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार की डुप्लीकेट चाबी को लेकर बीजेपी नेता समीर मोहंती ने सीबीआई जांच की मांग की है. इस बीच, भगवान जगन्‍नाथ के बड़ाग्रही जगन्‍नाथ स्वैन महापात्र ने गुरुवार को वर्षों से पवित्र त्रिमूर्ति के नियमित अनुष्ठानों के दौरान पुराने आभूषणों के उपयोग पर नाराजगी व्यक्त की.

भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहन-भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा ने गुरुवार शाम को 'राजराजेश्वर बेशा' धारण किया, जो 'सुना बेशा' के नाम से मशहूर है. दंतकथा के अनुसार, राजा कपिलेंद्र देब एक पड़ोसी राज्य पर विजय प्राप्त करके भारी मात्रा में सोने के आभूषण लाए थे. उन्होंने 1460 में मंदिर को सभी मूल्यवान सोना टन के हिसाब से दान कर दिया था. तब से रथ यात्रा के दौरान 'सुना बेशा' देवताओं के लिए एक प्रमुख अनुष्ठान रहा है.

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पुराने दिनों में कपिलेंद्र देबा के शासनकाल के दौरान, देवताओं ने लगभग 138 डिज़ाइन के सोने के आभूषण पहने थे. लेकिन आजकल देवी-देवताओं को केवल 35 प्रकार के आभूषणों से ही सजाया जाता है. इन आभूषणों का वजन 208 किलोग्राम है. पुरी जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार करीब चार दशकों से नहीं खुला है. भगवान जगन्नाथ के 'सुना बेशा' को देखने के लिए 15 लाख से अधिक लोग पुरी पहुंचे.

(एएनआई)

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