नई दिल्ली : वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को सबसे ज्यादा दान मिला. उसे दान के जरिए 614.6 करोड़ रुपये प्राप्त हुए. उसके बाद कांग्रेस पार्टी आती है जिसे 95.4 करोड़ रुपये दान में मिले. ये खुलासा पोल वॉचडॉग एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा जारी एक रिपोर्ट ने मंगलवार को किया गया है.
पिछले वित्त वर्ष के लिए राष्ट्रीय दलों द्वारा घोषित ₹20,000 से ऊपर का कुल दान ₹780.77 करोड़ था, जिसे 7,141 करोड़ दानदाताओं ने दिया था. भाजपा की ओर से घोषित दान की बात की जाए तो उसे 4,957 दान में कुल ₹614.626 करोड़ रुपये मिले. कांग्रेस को 1,255 दान दाताओं से ₹95.45 करोड़ मिले.
भाजपा द्वारा घोषित दान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (सीपीआई-एम), पीपुल्स पार्टी (एनपीईपी) और अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी) से तीन गुना से अधिक है.
लगातार 16वें साल बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने घोषणा की कि उसे 20,000 रुपये से अधिक का चंदा नहीं मिला है. रिपोर्ट में कहा गया है, 'वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान राष्ट्रीय दलों के कुल दान में 187.026 करोड़ की वृद्धि हुई, जो पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 से 31.50% अधिक है.'
बीजेपी को 2020-21 के दौरान ₹477.545 करोड़ रुपये दान मिला था, जो 2021-22 के दौरान बढ़कर ₹614.626 करोड़ हो गया है. यानी 28.71% की वृद्धि हुई है. कांग्रेस का दान वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान ₹74.524 करोड़ था, जो वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान ₹95.459 करोड़ हो गया, यानी 28.09% की वृद्धि हुई है.
कार्पोरेट सेक्टर से सबसे ज्यादा दान : रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान पार्टियों को सबसे ज्यादा चंदा कॉर्पोरेट/व्यावसायिक क्षेत्रों से मिला. बिजनेस सेक्टर से 2,551 दानदाताओं ने ₹625.883 करोड़ रुपये दान किए. ये रकम कुल दान का 80.16% है. जबकि 4,506 व्यक्तिगत दानदाताओं ने पार्टियों को ₹153.328 करोड़ रुपये दान किए. यानी कुल दान का 19.63 प्रतिशत.