नई दिल्ली : किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार से लेकर भाजपा तक सक्रिय है. केंद्र सरकार के मंत्रियों से लेकर भाजपा नेताओं को किसान आंदोलन और कृषि कानूनों पर भ्रम दूर करने को कहा गया है. यही कारण है कि सभी नेता और मंत्री मैदान में उतर आए हैं.
किसानों की बात सुनने के लिए तैयार सरकार
भारतीय जनता पार्टी के नेता सुदेश वर्मा ने ईटीवी भारत को बताया कि विपक्षियों ने किसान आंदोलन का राजनीतिकरण कर दिया है. वह मौका ढूंढते रहते हैं कि कैसे राजनीति की जाए. संसद में वह कुछ कर नहीं सकते. चुनाव में वह लगातार हार रहे हैं. सरकार किसानों की बात सुनने के लिए तैयार है और अगर किसानों को कोई भ्रम है तो वह सरकार से विचार विमर्श कर सकते हैं.
कानून में संशोधन को सरकार तैयार
सुदेश वर्मा ने कहा कि जरूरत पड़ने पर सरकार कानून में कुछ संशोधन भी कर सकती है, लेकिन इस आंदोलन को जो रूप देने का प्रयास किया जा रहा है, वह देश के लिए सही नहीं है. कोई भी देश इस तरह से नहीं चलता कि संसद में कानून बन जाए और उसका विरोध हो तो उसे खत्म कर दिया जाए. सुदेश वर्मा ने कहा कि कोई भी देश कानून के हिसाब से चलता है और अगर उसके खिलाफ कुछ हो तो उस पर चर्चा हो सकती है, लेकिन आप पूरे कानून को ही रद्द करने की मांग करेंगे तो यह उचित नहीं है.