नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35-A हटने के बाद यहां होने वाले जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव और शहरी स्थानीय निकाय और पंचायत उपचुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने कमर कस ली है. जम्मू-कश्मीर जिला विकास परिषद चुनाव में बीजेपी इस तरह से तैयारियां कर रही है जैसे कोई विधानसभा या लोक सभा का चुनाव हो. बता दें, अनुच्छेद 370 और 35-A के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर की जनता पहली बार वोट करेगी. यह चुनाव भारतीय जनता पार्टी के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
केंद्रीय नेताओं की फौज तैयार
बीजेपी ने नवंबर-दिसंबर में होने वाले डीडीसी चुनाव और स्थानीय निकाय और पंचायत की सीटों के लिए केंद्रीय नेताओं की एक पूरी टीम तैयार की है. जिसकी शुरुआत केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कुपवाड़ा में एक चुनावी सभा को संबोधित करके की थी. उसके बाद पूर्व मंत्री और केंद्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन को भी कश्मीर के दौरे पर भेजा था.
केंद्रीय मंत्री करेंगे चुनावी सभा
इसके अलावा जम्मू कश्मीर के आदमपुर से बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के भी कई कार्यक्रम लगाए गए हैं. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, कृष्ण पाल गुर्जर, रमेश पोखरियाल 'निशंक' और अनुराग ठाकुर जैसे केंद्रीय मंत्रियों की भी कई चुनावी सभाएं होनी हैं. इसके अलावा राज्य सभा सांसद और केंद्रीय प्रवक्ता सांसद जफर इस्लाम को भी जम्मू-कश्मीर के दौरे पर भेजा जा रहा है. वहीं, दक्षिण दिल्ली के गुर्जर समुदाय के प्रमुख नेता रमेश बिधूड़ी को भी चार दिनों के लिए जम्मू में बकरवाल समुदाय के समर्थन हासिल करने के लिए भेजा जा चुका है.
बीजेपी के लिए चुनाव बना नाक का सवाल
भाजपा अलग-अलग जाति, धर्म और संप्रदाय के नेताओं को जम्मू-कश्मीर में भेजकर अलग-अलग समुदायों के मतदाताओं के बीच पैठ बनाने की कोशिश कर रही है. बकरवाल समुदाय हाल ही में जम्मू-कश्मीर द्वारा चलाए गए अतिक्रमण विरोधी अभियान की वजह से नाराज है, क्योंकि अनंतनाग जिले के पहलगाम क्षेत्र में गुर्जरों के साथ-साथ इन लोगों के भी अस्थाई मकानों को ढहा दिया गया था. पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने गुर्जरों और बकरवाल समुदाय का साथ देते हुए केंद्र की सरकार पर तमाम आरोप भी लगाए थे. इस वजह से बकरवाल और गुर्जर समुदाय के बीच भरोसा जीतना केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी के लिए काफी महत्वपूर्ण बन गया है.
सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने दिया बयान
ईटीवी से बात करते हुए भारतीय जनता पार्टी के सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी का कहना है कि यह मुद्दा सिर्फ श्रीनगर के कुछ जिलों में सामने आया है. जम्मू में ऐसा कोई मामला नहीं है. उन्होंने कहा कि किसी के घरों से उनको नहीं हटाया जाएगा और उन्हें उसी जगह पर पक्के मकान दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि वह चार दिनों तक इस क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं और लोग मोदी सरकार के काम से खासा खुश नजर आ रहे हैं.
सोशल मीडिया को बनाया चुनाव प्रचार का हथियार
भारतीय जनता पार्टी जम्मू और कश्मीर दोनों के लिए अलग-अलग नीतियों पर चुनाव प्रचार कर रही है, जहां भारतीय जनता पार्टी के नेता जम्मू में गुपकार डिक्लेरेशन के खिलाफ मुहिम छेड़ेंगे. इस डिक्लेरेशन को राष्ट्र विरोधी बताते हुए इसमें शामिल तमाम पार्टियों के खिलाफ प्रचार प्रसार भी करेंगे. वहीं कश्मीर को लेकर भारतीय जनता पार्टी की अलग रणनीति है. सूत्रों की मानें, तो पार्टी के सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए 900 लोगों की 20 टीमें और हर जिले में एक टीम बनाई गई है. दूसरी पार्टियों की तरफ से किए जा रहे अनुच्छेद 370 और 35-A को हटाने से संबंधित दुष्प्रचार को लेकर भी पार्टी अपनी सफाई इन डिजिटल रैलियों के माध्यम से पेश करेगी. इसके साथ ही आने वाले दिनों में जम्मू और कश्मीर के विकास के लिए केंद्र सरकार और क्या करेगी और किस तरह क्षेत्र में विकास करेगी इन बातों को भी पार्टी के द्वारा बनाए गए लगभग 9000 वॉट्सएप ग्रुप के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जाएगा.
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विकास के पथ पर ले जाना चाहती है बीजेपी
भारतीय जनता पार्टी डिजिटल रैलियों के माध्यम से लोगों में यह विश्वास दिलाने की कोशिश करेगी कि सरकार और भाजपा जम्मू-कश्मीर को विकास के पथ पर ले जाना चाहती है और उनके पुराने घाव को भरना चाहती है. इस वजह से वह मोदी सरकार और भाजपा के प्रति अपना विश्वास जगाएं.