नई दिल्ली : सात देशों के समूह बिम्सटेक के महासचिव तेनजिन लेकफेल बिम्सटेक के सहकारी एजेंडे को आगे ले जाने के रास्ते तलाशने के लिए सोमवार (22 अगस्त) से भारत की चार दिवसीय यात्रा करेंगे. भारत क्षेत्रीय सहयोग के लिए बिम्सटेक को एक जीवंत मंच बनाने के समन्वित प्रयास कर रहा है, क्योंकि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (दक्षेस) के तहत उठाए गए कदम विभिन्न कारणों से आगे नहीं बढ़ रहे हैं.
भारत के अलावा बिम्सटेक (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल) में श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमा, थाइलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं. श्रीलंका में 30 मार्च को हुए पांचवें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के नेताओं ने समूह को क्षेत्रीय सहयोग के लिए जीवंत मंच बनाने के वास्ते एक चार्टर और संपर्क की रूपरेखा अपनाई थी. इस चार्टर का मकसद बिम्सटेक को व्यापक क्षेत्रीय संगठन में बदलना है.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "तेनजिन लेकफेल भारत के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा करेंगे कि बिम्सटेक संगठन और सदस्यों देशों के बीच सहयोग को उसके नेताओं के आदेश के अनुसार आगे कैसे ले जाया जाए." मंत्रालय ने कहा, "भारत बिम्सटेक मंच पर सुरक्षा सहयोग स्तंभ का नेतृत्व करता है, जिसमें आपदा प्रबंधन, समुद्री सहयोग और ऊर्जा सहयोग भी शामिल है. ये सभी क्षेत्र में एसडीजी (सतत विकास लक्ष्य) हासिल करने के लिए अहम हैं."
(पीटीआई-भाषा)