पटना : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने बुधवार को दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद मांझी की पार्टी हम एनडीए में शामिल हो गई. इसके बाद जीतन राम मांझी को नीतीश कुमार ने भेदिया बताते हुए महागठबंधन सहयोगियों की जासूसी करने का आरोप लगाया. नीतीश के आरोपों पर मांझी ने चुप्पी तोड़ी. साथ ही नीतीश कुमार और लालू यादव को बेईमान करार दिया है.
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'गद्दार मैं नहीं.. बेईमान नीतीश और लालू हैं' : हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने कहा कि 1990 में लालू यादव बीजेपी के समर्थन से बिहार के सीएम बने थे. एनडीए की सरकार में नीतीश केंद्र में रेल मंत्री बने थे. उन्होंने कहा कि बीजेपी के समर्थन से कई बार बिहार के सीएम तो तब कुछ ठीक था. लेकिन आज हमें महागठबंधन से बाहर कर दिया गया और हम एनडीए में शामिल हो गए हमें गद्दार कहा जा रहा है.
''मुझ पर जासूसी का आरोप लगाने वाले नीतीश कुमार ने कहा कि, उन्होंने मुझे अपनी पार्टी का जेडीयू में विलय करने या महागठबंधन से बाहर जाने को कहा था तो ऐसे में सोचिए अगर सिर्फ जासूसी का था तो क्या जेडीयू में विलय करने के बाद भी यह खतरा नहीं रहता. ऐसे में उनके आरोप झूठे है. उन्होंने गलत आरोप लगाया, भरोसा नहीं किया. जासूसी करना मेरा नहीं उनका स्वभाव है.'' - जीतनराम मांझी, संरक्षक, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा
मांझी ने पूछा- मोदी के मुकाबले कौन? : विपक्षी दलों की बैठक पर जीतन राम मांझी ने कहा कि विपक्षी दलों की एकता संभव नहीं दिखती है. सभी दलों के नेताओं की अपनी अपनी महत्वकांक्षा है. कर्नाटन में कांग्रेस की जीत से उनका उत्साह बढ़ा हुआ है. वो दूसरे दल का नेतृत्व कतई स्वीकार नहीं करेंगे. लेकिन आज नरेन्द्र मोदी के सामने विपक्ष के पास कोई चेहरा नहीं है.