कोयंबटूर: पुलिस ने रविवार को कहा कि झारखंड में बसे बिहार के एक 32 वर्षीय व्यक्ति को तिरुपुर में अपने फेसबुक पर गलत जानकारी पोस्ट करने और प्रवासी श्रमिकों के बारे में फेक वीडियो पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. तिरुपुर साइबर अपराध की एक विशेष टीम ने अपनी निगरानी जारी रखी और झारखंड के लातेहार जिले के हेनेगरे गांव में बसे बिहार के मूल निवासी आरोपी प्रशांत कुमार को ऐसे वीडियो पोस्ट करने के लिए ढूंढ निकाला, जैसे कि उत्तर भारतीय प्रवासी श्रमिकों पर हमला किया गया हो.
उन्होंने कहा कि वहां कैंप कर रही टीम ने 11 मार्च को प्रशांत कुमार को गिरफ्तार किया और लातेहार की जिला अदालत में पेश किया. उन्होंने कहा कि ट्रांजिट वारंट पर आरोपी को तिरुपुर लाया गया और तीसरे न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया और आज न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. अफवाह फैलाने के आरोप में तिरुपुर पुलिस बिहार के एक युवक को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. तमिलनाडु पुलिस ने इस संबंध में 11 मामले दर्ज किए हैं और तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने अपने बिहार समकक्ष नीतीश कुमार को आश्वस्त किया कि राज्य में सभी प्रवासी श्रमिक सुरक्षित हैं और उन्होंने कहा कि अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल ये पूरा मामला फेक वीडियो का था, जिसे वायरल किया गया था. जिसके जरिए ये बात फैलाने की कोशिश की गई थी कि बिहारी श्रमिकों को तमिलनाडु में मारा काटा जा रहा है. इस वायरल वीडियो को देखने के बाद बिहारी श्रमिकों के मन में काफी दहशत पैदा हो गई थी. मजदूर अपना काम काज छोड़कर बिहार आने लगे. बिहार में भी रह रहे कई लोगों को अपने रिश्तेदारों की चिंता होने लगी थी. तामिलनाडु की कई मिलें बंद हों गईं. ये भी अफवाह फैलाई गई थी कि बिहारियों को तामिलनाडु छोड़ने के लिए कहा जा रहा है, लेकिन मामले के तूल पकड़ने के बाद जब दोनों ही राज्यों की पुलिस ने जांच शुरू की तो पूरा मामला झूठा निकला.
यह भी पढ़ें: Tamil Nadu Viral Video Case : तमिलनाडु मामले में 3 गिरफ्तार, 42 यूजर्स को नोटिस