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बिहार में पेट्रोलियम के भंडार खोजेगी ONGC, राज्य सरकार ने दी मंजूरी - etv bharat

बिहार में सोने की खान के बाद पेट्रोलियम के भंडार होने का (Petroleum Reserves In Bihar) अनुमान है. इसके लिए ओएनजीसी द्वारा मांगी गई 'पेट्रोलियम एक्‍सप्‍लोरेशन लाइसेंस' को बिहार सरकार ने मंजूरी दे दिया है. इसके तहत अब ONGC बक्सर और समस्तीपुर के 360 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में गंगा के बेसिन में पेट्रोलियम पदार्थ की तलाश करेगी. अगर पेट्रोलियम का भंडार निकलता है तो ये बिहार के लिए बड़ी उपलब्धि होगी.

बिहार में पेट्रोलियम के भंडार खोजेगी ONGC
बिहार में पेट्रोलियम के भंडार खोजेगी ONGC
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Published : Jun 7, 2022, 7:52 PM IST

पटना : बिहार में सोने की खान के भंडार होने के अनुमान के बाद अब पेट्रोलियम पदार्थों के भंडार पाए जाने का अनुमान लगाया गया है. गंगा के बेसिन में समस्तीपुर और बक्सर के 360 वर्ग किलोमीटर के इलाके में इसकी प्रबल संभावना जताते हुए ONGC ने बिहार सरकार से पेट्रोलियम एक्‍सप्‍लोरेशन लाइसेंस (Petroleum Exploration License) के डिमांड की थी. बिहार सरकार ने ओएनजीसी की मांग को स्वीकृति देते हुए 'पेट्रोलियम एक्‍सप्‍लोरेशन लाइसेंस' दे दिया है. इस लाइसेंस के मिलने के बाद ओनजीसी संभावित 360 वर्ग किलोमीटर के इलाके (समस्तीपुर और बक्सर का गंगा बेसिन) में अत्याधुनिक तकनीक से तेल की खोज करेगी.

ये भी पढ़ें- बिहार की धरती उगलेगी सोना! सरकार ने देश के सबसे बड़े स्वर्ण भंडार की खोज की इजाजत दी

ओएनजीसी को मिला लाइसेंस: ONGC की मानें तो समस्तीपुर जिले के 308 किलोमीटर और बक्सर के 52.13 वर्ग क्षेत्र में पेट्रोलियम पदार्थ मिलने के संकेत मिल रहे हैं. इतने बड़े क्षेत्रफल में पेट्रोलियम पदार्थ खोजे जाने की अनुमति भी बिहार सरकार ने ओएनसीजी को दे दी है. बता दें कि तेल की खोज अत्याधुनिक तकनीक से किया जाएगा. गौरतलब है कि ONGC ने बिहार के खान और भूतत्व विभाग से पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन (अन्वेषण) के लिए लाइसेंस का आवेदन दिया था. आवेदन को सरकार ने स्वीकार कर लिया है.

2017-18 में भी ONGC ने दिए थे संकेत: खनन के लिए लाइसेंस प्राप्त करने के बाद, ओएनजीसी भूकंप डेटा रिकॉर्डिंग तकनीकों का उपयोग करके सर्वेक्षण किए गए क्षेत्रों के गुरुत्वाकर्षण बल और चुंबकीय बल का विश्लेषण करने की प्रक्रिया शुरू करेगा. नतीजे सकारात्मक आए तो जल्द ही कच्चे तेल की खोज शुरू हो जाएगी. इससे पहले 2017-2018 में भी, ओएनजीसी ने सीवान, पूर्णिया और बक्सर जिलों में तेल क्षेत्रों की संभावना के बारे में संकेत दिया था. कंपनी ने सिमरी गांव में कैंप लगाकर गंगा नदी, राजपुर कलां पंचायत और रघुनाथपुर के बेसिन में मिट्टी खोदी थी. तब उसके नमूने हैदराबाद में एक परीक्षण प्रयोगशाला में भेजे गए थे.

केंद्रीय मंत्री नित्यानंद ने क्या कहा? : समस्तीपुर जिले के सांसद और भारत सरकार के गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इस संबंध में कहा कि सरकार ने ONGC को पेट्रोलियम की खोज के लिए मंजूरी दे दी है. समस्तीपुर-बक्सर के गंगा बेसिन में अनुमान है कि पेट्रोलियम भंडार मिल जाएगा. समस्तीपुर में 308 किमी वर्ग क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक से तेल की खोज की जानी है. सर्वे के सकारात्मक परिणाम मिलते हैं तो खुदाई का काम शुरू किया जाएगा.

'समस्‍तीपुर-बक्सर के गंगा बेसिन में पेट्रोलियम का पता लगाने की स्वीकृति बिहार सरकार ने ओएनजीसी को दे दी है. 360 वर्ग किमी क्षेत्र में आधुनिक तरीके से पेट्रोलियम की खोज की जाएगी. पूरी उम्‍मीद है कि यहां तेल का विशाल भंडार जमीन में है. अगर यहां सर्वेक्षण में तेल मिल जाता है तो पूरे बिहार की सूरत बदल जाएगी': नित्‍यानंद राय, केंद्रीय गृह राज्‍य मंत्री

बिहार की धरती से निकलेगा पेट्रोल : अगर सबकुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में बिहार की तकदीर बदल सकती है. बालू और बाढ़ की बहुतायत वाले प्रदेश के भूगर्भ में कीमती वस्तुओं के मिलने की संभावना बढ़ती जा रही हैं. एक तरफ जमुई में देश के सबसे बड़ा सोने की खान होने की सुखद बात सामने आई है, तो दूसरी तरफ बक्सर और समस्तीपुर में पेट्रोलियम पदार्थों के होने की संभावना जताई जा रही है. बक्सर के जिलाधिकारी ने बताया कि इस आशय का पत्र जिला प्रशासन को प्राप्त हुआ था, कि गंगा के बेसिन में पेट्रोलियम पदार्थ हो सकतें हैं.

'हम लोगों को विभाग से उन क्षेत्रों के निरीक्षण के लिए बोला गया है जहां पर पेट्रोलियम पदार्थ पाए जाने का अनुमान लगाया जा रहा है. हम लोगों ने चिह्नित स्थानों का निरीक्षण कर विभाग को अनुशंसा भेजी थी जिसके बाद राज्य सरकार की ओर से अनुमति दे दी गई है.'- अमन समीर, जिलाधिकारी, बक्सर

जमुई में सोने की खान: ONGC को पेट्रोलियम एक्‍सप्‍लोरेशन लाइसेंस जारी करने से पहले बिहार सरकार ने जमुई जिले में 'देश के सबसे बड़े' स्वर्ण भंडार के अन्वेषण (Country Largest Gold Reserve) की एक तरह से अनुमति भी दे दी है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया था कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) के एक सर्वेक्षण के अनुसार, जमुई जिले में 37.6 टन खनिज युक्त अयस्क समेत लगभग 22.28 करोड़ टन सोने का भंडार (Gold Reserve In Bihar) मौजूद है.

'राज्य सरकार के एक महीने के भीतर जी-तीन (प्रारंभिक) चरण के अन्वेषण के लिए केंद्रीय एजेंसियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की संभावना है. कुछ क्षेत्रों में, जी दो (सामान्य) श्रेणी का अन्वेषण भी किया जा सकता है.'- हरजोत कौर बम्हरा, अतिरिक्त मुख्य सचिव सह खान आयुक्त

प्रह्लाद जोशी ने लिखित में दिया था जवाब : केंद्रीय खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पिछले साल लोकसभा को बताया था कि भारत के सोने के भंडार में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी बिहार की है. एक लिखित जवाब में जोशी ने कहा था कि बिहार में 22.28 करोड़ टन स्वर्ण धातु है, जो देश के कुल स्वर्ण भंडार का 44 प्रतिशत है. केंद्रीय मंत्री ने कहा था, 'नेशनल मिनरल इन्वेंटरी के अनुसार, देश में एक अप्रैल 2015 को प्राथमिक स्वर्ण अयस्क के कुल संसाधन 654.74 टन के साथ स्वर्ण धातु 50.18 करोड़ टन होने का अनुमान है और इसमें से बिहार के पास 22.28 करोड़ टन (44 प्रतिशत) अयस्क है जिसमें 37.6 टन धातु है.'

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पटना : बिहार में सोने की खान के भंडार होने के अनुमान के बाद अब पेट्रोलियम पदार्थों के भंडार पाए जाने का अनुमान लगाया गया है. गंगा के बेसिन में समस्तीपुर और बक्सर के 360 वर्ग किलोमीटर के इलाके में इसकी प्रबल संभावना जताते हुए ONGC ने बिहार सरकार से पेट्रोलियम एक्‍सप्‍लोरेशन लाइसेंस (Petroleum Exploration License) के डिमांड की थी. बिहार सरकार ने ओएनजीसी की मांग को स्वीकृति देते हुए 'पेट्रोलियम एक्‍सप्‍लोरेशन लाइसेंस' दे दिया है. इस लाइसेंस के मिलने के बाद ओनजीसी संभावित 360 वर्ग किलोमीटर के इलाके (समस्तीपुर और बक्सर का गंगा बेसिन) में अत्याधुनिक तकनीक से तेल की खोज करेगी.

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ओएनजीसी को मिला लाइसेंस: ONGC की मानें तो समस्तीपुर जिले के 308 किलोमीटर और बक्सर के 52.13 वर्ग क्षेत्र में पेट्रोलियम पदार्थ मिलने के संकेत मिल रहे हैं. इतने बड़े क्षेत्रफल में पेट्रोलियम पदार्थ खोजे जाने की अनुमति भी बिहार सरकार ने ओएनसीजी को दे दी है. बता दें कि तेल की खोज अत्याधुनिक तकनीक से किया जाएगा. गौरतलब है कि ONGC ने बिहार के खान और भूतत्व विभाग से पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन (अन्वेषण) के लिए लाइसेंस का आवेदन दिया था. आवेदन को सरकार ने स्वीकार कर लिया है.

2017-18 में भी ONGC ने दिए थे संकेत: खनन के लिए लाइसेंस प्राप्त करने के बाद, ओएनजीसी भूकंप डेटा रिकॉर्डिंग तकनीकों का उपयोग करके सर्वेक्षण किए गए क्षेत्रों के गुरुत्वाकर्षण बल और चुंबकीय बल का विश्लेषण करने की प्रक्रिया शुरू करेगा. नतीजे सकारात्मक आए तो जल्द ही कच्चे तेल की खोज शुरू हो जाएगी. इससे पहले 2017-2018 में भी, ओएनजीसी ने सीवान, पूर्णिया और बक्सर जिलों में तेल क्षेत्रों की संभावना के बारे में संकेत दिया था. कंपनी ने सिमरी गांव में कैंप लगाकर गंगा नदी, राजपुर कलां पंचायत और रघुनाथपुर के बेसिन में मिट्टी खोदी थी. तब उसके नमूने हैदराबाद में एक परीक्षण प्रयोगशाला में भेजे गए थे.

केंद्रीय मंत्री नित्यानंद ने क्या कहा? : समस्तीपुर जिले के सांसद और भारत सरकार के गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इस संबंध में कहा कि सरकार ने ONGC को पेट्रोलियम की खोज के लिए मंजूरी दे दी है. समस्तीपुर-बक्सर के गंगा बेसिन में अनुमान है कि पेट्रोलियम भंडार मिल जाएगा. समस्तीपुर में 308 किमी वर्ग क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक से तेल की खोज की जानी है. सर्वे के सकारात्मक परिणाम मिलते हैं तो खुदाई का काम शुरू किया जाएगा.

'समस्‍तीपुर-बक्सर के गंगा बेसिन में पेट्रोलियम का पता लगाने की स्वीकृति बिहार सरकार ने ओएनजीसी को दे दी है. 360 वर्ग किमी क्षेत्र में आधुनिक तरीके से पेट्रोलियम की खोज की जाएगी. पूरी उम्‍मीद है कि यहां तेल का विशाल भंडार जमीन में है. अगर यहां सर्वेक्षण में तेल मिल जाता है तो पूरे बिहार की सूरत बदल जाएगी': नित्‍यानंद राय, केंद्रीय गृह राज्‍य मंत्री

बिहार की धरती से निकलेगा पेट्रोल : अगर सबकुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में बिहार की तकदीर बदल सकती है. बालू और बाढ़ की बहुतायत वाले प्रदेश के भूगर्भ में कीमती वस्तुओं के मिलने की संभावना बढ़ती जा रही हैं. एक तरफ जमुई में देश के सबसे बड़ा सोने की खान होने की सुखद बात सामने आई है, तो दूसरी तरफ बक्सर और समस्तीपुर में पेट्रोलियम पदार्थों के होने की संभावना जताई जा रही है. बक्सर के जिलाधिकारी ने बताया कि इस आशय का पत्र जिला प्रशासन को प्राप्त हुआ था, कि गंगा के बेसिन में पेट्रोलियम पदार्थ हो सकतें हैं.

'हम लोगों को विभाग से उन क्षेत्रों के निरीक्षण के लिए बोला गया है जहां पर पेट्रोलियम पदार्थ पाए जाने का अनुमान लगाया जा रहा है. हम लोगों ने चिह्नित स्थानों का निरीक्षण कर विभाग को अनुशंसा भेजी थी जिसके बाद राज्य सरकार की ओर से अनुमति दे दी गई है.'- अमन समीर, जिलाधिकारी, बक्सर

जमुई में सोने की खान: ONGC को पेट्रोलियम एक्‍सप्‍लोरेशन लाइसेंस जारी करने से पहले बिहार सरकार ने जमुई जिले में 'देश के सबसे बड़े' स्वर्ण भंडार के अन्वेषण (Country Largest Gold Reserve) की एक तरह से अनुमति भी दे दी है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया था कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) के एक सर्वेक्षण के अनुसार, जमुई जिले में 37.6 टन खनिज युक्त अयस्क समेत लगभग 22.28 करोड़ टन सोने का भंडार (Gold Reserve In Bihar) मौजूद है.

'राज्य सरकार के एक महीने के भीतर जी-तीन (प्रारंभिक) चरण के अन्वेषण के लिए केंद्रीय एजेंसियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की संभावना है. कुछ क्षेत्रों में, जी दो (सामान्य) श्रेणी का अन्वेषण भी किया जा सकता है.'- हरजोत कौर बम्हरा, अतिरिक्त मुख्य सचिव सह खान आयुक्त

प्रह्लाद जोशी ने लिखित में दिया था जवाब : केंद्रीय खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पिछले साल लोकसभा को बताया था कि भारत के सोने के भंडार में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी बिहार की है. एक लिखित जवाब में जोशी ने कहा था कि बिहार में 22.28 करोड़ टन स्वर्ण धातु है, जो देश के कुल स्वर्ण भंडार का 44 प्रतिशत है. केंद्रीय मंत्री ने कहा था, 'नेशनल मिनरल इन्वेंटरी के अनुसार, देश में एक अप्रैल 2015 को प्राथमिक स्वर्ण अयस्क के कुल संसाधन 654.74 टन के साथ स्वर्ण धातु 50.18 करोड़ टन होने का अनुमान है और इसमें से बिहार के पास 22.28 करोड़ टन (44 प्रतिशत) अयस्क है जिसमें 37.6 टन धातु है.'

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