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चमत्कार : फेफड़े 100% संक्रमित होने के बाद भी कोरोना को दी मात - Lokhat Hospital surat

कोरोना जैसी घातक बीमारी में अगर किसी व्यक्ति के फेफड़े 100 प्रतिशत संक्रमित हो जाएं तो डॉक्टरों के लिए इलाज करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है. भरूच (गुजरात) के इरशाद शेख ने फेफड़े 100 प्रतिशत संक्रमित होने के बावजूद कोरोना को हरा दिया है. सूरत के लोखात अस्पताल में डॉक्टर से मिले इलाज और जीने की जिद के चलते इरशाद शेख महज 20 दिनों में ठीक हो गए. उनका कहना है कि कोरोना जैसी बीमारी किसी दुश्मन को भी नहीं होनी चाहिए.

इरशाद शेख
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Published : Jun 3, 2021, 4:14 PM IST

Updated : Jun 3, 2021, 5:12 PM IST

भरूच: गुजरात के भरूच शहर के रहने वाले 35 वर्षीय इरशाद शेख (Irshad Sheikh) के फेफड़े 100 प्रतिशत संक्रमित हो गए थे, इसके बावजूद वह कोरोना को मात देकर घर लौट आए हैं. सूरत के लोखात अस्पताल (Lokhat Hospital) में उनका 20 दिनों तक इलाज चला और डॉक्टरों की मेहनत से उन्हें नई जिंदगी मिली.

जानिए ठीक होने के बाद इरशाद ने क्या कहा..

इरशाद शेख को करीब एक महीने पहले पता चला कि वह कोरोना से संक्रमित हैं. भरूच के एक निजी अस्पताल में दो दिन इलाज के बाद उन्हें सूरत के लोखात अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

अस्पताल के फिजिशियन डॉ. भाविक देसाई ने कहा कि इरशाद के फेफड़े 100 प्रतिशत संक्रमित थे. ऑक्सीजन का स्तर 60 था. एनआरबीएम मास्क देने के बावजूद ऑक्सीजन का स्तर 80 बना रहा. इसलिए उन्हें 10 दिन बाय पेप और आठ दिन NRBM पर रखा गया. उन्हें अमेरिका में रोगियों को दी जाने वाली दवाएं भी दी गई, जिसमें रेमडेसिविर इंजेक्शन और प्लाज्मा थेरेपी भी शामिल हैं.

इरशाद शेख
इरशाद शेख

इरशाद शेख ने बताया कि भरूच में दो दिन इलाज कराने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें उनके भाई ने सूरत के लोखात अस्पताल में भर्ती कराया. डॉक्टरों और स्टाफ द्वारा दिए गए इलाज से ही वह ठीक हो पाए हैं.

इरशाद के साथ हुआ चमत्कार
इरशाद ने आगे कहा कि उन्होंने चमत्कारों के बारे में सुना था, लेकिन ठीक होने के बाद चमत्कार देख भी लिया. हृदय रोग से मां की मृत्यु हो गई. जबकि पिता को भी कोरोना संक्रमण हुआ था. पिता भी कोरोना से ठीक हो गए. इरशाद ने कहा कि वह अल्लाह से दुआ करते हैं कि इस तरह की बीमारी किसी दुश्मन को न हो, यह बीमारी दुनिया से खत्म हो जाए.

कोरोना से ठीक होने का दुर्लभ केस
डॉ. भाविक देसाई ने कहा कि फेफड़े 100 प्रतिशत संक्रमित होने के बावजूद कोरोना से ठीक होना बहुत ही कम देखने को मिलता है. रोगी का मजबूत मनोबल और उचित उपचार के कारण वह ठीक हो गए. ऑक्सीजन का स्तर 60 होने के बावजूद वेंटिलेटर की जरूरत नहीं थी.

यह भी पढ़ें- अगले पांच सालों में तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ने की संभावना

उन्होंने कहा कि महज 35 साल के होने के कारण उनकी इम्युनिटी भी अच्छी थी. मजबूत मनोबल के साथ वह एक गंभीर स्थिति से उभरे हैं. उन्हें हर तरह का इलाज दिया गया.

भरूच: गुजरात के भरूच शहर के रहने वाले 35 वर्षीय इरशाद शेख (Irshad Sheikh) के फेफड़े 100 प्रतिशत संक्रमित हो गए थे, इसके बावजूद वह कोरोना को मात देकर घर लौट आए हैं. सूरत के लोखात अस्पताल (Lokhat Hospital) में उनका 20 दिनों तक इलाज चला और डॉक्टरों की मेहनत से उन्हें नई जिंदगी मिली.

जानिए ठीक होने के बाद इरशाद ने क्या कहा..

इरशाद शेख को करीब एक महीने पहले पता चला कि वह कोरोना से संक्रमित हैं. भरूच के एक निजी अस्पताल में दो दिन इलाज के बाद उन्हें सूरत के लोखात अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

अस्पताल के फिजिशियन डॉ. भाविक देसाई ने कहा कि इरशाद के फेफड़े 100 प्रतिशत संक्रमित थे. ऑक्सीजन का स्तर 60 था. एनआरबीएम मास्क देने के बावजूद ऑक्सीजन का स्तर 80 बना रहा. इसलिए उन्हें 10 दिन बाय पेप और आठ दिन NRBM पर रखा गया. उन्हें अमेरिका में रोगियों को दी जाने वाली दवाएं भी दी गई, जिसमें रेमडेसिविर इंजेक्शन और प्लाज्मा थेरेपी भी शामिल हैं.

इरशाद शेख
इरशाद शेख

इरशाद शेख ने बताया कि भरूच में दो दिन इलाज कराने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें उनके भाई ने सूरत के लोखात अस्पताल में भर्ती कराया. डॉक्टरों और स्टाफ द्वारा दिए गए इलाज से ही वह ठीक हो पाए हैं.

इरशाद के साथ हुआ चमत्कार
इरशाद ने आगे कहा कि उन्होंने चमत्कारों के बारे में सुना था, लेकिन ठीक होने के बाद चमत्कार देख भी लिया. हृदय रोग से मां की मृत्यु हो गई. जबकि पिता को भी कोरोना संक्रमण हुआ था. पिता भी कोरोना से ठीक हो गए. इरशाद ने कहा कि वह अल्लाह से दुआ करते हैं कि इस तरह की बीमारी किसी दुश्मन को न हो, यह बीमारी दुनिया से खत्म हो जाए.

कोरोना से ठीक होने का दुर्लभ केस
डॉ. भाविक देसाई ने कहा कि फेफड़े 100 प्रतिशत संक्रमित होने के बावजूद कोरोना से ठीक होना बहुत ही कम देखने को मिलता है. रोगी का मजबूत मनोबल और उचित उपचार के कारण वह ठीक हो गए. ऑक्सीजन का स्तर 60 होने के बावजूद वेंटिलेटर की जरूरत नहीं थी.

यह भी पढ़ें- अगले पांच सालों में तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ने की संभावना

उन्होंने कहा कि महज 35 साल के होने के कारण उनकी इम्युनिटी भी अच्छी थी. मजबूत मनोबल के साथ वह एक गंभीर स्थिति से उभरे हैं. उन्हें हर तरह का इलाज दिया गया.

Last Updated : Jun 3, 2021, 5:12 PM IST
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