आदिलाबाद: तेलंगाना राष्ट्र समिति से भारत राष्ट्र समिति के रूप में अपना नाम बदलने के बाद सत्ता पक्ष ने पहली बार किसी दूसरे राज्य में चुनाव लड़ने का फैसला किया है. बताया जा रहा है कि बीआरएस ने महाराष्ट्र में आगामी स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इसी को लेकर रविवार व सोमवार को प्रगति भवन में बीआरएस के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री केसीआर ने आदिलाबाद जिले के सरकारी व्हिप बालका सुमन, विधायक जोगू रमन्ना, पूर्व सांसद गोडोम नागेश व अन्य राज्यों के नेताओं के साथ बैठक की.
बताया जा रहा है कि उन्होंने मंगलवार रात फिर नेताओं से बात की. इन लंबी चर्चाओं में यह फैसला किया गया है कि महाराष्ट्र में जिला पंचायत सदस्य (जेडपीटीसी) और पंचायती समिति सदस्य (एमपीटीसी) का चुनाव लड़ने का फैसला किया गया है. जानकारी सामने आ रही है कि एक पंचायत समिति के अधिकार क्षेत्र में तीन ZPTC तक और छह MPTC तक हैं, इसलिए सभी जगहों पर चुनाव लड़ने की चर्चा की गई है.
गौरतलब है कि इस चुनाव को महत्वपूर्ण के रूप में लेने का निर्णय लिया गया है, क्योंकि ZPTCs द्वारा जेपी के अध्यक्ष का चुनाव होने जा रहा है. तेलंगाना के बीआरएस नेताओं को महाराष्ट्र में जिलों के प्रभारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा. आदिलाबाद के विधायक जोगू रमन्ना और पूर्व सांसद गोडोम नागेश को आदिलाबाद से सटे महाराष्ट्र के यवतमाल, वर्धा और वसीम जिलों का प्रभारी नियुक्त किया गया है.
इन दोनों को नियमित रूप से उन तीन जिलों में आना-जाना लगा हुआ है. सरकारी सचेतक बालका सुमन को चंद्रपुर और गढ़चिरौली जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई है. पहले यह विचार किया गया था कि इनमें से प्रत्येक को एक-एक जिले की जिम्मेदारी दी जाए, लेकिन अंत में उन्हें दो या तीन जिलों की जिम्मेदारी दी गई है. डीसीसीबी के अध्यक्ष आदि भोजारेड्डी, संयुक्त जिले से पार्टी के वरिष्ठ नेता अरिगेला नागेश्वर राव और पूरणम सतीश भी इन चुनावों के लिए काम करेंगे.
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जानकारी सामने आ रही है कि उन्हें हर जिले की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. होली पर्व के बाद बीआरएस नेता महाराष्ट्र का व्यापक दौरा करेंगे. ग्रामीण स्तर के नेताओं को पार्टी में लाने और तेलंगाना में लागू की जा रही कल्याणकारी योजनाओं को लोगों को समझाने के लिए एक विशेष योजना तैयार की गई है.