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अकबरुद्दीन बोले, कोरोना से उत्पन्न चुनौतियों ने वैश्विक प्रशासन की कमियां उजागर कर दी

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Published : May 4, 2020, 1:54 PM IST

विश्व के कोरोनो वायरस के कारण स्वास्थ्य और मानवीय संकट में घिर जाने पर अकबरुद्दीन ने कहा कि वैश्विक महामारी के कारण पेश हो रही चुनौतियों ने वैश्विक प्रशासन प्रणाली की कमियां उजागर कर दी हैं.

अकबरुद्दीन
अकबरुद्दीन

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने कहा है कि कोविड-19 के कारण दुनिया के समक्ष पेश हो रही चुनौतियों ने वैश्विक प्रशासन प्रणाली की कमियों को उजागर कर दिया है.

कोविड-19 के कारण दुनियाभर की सरकारों के सघंर्ष की खबरों के बीच उनका यह बयान आया है. दुनियाभर में कोरोना वायरस के 35 लाख से अधिक मामले हैं और करीब 2,50,500 लोगों की इससे जान जा चुकी है. वहीं इससे निपटने के लिए लागू किये गये लॉकडाउन के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था धीमी पड़ गई है.

विश्व के कोरोनो वायरस के कारण स्वास्थ्य और मानवीय संकट में घिर जाने पर अकबरुद्दीन ने कहा कि वैश्विक महामारी के कारण पेश हो रही चुनौतियों ने वैश्विक प्रशासन प्रणाली की कमियां उजागर कर दी हैं.

उन्होंने कहा कि कई संकटों से निपटने के बाद हमें व्यवस्था को तत्काल मौजूदा समय के अनुसार बदलने की जरूरत होगी. अन्यथा वैश्विक शासन संकट नए तरह से व्यवस्था के सामान्य होने में बाधक बनेगा.

उन्होंने कहा घरेलू स्तर पर विभिन्न तरह की चुनौतियों का सामना करने के बावजूद भारत ने कोविड-19 से निपटने के लिए वैश्विक सार्वजनिक वस्तुओं के क्षेत्रीय और बहुपक्षीय स्तरों की आपूर्ति से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग के साथ काम करने की अपनी क्षमता दिखाई.

अकबरुद्दीन 30 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थानीय प्रतिनिधि के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं.

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने कहा है कि कोविड-19 के कारण दुनिया के समक्ष पेश हो रही चुनौतियों ने वैश्विक प्रशासन प्रणाली की कमियों को उजागर कर दिया है.

कोविड-19 के कारण दुनियाभर की सरकारों के सघंर्ष की खबरों के बीच उनका यह बयान आया है. दुनियाभर में कोरोना वायरस के 35 लाख से अधिक मामले हैं और करीब 2,50,500 लोगों की इससे जान जा चुकी है. वहीं इससे निपटने के लिए लागू किये गये लॉकडाउन के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था धीमी पड़ गई है.

विश्व के कोरोनो वायरस के कारण स्वास्थ्य और मानवीय संकट में घिर जाने पर अकबरुद्दीन ने कहा कि वैश्विक महामारी के कारण पेश हो रही चुनौतियों ने वैश्विक प्रशासन प्रणाली की कमियां उजागर कर दी हैं.

उन्होंने कहा कि कई संकटों से निपटने के बाद हमें व्यवस्था को तत्काल मौजूदा समय के अनुसार बदलने की जरूरत होगी. अन्यथा वैश्विक शासन संकट नए तरह से व्यवस्था के सामान्य होने में बाधक बनेगा.

उन्होंने कहा घरेलू स्तर पर विभिन्न तरह की चुनौतियों का सामना करने के बावजूद भारत ने कोविड-19 से निपटने के लिए वैश्विक सार्वजनिक वस्तुओं के क्षेत्रीय और बहुपक्षीय स्तरों की आपूर्ति से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग के साथ काम करने की अपनी क्षमता दिखाई.

अकबरुद्दीन 30 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थानीय प्रतिनिधि के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं.

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