नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा स्पीकर पद के लिए ओम बिड़ला का नाम का प्रस्तावित किया है. ये खबर जैसे ही उनके परिवार को पता चला, उनकी खुशियों का ठिकाना नहीं रहा. उनकी पत्नी, बेटी और साली सभी ने इसे ऊपर वाले का आशीर्वाद बताया. ईटीवी भारत ने उनके परिवार वालों से खास बातचीत की.
राजस्थान से सांसद ओम बिड़ला के घर पर जश्न का माहौल है. अशोका रोड स्थित उनके आवास पर राजस्थान के लोगों का आना-जाना लगा हुआ है और बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. यहां पर मिठाइयां बांटी जा रही हैं.
ओम बिड़ला की पत्नी अमिता ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं थी. यह खबर अचानक उन्हें प्राप्त हुआ.
अमिता बिड़ला ने बताया कि वह आमतौर पर मंगलवार को मौन व्रत रखती हैं. लेकिन अपने पति के लोकसभा के स्पीकर पद के लिए उम्मीदवार के तौर पर चुने जाने की खुशी में उन्होंने अपना मौन व्रत तोड़ डाला.
उन्होंने बताया कि इस खुशी में वह मौन व्रत को ज्यादा देर तक नहीं रख पाईं.
अंजलि (ओम बिड़ला की बेटी) का कहना है कि उनके पिता काफी दिनों से जनता के प्रतिनिधि हैं. जब से उन्होंने होश संभाला है तब से उन्होंने अपने पिता को लोगों की सेवा करते हुए देखा है.
अंजलि को आशा है कि उसके पिता पक्ष और विपक्ष को साथ लेकर चलेंगे और निष्पक्ष होकर अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन करेंगे.
ओम बिड़ला की दूसरी बेटी अनुष्का का कहना है कि उनके पिता राजस्थान के लोगों के साथ-साथ पूरे देश के सांसदों के बीच अच्छा तालमेल बिठाएंगे और संसद को सुचारू रूप से चलाने में अहम भूमिका निभाएंगे.
पढ़ें: बीजेपी सांसद ओम बिड़ला लोकसभा स्पीकर के उम्मीदवार होंगे
ओम बिड़ला- एक परिचय
4 दिसम्बर 1962 को जन्मे ओम बिड़ला महज 17 साल की उम्र से राजनीति में उतर गए थे. उन्होंने 2003 में कोटा दक्षिण विधानसभा से पहला चुनाव लड़ा और कांग्रेस के कद्दावर नेता शांति धारीवाल को हराया. इसके बाद 2008 और 2013 में विधानसभा चुनाव जीते.
लोकसभा चुनाव लड़ने का पहला मौका 2014 में मिला. तब उन्होंने कांग्रेस के इज्यराज सिंह, जो अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं, को 2 लाख से अधिक वोट के अंतर से हराया.
2019 में भी पार्टी ने भरोसा जताया और कांग्रेस के रामनारायण मीणा को हराकर संसद पहुंचे.
2014 की लोकसभा में ओम बिड़ला को कई समितियों में जगह मिली थी. उन्हें प्राक्कलन समिति, याचिका समिति, ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति, सलाहकार समिति का सदस्य बनाया गया था.
ओम बिड़ला सहकारी समितियों के चुनाव में भी रुचि रखते हैं. 1992 से 1995 के बीच वह राष्ट्रीय सहकारी संघ लिमिटेड के उपाध्यक्ष रहे. कोटा में सहकारी समितियों में आज भी उनका दखल बताया जाता है.
राजस्थान सरकार मे संसदीय सचिव भी रहे. इस दौरान उन्होंने गंभीर रोगों के शिकार लोगों के इलाज के लिए 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की.अगस्त 2004 में बाढ़ पीड़ितों के लिए काम किया. 2006 में तब ओम बिड़ला सुर्खियों में तब आए जब स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आजादी के स्वर नामक कार्यक्रम में 15 हजार से अधिक अधिकारियों को समानित किया. यह समारोह कोटा और बूंदी में आयोजित हुआ था.