नई दिल्ली: दिल्ली में हवा का स्तर जहरीला हो गया है. करीब सभी इलाक़ों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 500 पहुंच चुका है. दूषित हवा में कैसे कई तरह के हानिकारक तत्व मौजूद हैं, जो सभी के स्वास्थ पर बुरा असर डाल रहे हैं, और भयंकर बीमारियों की गिरफ्त में ले रहे हैं. दूषित हवा में कौन-कौन से हानिकारक तत्व हैं? और वह किस तरह से बॉडी के तमाम पार्ट्स पर घातक हो रहे हैं? इस सिलसिले में 'ETV भारत' ने राजेंद्र प्लेस स्थित BLK हॉस्पिटल के चेस्ट एंड रेस्पिरेटरी डिजीज के HOD डॉ. संदीप नायर से विस्तृत जानकारी लेते हुए बातचीत की. आइए जानते हैं कि उन्होंने क्या बताया?
हवा में मौजूद हानिकारक तत्व: डॉ. संदीप ने बताया कि इस समय दिल्ली में सांस लेना बेहद मुश्किल साबित हो रहा हैं. वर्तमान में हवा में ऐसे हानिकारक तत्व मौजूद हैं जो लोगों को कई तरह की गंभीर बीमारियों की गिरफ्त में ले रहे हैं. सबसे पहले हवा में कई घातक ऑक्साइड्स होते हैं, जैसे कार्बन मोनो ऑक्साइड, सल्फर ऑक्साइड और नाईट्रोजन ऑक्साइड्स. जैसे जैसे पॉल्यूशन बढ़ता है, हवा में इनकी मात्रा बढ़ती जाती है. हवा में इनकी मात्रा पेट्रोल और डीजल के धुएं से बढ़ती है. इससे लोगों को सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन और सर में दर्द जैसी बीमारियां शुरू होती हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान में हवा में इससे भी ज्यादा खतरनाक तत्व मौजूद है, जो कि लेड या मेटल रूबी शॉर्ट पार्टिकल्स होते हैं. जब यह सांस के द्वारा इंसानी शरीर में प्रवेश करते हैं तो यह बेहद घातक बीमारी जैसे कैंसर की गिरफ्त में ले लेते हैं.
डॉ. संदीप ने बताया कि वर्तमान में जिस तरीके से हवा में हानिकारक तत्व मौजूद है, वह बॉडी के हर पार्ट के लिए घातक साबित हो रहे हैं. इसके कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ, अस्थमा की समस्या व लेंस संबंधी परेशानियां हो रही हैं. इतना ही नहीं हवा में ऐसे भी घटक तत्व मौजूद हैं, जो इंसान की हड्डियों को भी कमजोर बना रहे हैं. वही जब यह तत्व खून में मिल जाते हैं तो लोगों को ब्लड कैंसर जैसी बीमारियों का भी शिकार बना लेते हैं.
मरीजों की संख्या में इजाफा: यही वजह है कि बीते 2 हफ्तों से प्रदूषण के शिकार मरीजों की तादात बढ़ गई है. इस समय वह लोग सबसे ज्यादा आ रहे हैं, जो पहले से सांस की बीमारी से ग्रस्त थे और दवाइयाों पर निर्भर थे, अब उनको अस्थमा के अटैक बढ़ रहा है और आपातकाल में भर्ती होने को मजबूर है. साथ ही, जो लोग पूरे तरीके से स्वस्थ थे, उनको कभी भी सांस संबंधी बीमारियां नहीं हुई थी अब ऐसे मरीजों की संख्या भी अस्पताल में बढ़ती जा रही है. इसके अलावा कई नए मरीज उल्टी और सर में दर्द और आंखों में जलन की समस्या लेकर अस्पताल आ रहे हैं. हवा में मौजूद हानिकारक तत्वों के कारण मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है.
कैसे किया जाए बचाव? डॉ. संदीप ने बताया कि अगर आप उपरोक्त बीमारियों से बचना चाहते हैं तो उसके लिए सबसे पहले घर से शुरूआत करनी होगी. घर पर जलाई जाने वाली पूजा सामग्री जैसे धूपबत्ती और अगरबत्ती पर रोक लगानी होगी. इसके अलावा घर को बिल्कुल साफ रखना होगा. वहीं, अगर आप ऑफिस या किसी काम के कारण घर से बाहर निकल रहे हैं तो प्राइवेट ट्रांसपोर्ट के बजाय पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें, इससे हवा में पेट्रोल और डीजल से निकलने वाली जहरीली गैस से पर्यावरण को बचाया जा सकता है. साथ ही, जितना संभव हो सके घर से कम बाहर निकलें, खास तौर पर बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है. अगर बाहर जाना बेहद जरूरी है तो मास्क जरूर पहनें, मास्क भी कोई हल्के नहीं बल्कि 95 मास की इस तरीके के पॉल्यूशन के इन्फेक्शन से रोक सकता है.
ये भी पढ़ें :