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दिल्ली के वायुमंडल में हानिकारक गैसों की मात्रा बढ़ी, जानें चेस्ट स्पेशलिस्ट ने क्या दी हिदायत

-फेफड़े की बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए स्थिति सबसे अधिक चिंताजनक. - बेंजीन की मात्रा निर्धारित मानक से पाई गई अधिक.

दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर
दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 3 hours ago

Updated : 58 minutes ago

नई दिल्ली: इन दिनों प्रदूषण के चलते दिल्ली-एनसीआर गैस चैंबर में तब्दील हो गया है. हालात यह हैं कि एक तरफ वायुमंडल में खतरनाक गैसों की मात्रा बढ़ रही है, तो वहीं दूसरी तरफ अच्छी गैसों की मात्रा कम हो रही है. इससे लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है. सबसे ज्यादा चिंताजनक स्थिति फेफड़े से संबंधित बीमारी के मरीजों के लिए बनी हुई है.

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की सोमवार सुबह की वायु गुणवत्ता रिपोर्ट में वायुमंडल में गैसों की चिंताजनक सांद्रता (कॉन्संट्रेशन) सामने आई है. अमोनिया और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसी गैस मानक के भीतर हैं, लेकिन बेंजीन की मात्रा निर्धारित मानक से अधिक पाई गई है. यह गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकती है.

दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर (ETV Bharat)

हवा हुई जहरीली: इस बारे में पर्यावरणविद् मनु सिंह ने कहा, दिल्ली में प्रदूषण की वजह से वायु की गुणवत्ता दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है. इसके रोकथाम के लिए ग्रैप (ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान) का चौथा चरण भी लागू कर दिया गया है. लेकिन इनका कुछ खास असर नहीं दिख रहा है. दिल्ली की हवा विषाक्त हो गई है और हवा में सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ गई है, जो बेहद चिंताजनक है. यह न केवल हमारे श्वास तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव डालता है, बल्कि हृदय और चर्म रोग से संबंधित बीमारियों को भी बढ़ाता है.

प्लांट में हो रहा रिसाव: बात अगर बेंजीन की करें, तो यह आंखों के अंदर समस्या पैदा कर सकता है. साथ ही यह कोशिकाओं में ऑक्सीजन के प्रवाह की प्रक्रिया को रोकता है. इतना हीं नहीं, यह एलर्जी की समस्या के लिए भी जिम्मेदारी है. दिल्ली एनसीआर की हवा में बेंजीन बढ़ाने का मतलब यह है कि कहीं न कहीं किसी बड़े प्लांट में रिसाव हो रहा है.

वायुमंडल में गैसों की स्थिति बेहद चिंता जनक है. वायुमंडल में अमोनिया और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड निर्धारित सीमा के नीचे हैं, लेकिन बेंजीन की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ गई है जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती है. ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. इसलिए बेहद आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकलें, जिससे कि वह हवा में मौजूद खतनाक गैसों से बच सकें. - डॉ. भरत गोपाल, चेस्ट स्पेशलिस्ट

यह भी पढ़ें- AIR EMERGENCY की ओर दिल्ली! सुबह AQI था 484, शाम को 6 इलाकों में 500, बाकी में 480 के पार

यह भी पढ़ें- दिल्ली में हालात बेकाबू, GRAP-4 लागू; पर्यावरण मंत्री बोले- 'देश का आधा हिस्सा प्रदूषण की चपेट में, सरकार सो रही'

नई दिल्ली: इन दिनों प्रदूषण के चलते दिल्ली-एनसीआर गैस चैंबर में तब्दील हो गया है. हालात यह हैं कि एक तरफ वायुमंडल में खतरनाक गैसों की मात्रा बढ़ रही है, तो वहीं दूसरी तरफ अच्छी गैसों की मात्रा कम हो रही है. इससे लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है. सबसे ज्यादा चिंताजनक स्थिति फेफड़े से संबंधित बीमारी के मरीजों के लिए बनी हुई है.

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की सोमवार सुबह की वायु गुणवत्ता रिपोर्ट में वायुमंडल में गैसों की चिंताजनक सांद्रता (कॉन्संट्रेशन) सामने आई है. अमोनिया और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसी गैस मानक के भीतर हैं, लेकिन बेंजीन की मात्रा निर्धारित मानक से अधिक पाई गई है. यह गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकती है.

दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर (ETV Bharat)

हवा हुई जहरीली: इस बारे में पर्यावरणविद् मनु सिंह ने कहा, दिल्ली में प्रदूषण की वजह से वायु की गुणवत्ता दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है. इसके रोकथाम के लिए ग्रैप (ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान) का चौथा चरण भी लागू कर दिया गया है. लेकिन इनका कुछ खास असर नहीं दिख रहा है. दिल्ली की हवा विषाक्त हो गई है और हवा में सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ गई है, जो बेहद चिंताजनक है. यह न केवल हमारे श्वास तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव डालता है, बल्कि हृदय और चर्म रोग से संबंधित बीमारियों को भी बढ़ाता है.

प्लांट में हो रहा रिसाव: बात अगर बेंजीन की करें, तो यह आंखों के अंदर समस्या पैदा कर सकता है. साथ ही यह कोशिकाओं में ऑक्सीजन के प्रवाह की प्रक्रिया को रोकता है. इतना हीं नहीं, यह एलर्जी की समस्या के लिए भी जिम्मेदारी है. दिल्ली एनसीआर की हवा में बेंजीन बढ़ाने का मतलब यह है कि कहीं न कहीं किसी बड़े प्लांट में रिसाव हो रहा है.

वायुमंडल में गैसों की स्थिति बेहद चिंता जनक है. वायुमंडल में अमोनिया और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड निर्धारित सीमा के नीचे हैं, लेकिन बेंजीन की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ गई है जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती है. ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. इसलिए बेहद आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकलें, जिससे कि वह हवा में मौजूद खतनाक गैसों से बच सकें. - डॉ. भरत गोपाल, चेस्ट स्पेशलिस्ट

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Last Updated : 58 minutes ago
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