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ममता सरकार ने सौमित्र चटर्जी के शव के साथ ओछी राजनीति की : अधीर

प्रसिद्ध अभिनेता सौमित्र चटर्जी के निधन के बाद राजनीति शुरू हो गई है. पश्चिम बंगाल के कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि सौमित्र चटर्जी के शव पर तृणमूल कांग्रेस सरकार ने ओछी राजनीति की.

mamta and adheer
ममता और अधीर
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Published : Nov 18, 2020, 3:53 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने बुधवार को आरोप लगाया कि राज्य में तृणमूल कांग्रेस सरकार ने प्रसिद्ध अभिनेता सौमित्र चटर्जी के शव पर ओछी राजनीति की. जब सौमित्र चटर्जी जिंदा थे तो कभी उनका सम्मान नहीं किया. चौधरी ने सौमित्र की बेटी पॉलोमी बसु से दक्षिण कोलकाता में उनके गोल्फ ग्रीन आवास पर मुलाकात की.

पढ़ें-राजद्रोह मामले में कंगना व बहन रंगोली के खिलाफ तीसरा समन जारी

कांग्रेस नेता ने संवाददाताओं से कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने 2011 में राज्य में सत्ता में आने के बाद से कभी उनका सम्मान नहीं किया. उन्हें विभिन्न कमेटियों से बाहर कर दिया गया, लेकिन 15 नवंबर को उनकी मौत के बाद उनके शव पर ओछी राजनीति की. लोगों के अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए चटर्जी के पार्थिव शरीर को मध्य कोलकाता के रवींद्र सदन में रखा गया था. इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को केओरातला शवदाह गृह ले जाया गया और इस दौरान शव के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और वाम दलों के वरिष्ठ नेताओं समेत हजारों लोग साथ गए. पूरे राजकीय सम्मान से चटर्जी का अंतिम संस्कार किया गया.

चौधरी ने कहा कि हमें लगा था कि सौमित्र बाबू के व्यापक अनुभवों का यह सरकार अच्छे तरीके से इस्तेमाल करेगी, लेकिन कला और संस्कृति पर विभिन्न महत्वपूर्ण कमेटियों से उन्हें बाहर रखा गया. कांग्रेस नेता चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार विजेता चटर्जी के जीवन से जुड़े और कार्यों को संग्रहित करने के लिए पहल करनी चाहिए. चौधरी द्वारा राज्य सरकार की आलोचना के बारे में पूछे जाने पर पॉलोमी बसु ने कहा कि हमें इन सब चीजों में नहीं पड़ना है. बहरहाल, तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने चौधरी की आलोचना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने बुधवार को आरोप लगाया कि राज्य में तृणमूल कांग्रेस सरकार ने प्रसिद्ध अभिनेता सौमित्र चटर्जी के शव पर ओछी राजनीति की. जब सौमित्र चटर्जी जिंदा थे तो कभी उनका सम्मान नहीं किया. चौधरी ने सौमित्र की बेटी पॉलोमी बसु से दक्षिण कोलकाता में उनके गोल्फ ग्रीन आवास पर मुलाकात की.

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कांग्रेस नेता ने संवाददाताओं से कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने 2011 में राज्य में सत्ता में आने के बाद से कभी उनका सम्मान नहीं किया. उन्हें विभिन्न कमेटियों से बाहर कर दिया गया, लेकिन 15 नवंबर को उनकी मौत के बाद उनके शव पर ओछी राजनीति की. लोगों के अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए चटर्जी के पार्थिव शरीर को मध्य कोलकाता के रवींद्र सदन में रखा गया था. इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को केओरातला शवदाह गृह ले जाया गया और इस दौरान शव के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और वाम दलों के वरिष्ठ नेताओं समेत हजारों लोग साथ गए. पूरे राजकीय सम्मान से चटर्जी का अंतिम संस्कार किया गया.

चौधरी ने कहा कि हमें लगा था कि सौमित्र बाबू के व्यापक अनुभवों का यह सरकार अच्छे तरीके से इस्तेमाल करेगी, लेकिन कला और संस्कृति पर विभिन्न महत्वपूर्ण कमेटियों से उन्हें बाहर रखा गया. कांग्रेस नेता चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार विजेता चटर्जी के जीवन से जुड़े और कार्यों को संग्रहित करने के लिए पहल करनी चाहिए. चौधरी द्वारा राज्य सरकार की आलोचना के बारे में पूछे जाने पर पॉलोमी बसु ने कहा कि हमें इन सब चीजों में नहीं पड़ना है. बहरहाल, तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने चौधरी की आलोचना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया.

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