नई दिल्ली: असम में अंतिम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के प्रकाशन के दो सप्ताह से अधिक समय के बाद, असम लोक निर्माण (एपीडब्ल्यू) ने सुप्रीम कोर्ट में एक नया हलफनामा दायर करने का फैसला किया है जिसमें एनआरसी के 100 प्रतिशत पुन: सत्यापन की मांग कर रहा है.
'जेहादियों' के नाम को अंतिम NRC में शामिल करने का आरोप लगाते हुए, APW के अध्यक्ष अभिजीत शर्मा ने मंगलवार को कहा, 'हम NRC के 100 प्रतिशत पुन: संस्करण की तलाश करेंगे.सूचियों में बहुत सारी विसंगतियाँ थीं. सूचियों में बहुत सारी विसंगतियाँ थीं.
शर्मा ने कहा कि असम के लोगों को अब अवैध आप्रवासियों के साथ कतार में खड़े होने की जरूरत है.
शर्मा ने कहा हम यह भी चाहते हैं कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पूरी प्रक्रिया में 1600 करोड़ रुपये के खर्च की जांच करनी चाहिए ... एनआरसी सूची में जेहादियों के भी नाम हैं, इसलिए हम चाहते हैं कि एनआईए मामले की जांच करे और पूरी प्रक्रिया होनी चाहिए सीबीआई द्वारा निगरानी की जाएगी, ”
बता दें कि APW एक गैर सरकारी संगठन है जिसने असम में NRC की मांग करने वाली एक याचिका शीर्ष अदालत में दायर की थी.
पढ़ें- हरियाणा में NRC पर सरकार के साथ भूपेंद्र सिंह हुड्डा, बोले- जो विदेशी होंगे उन्हें जाना पड़ेगा
दरअसल, एनआरसी की अंतिम सूची जारी होने के बाद कई लोगों ने दावा किया कि वास्तविक भारतीय नागरिकों को अंतिम एनआरसी से बाहर दिया गया है.
अवैध विदेशियों का पता लगाने के लिए एनआरसी प्रक्रिया को असम में किया गया.असम के बाद, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड जैसे कई अन्य राज्य अपने राज्यों में इसी तरह की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए बात कर रहे हैं.