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पासवान के सरकारी निवास के पानी का नमूना बीआईएस परीक्षण मे खरा नहीं उतरा - paswans residence water fails

शीर्ष अदालत ने बीआईएस से राष्ट्रीय राजधानी में पानी की गुणवत्ता सुधारने के लिए पाईपलाइन बदलने समेत उपाय सुझाने को भी कहा. उच्चतम न्यायालय में बताया गया कि केंद्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान के सरकारी आवास से लिया गया पानी का नमूना भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के गुणवत्ता मापदंडों पर खरा नहीं उतरा है. पढे़ं पूरा विवरण...

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केंद्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान
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Published : Feb 29, 2020, 7:59 AM IST

Updated : Mar 2, 2020, 10:31 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय में बताया गया कि केंद्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान के सरकारी आवास से लिया गया पानी का नमूना भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के गुणवत्ता मापदंडों पर खरा नहीं उतरा है.

शीर्ष अदालत को बताया गया कि दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से लिये गए पानी के 11 नमूने 47 में से विभिन्न मापदंडों पर गुणवत्ता परीक्षण में खरे नहीं उतरे.

शीर्ष अदालत ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, बीआईएस और दिल्ली जल बोर्ड के अधकारियों को दिल्ली के पेयजल का संयुक्त निरीक्षण कराने का निर्देश दिया और कहा कि यह आरोप-प्रत्यारोप का समय नहीं है.

पढे़ं : राज्यों ने आयातित प्याज से मुंह फेरा, केंद्र को स्टॉक खराब होने की आशंका

शीर्ष अदालत ने बीआईएस से राष्ट्रीय राजधानी में पानी की गुणवत्ता सुधारने के लिए पाईपलाइन बदलने समेत उपाय सुझाने को भी कहा.

न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ को बीआईएस के वकील विपिन नैयर ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में विभिन्न जगहों से पानी के 11 नमूने लिये गये थे जो ब्यूरो के 47 मापदंडों पर खरे नहीं उतरे.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय में बताया गया कि केंद्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान के सरकारी आवास से लिया गया पानी का नमूना भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के गुणवत्ता मापदंडों पर खरा नहीं उतरा है.

शीर्ष अदालत को बताया गया कि दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से लिये गए पानी के 11 नमूने 47 में से विभिन्न मापदंडों पर गुणवत्ता परीक्षण में खरे नहीं उतरे.

शीर्ष अदालत ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, बीआईएस और दिल्ली जल बोर्ड के अधकारियों को दिल्ली के पेयजल का संयुक्त निरीक्षण कराने का निर्देश दिया और कहा कि यह आरोप-प्रत्यारोप का समय नहीं है.

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शीर्ष अदालत ने बीआईएस से राष्ट्रीय राजधानी में पानी की गुणवत्ता सुधारने के लिए पाईपलाइन बदलने समेत उपाय सुझाने को भी कहा.

न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ को बीआईएस के वकील विपिन नैयर ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में विभिन्न जगहों से पानी के 11 नमूने लिये गये थे जो ब्यूरो के 47 मापदंडों पर खरे नहीं उतरे.

Last Updated : Mar 2, 2020, 10:31 PM IST
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