नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून, 2019 (सीएए) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में गत 71 दिनों से विरोध प्रदर्शन हो रहा है. वजाहत हबीबुल्लाह ने सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में एक हलफनामा दायर किया है. उन्होंने नोएडा-फरीदाबाद सड़क पर जारी अवरोध के संबंध में भी जानकारी दी है.
दरअसल, वजाहत हबीबुल्लाह ने सुप्रीम कोर्ट को हलफनामा दायर कर वस्तुस्थिति की जानकारी दी है. शीर्ष अदालत ने हबीबुल्लाह को गतिरोध दूर करने के लिए प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए कहा था.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार हबीबुल्ला ने शाहीन बाग के विरोध स्थल का दौरा किया और अपना हलफनामा दायर किया.
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शपथ पत्र में कहा गया है -
- विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण है.
- पुलिस ने शाहीन बाग के आसपास के पांच स्थानों पर नाकेबंदी की है.
- अगर इन अवरोधों को हटा दिया जाता है तो यातायात सामान्य हो जाएगा.
- पुलिस ने अनावश्यक रूप से सड़कों को अवरुद्ध किया है जिससे लोगों को समस्या हो रही है.
- पुलिस द्वारा जांच के बाद स्कूल वैन और एम्बुलेंस को सड़कों से गुजरने की अनुमति है.
- सीएए, एनपीआर और एनआरसी के बारे में सरकार को प्रदर्शनकारियों से बात करनी चाहिए.
ज्ञात हो कि उच्चतम न्यायालय ने शाहीन बाग नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए तीन वार्ताकारों को नियुक्त किया था. शीर्ष अदालत ने अपने फैसले के तहत वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े के साथ वकील साधना रामचंद्रन और वजहत हबीबुल्लाह को वार्ताकार के तौर पर नियुक्त किया गया था.
हालांकि वार्ताकारों ने प्रदर्शनकारियों से तीन दिन बातचीत की थी, लेकिन बिना किसी ठोस परिणाम के वह शाहीन बाग से वापस लौट गए थे. इस दौरान वार्ताकारों ने रास्ता खुलवाने के विकल्प पर प्रदर्शनकारियों से बातचीत किया लेकिन रास्ता खुलवाने के मसले पर कोई सुलह नहीं हो पाई.
बता दें कि हबीबुल्ला पूर्व सिविल सेवा अधिकारी, पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष हैं.