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रामायण से प्रेरित होकर गांव वालों ने बंदरों को इस तरकीब से बचाया, देखें वीडियो

भारी बारिश के चलते ओडिशा के संबलपुर में एक मंदिर में कुछ लंगूर फंस गए. मंदिर के चारों ओर नदी का पानी भर जाने के चलते बंदर वहां से बाहर नहीं आ पा रहे थे. ऐसे में बंदरों की मदद के लिए गांव वालों ने एक तरकीब खोजी...क्या थी तरकीब, गांव वालों ने बंदरों को कैसा बचाया ये जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Aug 3, 2019, 5:59 PM IST

इस तरह बंदरों को निकाला गया.

संबलपुर: ओडिशा के संबलपुर के हूमा गांव में भारी बारिश के चलते नदियों का जलस्तर बढ़ आया है. इसी कारण 30 लंगूर और बंदर महानदी के पास बकरा मंदिर में फंस गए. मंदिर के चारों ओर पानी होने के कारण बंदर वहां से निकल नहीं पा रहे थे.

गांव वालों को जब इसका पता चला तो वे सभी इसका समाधान निकालने में जुट गए. स्थिति बंदरों के लिए बिल्कुल वैसी थी, मानो जैसे कोई किसी टापू पर फंस गया हो. बंदरों को बाहर निकालने के लिए गांव वालों ने एक तरकीब खोज निकाली.

ऐसे में गांव वालों ने कई पत्थरों और 2 बड़ी नावों को जोड़ कर एक पुल तैयार कर लिया. इस पुल के सहारे बंदर जैसे-तैसे बाहर आ सके. जहां बंदर फंसे थे वो काली माता का एक पुराना मंदिर है. इस काम के लिए गांव वालों की काफी तारीफ हो रही है.

बंदरों को ऐसे सुरक्षित निकाला गया, देखें वीडियो.

वहीं इस पूरे वाकये पर गांव वालों का कहना है कि बंदर रूपी हनुमान जो श्रीराम के लिए सेतु बनाने में सबसे सक्रिय थे, आज उन्हें ये विकट परिस्थिति का सामना करना पड़ा. ये एकदम विपरीत था. ऐसे में इस मामले का पता चलते ही इन बंदरों को बचाना बेहद जरूरी हो गया था.

संबलपुर: ओडिशा के संबलपुर के हूमा गांव में भारी बारिश के चलते नदियों का जलस्तर बढ़ आया है. इसी कारण 30 लंगूर और बंदर महानदी के पास बकरा मंदिर में फंस गए. मंदिर के चारों ओर पानी होने के कारण बंदर वहां से निकल नहीं पा रहे थे.

गांव वालों को जब इसका पता चला तो वे सभी इसका समाधान निकालने में जुट गए. स्थिति बंदरों के लिए बिल्कुल वैसी थी, मानो जैसे कोई किसी टापू पर फंस गया हो. बंदरों को बाहर निकालने के लिए गांव वालों ने एक तरकीब खोज निकाली.

ऐसे में गांव वालों ने कई पत्थरों और 2 बड़ी नावों को जोड़ कर एक पुल तैयार कर लिया. इस पुल के सहारे बंदर जैसे-तैसे बाहर आ सके. जहां बंदर फंसे थे वो काली माता का एक पुराना मंदिर है. इस काम के लिए गांव वालों की काफी तारीफ हो रही है.

बंदरों को ऐसे सुरक्षित निकाला गया, देखें वीडियो.

वहीं इस पूरे वाकये पर गांव वालों का कहना है कि बंदर रूपी हनुमान जो श्रीराम के लिए सेतु बनाने में सबसे सक्रिय थे, आज उन्हें ये विकट परिस्थिति का सामना करना पड़ा. ये एकदम विपरीत था. ऐसे में इस मामले का पता चलते ही इन बंदरों को बचाना बेहद जरूरी हो गया था.

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Sambalpur: "Hanuman", the mythological monkey and his clan might have played a key  role in the construction of ‘Setu Bandh’, the mythical bridge which connected the southern tip of India with Lanka. That expedition had been undertaken to rescue “Sita Mata”, wife Lord Ram,  who had landed herself in a tragic situation.



However, the picture is entirely different here. The  Saviour of Sri Ram, The Hanumans were themselves stranded deep inside a swollen river. About 30 monkeys were marooned in the middle of an island-like river, and they were rescued by the villagers of Huma who made a “Setu Bandh” with wooden boats.



The famous temple of Goddess “Kali” of Huma is located inside River Mahanadi near Bakra Temple. The place resembles like an island. A few days back nearly 30 monkeys had gone there. However, following incessant rains, the surrounding areas were flooded. As a result, the group of monkeys remained marooned inside the swollen river.



The villagers spotted the stranded monkeys who were in a helpless condition. Then they made an attempt to rescue them. They joined two country boats to prepare a make shift bridge and rescued the marooned animals to safety.



This charitable work by the villagers has drawn commendation from all quarters. 



Badshah Jusman Rana, ETV Bharat, Sambalpur

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