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अमेरिका ने पाक से कहा- सईद और अजहर जैसे आतंकियों के खिलाफ करें मुकदमा दर्ज

अमेरिका ने पाकिस्तान से हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों के खिलाफ मुकदमा चलाने को कहा है. इसके साथ ही अमेरिका ने इमरान खान से चीन की आलोचना न करने पर नाराजगी भी जाहिर की है. जानें पूरा विवरण

एलिस वेल्स, अमेरिकी कार्यवाहक सहायक मंत्री.
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Published : Sep 27, 2019, 9:55 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 6:48 AM IST

संयुक्त राष्ट्र: अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकियों पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है. अमेरिका ने कहा कि हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों पर मुकदमा चलाया जाए. साथ ही कहा कि भारत-पाक तनाव में कमी 'सीमा पार घुसपैठ' में शामिल रहने वालों के खिलाफ कार्रवाई में इस्लामाबाद की गंभीरता पर निर्भर करता है.

दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिकी कार्यवाहक सहायक मंत्री एलिस वेल्स ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र के दौरान विशेष बातचीत में यह बात कही हैं. उनसे कश्मीर मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश के बारे में पूछा गया था. इस पर वेल्स ने कहा, 'मेरा मानना है कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी ने अपना रूख स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें मध्यस्थता नहीं चाहिए.'

ट्रंप ने इस सप्ताह संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के इतर प्रधानमंत्री मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से अलग-अलग मुलाकात की थी. वेल्स ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप तब मध्यस्थता करेंगे, जब दोनों पक्ष इसके लिए कहेंगे. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि हम भारत और पाकिस्तान के बीच ऐसी स्थिति देखना चाहेंगे, जहां भारत और पाकिस्तान के बीच रचनात्मक बातचीत हो जिससे दोनों परमाणु शक्तियों के बीच संबंधों में सुधार हो सके.'

पढ़ें: जम्मू-कश्मीर: LOC पर पाक ने किया सीजफायर उल्लंघन

इसी बात के दौरान वेल्स ने कहा निश्चित तौर पर पाकिस्तान को आतंकवाद निरोधक कदम उठाना होगा और उन कदमों के प्रति भी गंभीरता दिखानी होगी कि वह इन संगठनों को फायदा नहीं उठाने दें. इसके साथ ही सीमा पार घुसपैठ को रोकें भी.

पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकियों के खिलाफ मुकदमा चलाने सहित वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की योजनाओं को लागू करना होगा, जिसके प्रति उसने प्रतिबद्धता जाहिर की है. उन्होंने कहा इसलिए हिरासत में चल रहे और मामले का सामना कर रहे हाफिज सईद के साथ ही मसूद अजहर जैसे जैश ए मोहम्मद के नेताओं के खिलाफ मुकदमा चलाए, जो लंबे समय से पाकिस्तानी धरती पर अपनी मौजूदगी का फायदा उठा रहे हैं.

अगस्त में जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य के दरजे को रद्द करने के लिए भारत द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है. भारत के फैसले के बाद पाकिस्तान की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं, जिससे राजनयिक संबंध कमजोर हुए और भारतीय राजदूत को निष्कासित कर दिया गया.

भारत द्वारा जम्मू और कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लेने के बाद पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन इसके बाद भी भारत ने सख्त कदम उठाते हुए धारा 370 को निरस्त कर दिया.

वेल्स ने कहा कि क्षेत्र की स्थिरता और आर्थिक वृद्धि लंबे समय से अस्वाभाविक रूप रुकी हुई है, क्योंकि मध्य एशिया भारत में प्राकृतिक उत्तर-दक्षिण व्यापार का लाभ नहीं उठा रहा है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को 1.3 अरब डॉलर के बाजार के करीब पहुंचने में भी कोई फायदा नहीं हो रहा है. साथ ही कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच बेहतर संबंधों के लाभ जाहिर हैं.

पढ़ें: UNGA बैठक में PM नरेंद्र मोदी का संबोधन

यही नहीं इस दौरान इमरान खान की आलोचना भी की गई. इसका कारण था कि इमरान खान ने चीन के मुद्दे पर कुछ भी नहीं कहा. साथ ही कहा कि चीन पाकिस्तान का सर्वकालिक सहयोगी है. बीजिंग अक्सर इस्लामाबाद के बचाव में आया है. इसी का एक नमूना वो भी था, जब पाकिस्तान आधारित आतंकवादियों जैसे कि जैश प्रमुख अजहर के खिलाफ प्रतिबंध लगाने के वैश्विक प्रयासों को चीन ने विफल करने का प्रयास किया.

वेल्स ने कहा, 'मैं पश्चिमी चीन में हिरासत में लिए गए मुसलमानों के बारे में भी समान स्तर की चिंता व्यक्त करना चाहूंगा, वे वहां कठिन परिस्थितियों में हैं. इन मुसलमानों का मसला कश्मीर में रह रहे मुसलमानों से भी बड़ा है. चीन में मुसलमानों की इस स्थिति को संयुक्त राष्ट्र में उजागर करने का हर संभव प्रयास किया गया है. यह स्थिति भयावह है और इस पर प्रकाश डालने की पूरी कोशिश रही है.'

(पीटीआई इनपुट)

संयुक्त राष्ट्र: अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकियों पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है. अमेरिका ने कहा कि हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों पर मुकदमा चलाया जाए. साथ ही कहा कि भारत-पाक तनाव में कमी 'सीमा पार घुसपैठ' में शामिल रहने वालों के खिलाफ कार्रवाई में इस्लामाबाद की गंभीरता पर निर्भर करता है.

दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिकी कार्यवाहक सहायक मंत्री एलिस वेल्स ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र के दौरान विशेष बातचीत में यह बात कही हैं. उनसे कश्मीर मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश के बारे में पूछा गया था. इस पर वेल्स ने कहा, 'मेरा मानना है कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी ने अपना रूख स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें मध्यस्थता नहीं चाहिए.'

ट्रंप ने इस सप्ताह संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के इतर प्रधानमंत्री मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से अलग-अलग मुलाकात की थी. वेल्स ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप तब मध्यस्थता करेंगे, जब दोनों पक्ष इसके लिए कहेंगे. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि हम भारत और पाकिस्तान के बीच ऐसी स्थिति देखना चाहेंगे, जहां भारत और पाकिस्तान के बीच रचनात्मक बातचीत हो जिससे दोनों परमाणु शक्तियों के बीच संबंधों में सुधार हो सके.'

पढ़ें: जम्मू-कश्मीर: LOC पर पाक ने किया सीजफायर उल्लंघन

इसी बात के दौरान वेल्स ने कहा निश्चित तौर पर पाकिस्तान को आतंकवाद निरोधक कदम उठाना होगा और उन कदमों के प्रति भी गंभीरता दिखानी होगी कि वह इन संगठनों को फायदा नहीं उठाने दें. इसके साथ ही सीमा पार घुसपैठ को रोकें भी.

पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकियों के खिलाफ मुकदमा चलाने सहित वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की योजनाओं को लागू करना होगा, जिसके प्रति उसने प्रतिबद्धता जाहिर की है. उन्होंने कहा इसलिए हिरासत में चल रहे और मामले का सामना कर रहे हाफिज सईद के साथ ही मसूद अजहर जैसे जैश ए मोहम्मद के नेताओं के खिलाफ मुकदमा चलाए, जो लंबे समय से पाकिस्तानी धरती पर अपनी मौजूदगी का फायदा उठा रहे हैं.

अगस्त में जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य के दरजे को रद्द करने के लिए भारत द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है. भारत के फैसले के बाद पाकिस्तान की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं, जिससे राजनयिक संबंध कमजोर हुए और भारतीय राजदूत को निष्कासित कर दिया गया.

भारत द्वारा जम्मू और कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लेने के बाद पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन इसके बाद भी भारत ने सख्त कदम उठाते हुए धारा 370 को निरस्त कर दिया.

वेल्स ने कहा कि क्षेत्र की स्थिरता और आर्थिक वृद्धि लंबे समय से अस्वाभाविक रूप रुकी हुई है, क्योंकि मध्य एशिया भारत में प्राकृतिक उत्तर-दक्षिण व्यापार का लाभ नहीं उठा रहा है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को 1.3 अरब डॉलर के बाजार के करीब पहुंचने में भी कोई फायदा नहीं हो रहा है. साथ ही कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच बेहतर संबंधों के लाभ जाहिर हैं.

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यही नहीं इस दौरान इमरान खान की आलोचना भी की गई. इसका कारण था कि इमरान खान ने चीन के मुद्दे पर कुछ भी नहीं कहा. साथ ही कहा कि चीन पाकिस्तान का सर्वकालिक सहयोगी है. बीजिंग अक्सर इस्लामाबाद के बचाव में आया है. इसी का एक नमूना वो भी था, जब पाकिस्तान आधारित आतंकवादियों जैसे कि जैश प्रमुख अजहर के खिलाफ प्रतिबंध लगाने के वैश्विक प्रयासों को चीन ने विफल करने का प्रयास किया.

वेल्स ने कहा, 'मैं पश्चिमी चीन में हिरासत में लिए गए मुसलमानों के बारे में भी समान स्तर की चिंता व्यक्त करना चाहूंगा, वे वहां कठिन परिस्थितियों में हैं. इन मुसलमानों का मसला कश्मीर में रह रहे मुसलमानों से भी बड़ा है. चीन में मुसलमानों की इस स्थिति को संयुक्त राष्ट्र में उजागर करने का हर संभव प्रयास किया गया है. यह स्थिति भयावह है और इस पर प्रकाश डालने की पूरी कोशिश रही है.'

(पीटीआई इनपुट)

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US-PAK-TERRORISM
US asks Pakistan to prosecute terrorists like Saeed and Azhar
         United Nations, Sep 27 (PTI) The US has asked Pakistan to prosecute terrorists like Hafiz Saeed and Masood Azhar, saying the reduction of the Indo-Pak tensions would depend on Islamabad's seriousness in taking action against those who engage in "cross-border infiltration".
         Alice Wells, US Acting Assistant Secretary for South and Central Asia, during a special briefing during the 74th Session of the United Nations General Assembly, when asked about President Donald Trump's offer to mediate on the Kashmir issue, said "I think Prime Minister (Narendra) Modi has made it clear his position that he's not seeking mediation."
         Trump met Prime Minister Modi and Pakistan premier Imran Khan separately on the sidelines of the UN General Assembly session here this week.
         The president is willing to mediate if asked by both parties, she said.
         "I think what we would like to see are the conditions whereby India and Pakistan can have a constructive conversation that leads to an improvement of relations between the two nuclear powers," she said.
         "And obviously, that is going to hinge off of counterterrorism, off of Pakistan's seriousness of effort in ensuring that groups don't take advantage and engage in cross-border infiltration, that there are serious steps to implement the Financial Action Task Force action plan that Pakistan has committed to, and which includes the prosecution of UN-designated terrorists," Wells said.
         "So whether it's Hafiz Saeed who currently is in custody and under prosecution, but also leaders of Jaish-e-Mohammed, like Masood Azhar, who long have been able to exploit their presence on Pakistani soil," she added.
          Tensions between the two countries have spiked since India abrogated Article 370 of the Constitution to revoke the special status of Jammu and Kashmir in August.
         India's decision evoked strong reactions from Pakistan, which downgraded diplomatic ties and expelled the Indian ambassador.
         Pakistan has been trying to internationalise the Kashmir issue after India withdrew the special status of Jammu and Kashmir, but New Delhi has asserted the abrogation of Article 370 was its "internal matter".
         Wells said the region's stability and economic growth has long been "unnaturally constrained" because Central Asia is not taking advantage of the natural north-south trade into India.
         Pakistan is also not benefiting from living next to a 1.3 billion-person market, she said, referring to India.
         The benefits of improved relations between India and Pakistan are obvious, she said.
         She also criticised Khan for not speaking out against China, which has detained an estimated one million Uyghurs and other Turkic-speaking Muslims in Xinjiang province.
         China is an all-weather ally of Pakistan. Beijing has often come to the rescue of Islamabad by scuttling global efforts to impose sanctions against Pakistan-based terrorists like JeM chief Azhar.
         "I would like to see the same level of concern expressed also about Muslims who are being detained in Western China, literally in concentration-like conditions. And so being concerned about the human rights of Muslims does extend more broadly than Kashmir, and you've seen the administration very involved here during the UN General Assembly and trying to shine a light on the horrific conditions that continue to exist for Muslims throughout China," Wells said. PTI NSA AKJ
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Last Updated : Oct 2, 2019, 6:48 AM IST
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