संयुक्त राष्ट्र: अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकियों पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है. अमेरिका ने कहा कि हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों पर मुकदमा चलाया जाए. साथ ही कहा कि भारत-पाक तनाव में कमी 'सीमा पार घुसपैठ' में शामिल रहने वालों के खिलाफ कार्रवाई में इस्लामाबाद की गंभीरता पर निर्भर करता है.
दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिकी कार्यवाहक सहायक मंत्री एलिस वेल्स ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र के दौरान विशेष बातचीत में यह बात कही हैं. उनसे कश्मीर मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश के बारे में पूछा गया था. इस पर वेल्स ने कहा, 'मेरा मानना है कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी ने अपना रूख स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें मध्यस्थता नहीं चाहिए.'
ट्रंप ने इस सप्ताह संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के इतर प्रधानमंत्री मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से अलग-अलग मुलाकात की थी. वेल्स ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप तब मध्यस्थता करेंगे, जब दोनों पक्ष इसके लिए कहेंगे. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि हम भारत और पाकिस्तान के बीच ऐसी स्थिति देखना चाहेंगे, जहां भारत और पाकिस्तान के बीच रचनात्मक बातचीत हो जिससे दोनों परमाणु शक्तियों के बीच संबंधों में सुधार हो सके.'
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इसी बात के दौरान वेल्स ने कहा निश्चित तौर पर पाकिस्तान को आतंकवाद निरोधक कदम उठाना होगा और उन कदमों के प्रति भी गंभीरता दिखानी होगी कि वह इन संगठनों को फायदा नहीं उठाने दें. इसके साथ ही सीमा पार घुसपैठ को रोकें भी.
पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकियों के खिलाफ मुकदमा चलाने सहित वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की योजनाओं को लागू करना होगा, जिसके प्रति उसने प्रतिबद्धता जाहिर की है. उन्होंने कहा इसलिए हिरासत में चल रहे और मामले का सामना कर रहे हाफिज सईद के साथ ही मसूद अजहर जैसे जैश ए मोहम्मद के नेताओं के खिलाफ मुकदमा चलाए, जो लंबे समय से पाकिस्तानी धरती पर अपनी मौजूदगी का फायदा उठा रहे हैं.
अगस्त में जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य के दरजे को रद्द करने के लिए भारत द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है. भारत के फैसले के बाद पाकिस्तान की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं, जिससे राजनयिक संबंध कमजोर हुए और भारतीय राजदूत को निष्कासित कर दिया गया.
भारत द्वारा जम्मू और कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लेने के बाद पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन इसके बाद भी भारत ने सख्त कदम उठाते हुए धारा 370 को निरस्त कर दिया.
वेल्स ने कहा कि क्षेत्र की स्थिरता और आर्थिक वृद्धि लंबे समय से अस्वाभाविक रूप रुकी हुई है, क्योंकि मध्य एशिया भारत में प्राकृतिक उत्तर-दक्षिण व्यापार का लाभ नहीं उठा रहा है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को 1.3 अरब डॉलर के बाजार के करीब पहुंचने में भी कोई फायदा नहीं हो रहा है. साथ ही कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच बेहतर संबंधों के लाभ जाहिर हैं.
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यही नहीं इस दौरान इमरान खान की आलोचना भी की गई. इसका कारण था कि इमरान खान ने चीन के मुद्दे पर कुछ भी नहीं कहा. साथ ही कहा कि चीन पाकिस्तान का सर्वकालिक सहयोगी है. बीजिंग अक्सर इस्लामाबाद के बचाव में आया है. इसी का एक नमूना वो भी था, जब पाकिस्तान आधारित आतंकवादियों जैसे कि जैश प्रमुख अजहर के खिलाफ प्रतिबंध लगाने के वैश्विक प्रयासों को चीन ने विफल करने का प्रयास किया.
वेल्स ने कहा, 'मैं पश्चिमी चीन में हिरासत में लिए गए मुसलमानों के बारे में भी समान स्तर की चिंता व्यक्त करना चाहूंगा, वे वहां कठिन परिस्थितियों में हैं. इन मुसलमानों का मसला कश्मीर में रह रहे मुसलमानों से भी बड़ा है. चीन में मुसलमानों की इस स्थिति को संयुक्त राष्ट्र में उजागर करने का हर संभव प्रयास किया गया है. यह स्थिति भयावह है और इस पर प्रकाश डालने की पूरी कोशिश रही है.'
(पीटीआई इनपुट)