नई दिल्ली : कोरोना की वजह से 2020 में यूपीएससी (सिविल सर्विसेज) की परीक्षा छोड़ देने वाले अभ्यर्थियों को फिर से एक मौका दिया जाएगा. केंद्र सरकार ने इस पर सहमति प्रदान कर दी है. जिनकी आयु समाप्त हो गई है, उन्हें इस मौका का लाभ नहीं मिलेगा.
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में यह बात कही.
न्यायमूर्ति ए.एम. खानविल्कर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष केंद्र ने कहा, 'राहत खासतौर पर केवल सिविल सेवा परीक्षा-2021 (सीएसई) के लिए ऐसे अभ्यर्थियों तक ही सीमित रहेगी, जो सीएसई-2020 में अपने अंतिम प्रयास में शामिल हुए थे और सीएसई-2021 में बैठने के लिए जिनकी आयु समाप्त नहीं हुई है. ऐसे अभ्यर्थियों को एक और बार परीक्षा में शामिल होने का अवसर दिया जाएगा.'
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल दस्तावेज में केंद्र ने कहा कि सीएसई-2021 के दौरान ऐसे अभ्यर्थियों को राहत प्रदान नहीं की जाएगी, जिनका अंतिम प्रयास समाप्त नहीं हुआ है अथवा ऐसे उम्मीदवार जो कि विभिन्न श्रेणियों में निर्धारित आयु सीमा को पार कर चुके हैं. इसके अलावा, अन्य कारणों से परीक्षा में शामिल होने के लिए अयोग्य अभ्यर्थियों को भी सीएसई-2021 में राहत नहीं मिलेगी.
केंद्र ने पीठ से यह भी कहा कि यह राहत केवल एक बार के अवसर के तौर पर सीएसई-2021 के लिए ही लागू रहेगी और इसे मिसाल के तौर पर नहीं देखा जाएगा. केंद्र ने कहा है कि भविष्य में इस राहत को आधार बनाकर किसी तरह के निहित अधिकार का दावा पेश नहीं किया जाएगा.
पीठ ने केंद्र से इस दस्तावेज को वितरित करने को कहा और साथ ही याचिकाकर्ताओं को इस बारे में अपना जवाब दाखिल करने को कहा. शीर्ष अदालत ने कहा कि वह आठ फरवरी को इस मामले में सुनवाई करेगी.
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उल्लेखनीय है कि एक फरवरी को केंद्र सरकार ने अदालत से कहा था कि वह महामारी के चलते सीएसई-2020 के दौरान प्रभावित अभ्यर्थियों को एक और अवसर प्रदान नहीं कर सकती.