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यूपी: योगी ने बदला 40 साल पुराना कानून, मुख्यमंत्री-मंत्री खुद भरेंगे इनकम टैक्स - अखिलेश यादव की संपत्ति

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मंत्रियों के आयकर अब सरकारी खजाने से नहीं दिया जाएगा. इसी के साथ 40 साल पुरानी आयकर जमा करने वाली परपंरा भी समाप्त हो गई. आयकर देने की योजना यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने जारी किया था.

योगी आदित्यनाथ
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Published : Sep 14, 2019, 8:41 AM IST

Updated : Sep 30, 2019, 1:24 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और सभी मंत्री अपने आयकर का भुगतान स्वयं करेंगे. उत्तर प्रदेश मंत्री वेतन, भत्ते एवं विविध कानून 1981 के अन्तर्गत सभी मंत्रियों के आयकर बिल का भुगतान अभी तक राज्य सरकार के कोष से किया जाता रहा है. यह जानकारी प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने दी.

खन्ना ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार यह निर्णय लिया गया है कि अब सभी मंत्री अपने आयकर का भुगतान स्वयं करेंगे. उन्होंने बताया कि सरकारी खजाने से अब मंत्रियों के आयकर बिल का भुगतान नहीं किया जाएगा. खन्ना ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि एक्ट के इस प्रावधान को समाप्त किया जायेगा.

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में लगभग चार दशक पुराना एक कानून मंत्रियों के आयकर का भुगतान राजकोष से सुनिश्चित करता था. हालांकि नेता इसके बारे में जानकारी नहीं होने की बात करते हैं.

वी पी सिंह ने बनाया था कानून
उत्तर प्रदेश मंत्री वेतन, भत्ते एवं विविध कानून 1981 तब बना था जब विश्वनाथ प्रताप सिंह राज्य के मुख्यमंत्री थे. इस कानून ने अब तक 19 मुख्यमंत्रियों और लगभग 1,000 मंत्रियों को लाभ पहुंचाया है. हालांकि कुछ मंत्रियों का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है.

विश्वनाथ प्रताप सिंह के सहयोगी रहे कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि कानून पारित होते समय तत्कालीन मुख्यमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने विधानसभा में तर्क दिया था कि राज्य सरकार को आयकर का बोझ झेलना चाहिए क्योंकि अधिकतर मंत्री गरीब पृष्ठभूमि से हैं और उनकी आय कम है.

कई मुख्यमंत्री भी ले चुके हैं इस प्रणाली का लाभ
जब से कानून लागू हुआ, विभिन्न राजनीतिक दलों के मुख्यमंत्रियों-योगी आदित्यनाथ, मुलायम सिंह यादव, मायावती, कल्याण सिंह, अखिलेश यादव, रामप्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह, श्रीपति मिश्र, वीर बहादुर सिंह और नारायण दत्त तिवारी को इसका लाभ हुआ.

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मुख्यमंत्रियों के पास था धन फिर भी लेते रहे इसका लाभ
दिलचस्प बात यह है कि समय बीतने के साथ ही राज्य का नेतृत्व बसपा सुप्रीमो मायावती जैसे नेताओं के हाथ रहा. राज्यसभा के 2012 के चुनाव के समय दाखिल हलफनामे के अनुसार उनकी संपत्ति 111 करोड़ रुपये बतायी गई. लोकसभा के हाल के चुनाव के समय दाखिल हलफनामे के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की भी उनकी पत्नी डिम्पल के साथ 37 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है. विधान परिषद 2017 के चुनाव के समय दाखिल हलफनामे के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की संपत्ति 95 लाख रुपये से अधिक है.

कांग्रेस नेता ने कहा नहीं जरूरत है अब इस नियम का
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी एल पुनिया ने कहा कि अब वेतन कई गुना अधिक हो चुके हैं, इसलिए इस रियायत की कोई प्रासंगिकता नहीं रह गयी है. इस कानून पर पुनर्विचार कर इसे समाप्त किया जाना चाहिए.

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लाभ लेते रहे पर नहीं पता है नियम
पूर्व वित्त मंत्री एवं बसपा नेता लालजी वर्मा सहित कई नेताओं को इस कानून की जानकारी नहीं है. उनका कहना है कि जहां तक उन्हें याद है, वह कर अदायगी करते रहे हैं. सपा के एक नेता ने कहा कि उन्हें ऐसी किसी सुविधा की जानकारी नहीं है. वरिष्ठ सपा नेताओं से बात करने के बाद ही वह इस बारे में कुछ कह पाएंगे. प्रदेश के विधि मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि अधिकारियों से इसकी पुष्टि करने के बाद ही वह इस मुद्दे पर कोई बात करने की स्थिति में होंगे.

समाजसेवी अनिल कुमार ने कहा कि आम आदमी के लिए यह हैरानगी की बात है जो भारी भरकम राशि कर के रूप में देता है, लेकिन नेता कर अदायगी नहीं करते. उन्होंने कहा कि हमारी तरह नेताओं को भी आयकर का भुगतान करना चाहिए.

पढ़ेंः रायबरेली में चढ़ेगा सियासी तापमान, मुख्यमंत्री योगी और प्रियंका रहेंगे मौजूद

वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों की 86 लाख रुपये की कर अदायगी राज्य सरकार ने की है. इस बीच, राज्य के उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि वी पी सिंह के समय 1981 से एक कानून चला आ रहा है. जो भी किया जा रहा है, उस कानून के अनुरूप किया जा रहा है. शर्मा ने कहा कि आने वाले समय में हम किसी भी ऐसे सुझाव पर विचार करेंगे कि इस बारे में क्या कुछ अच्छे से अच्छा किया जा सकता है.

लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और सभी मंत्री अपने आयकर का भुगतान स्वयं करेंगे. उत्तर प्रदेश मंत्री वेतन, भत्ते एवं विविध कानून 1981 के अन्तर्गत सभी मंत्रियों के आयकर बिल का भुगतान अभी तक राज्य सरकार के कोष से किया जाता रहा है. यह जानकारी प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने दी.

खन्ना ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार यह निर्णय लिया गया है कि अब सभी मंत्री अपने आयकर का भुगतान स्वयं करेंगे. उन्होंने बताया कि सरकारी खजाने से अब मंत्रियों के आयकर बिल का भुगतान नहीं किया जाएगा. खन्ना ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि एक्ट के इस प्रावधान को समाप्त किया जायेगा.

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में लगभग चार दशक पुराना एक कानून मंत्रियों के आयकर का भुगतान राजकोष से सुनिश्चित करता था. हालांकि नेता इसके बारे में जानकारी नहीं होने की बात करते हैं.

वी पी सिंह ने बनाया था कानून
उत्तर प्रदेश मंत्री वेतन, भत्ते एवं विविध कानून 1981 तब बना था जब विश्वनाथ प्रताप सिंह राज्य के मुख्यमंत्री थे. इस कानून ने अब तक 19 मुख्यमंत्रियों और लगभग 1,000 मंत्रियों को लाभ पहुंचाया है. हालांकि कुछ मंत्रियों का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है.

विश्वनाथ प्रताप सिंह के सहयोगी रहे कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि कानून पारित होते समय तत्कालीन मुख्यमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने विधानसभा में तर्क दिया था कि राज्य सरकार को आयकर का बोझ झेलना चाहिए क्योंकि अधिकतर मंत्री गरीब पृष्ठभूमि से हैं और उनकी आय कम है.

कई मुख्यमंत्री भी ले चुके हैं इस प्रणाली का लाभ
जब से कानून लागू हुआ, विभिन्न राजनीतिक दलों के मुख्यमंत्रियों-योगी आदित्यनाथ, मुलायम सिंह यादव, मायावती, कल्याण सिंह, अखिलेश यादव, रामप्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह, श्रीपति मिश्र, वीर बहादुर सिंह और नारायण दत्त तिवारी को इसका लाभ हुआ.

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मुख्यमंत्रियों के पास था धन फिर भी लेते रहे इसका लाभ
दिलचस्प बात यह है कि समय बीतने के साथ ही राज्य का नेतृत्व बसपा सुप्रीमो मायावती जैसे नेताओं के हाथ रहा. राज्यसभा के 2012 के चुनाव के समय दाखिल हलफनामे के अनुसार उनकी संपत्ति 111 करोड़ रुपये बतायी गई. लोकसभा के हाल के चुनाव के समय दाखिल हलफनामे के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की भी उनकी पत्नी डिम्पल के साथ 37 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है. विधान परिषद 2017 के चुनाव के समय दाखिल हलफनामे के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की संपत्ति 95 लाख रुपये से अधिक है.

कांग्रेस नेता ने कहा नहीं जरूरत है अब इस नियम का
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी एल पुनिया ने कहा कि अब वेतन कई गुना अधिक हो चुके हैं, इसलिए इस रियायत की कोई प्रासंगिकता नहीं रह गयी है. इस कानून पर पुनर्विचार कर इसे समाप्त किया जाना चाहिए.

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लाभ लेते रहे पर नहीं पता है नियम
पूर्व वित्त मंत्री एवं बसपा नेता लालजी वर्मा सहित कई नेताओं को इस कानून की जानकारी नहीं है. उनका कहना है कि जहां तक उन्हें याद है, वह कर अदायगी करते रहे हैं. सपा के एक नेता ने कहा कि उन्हें ऐसी किसी सुविधा की जानकारी नहीं है. वरिष्ठ सपा नेताओं से बात करने के बाद ही वह इस बारे में कुछ कह पाएंगे. प्रदेश के विधि मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि अधिकारियों से इसकी पुष्टि करने के बाद ही वह इस मुद्दे पर कोई बात करने की स्थिति में होंगे.

समाजसेवी अनिल कुमार ने कहा कि आम आदमी के लिए यह हैरानगी की बात है जो भारी भरकम राशि कर के रूप में देता है, लेकिन नेता कर अदायगी नहीं करते. उन्होंने कहा कि हमारी तरह नेताओं को भी आयकर का भुगतान करना चाहिए.

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वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों की 86 लाख रुपये की कर अदायगी राज्य सरकार ने की है. इस बीच, राज्य के उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि वी पी सिंह के समय 1981 से एक कानून चला आ रहा है. जो भी किया जा रहा है, उस कानून के अनुरूप किया जा रहा है. शर्मा ने कहा कि आने वाले समय में हम किसी भी ऐसे सुझाव पर विचार करेंगे कि इस बारे में क्या कुछ अच्छे से अच्छा किया जा सकता है.

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.LUCKNOW DEL95
UP-LD-MINISTERS-TAX (RPT)
After 40 yrs, UP ministers to start paying income tax
(Eds: Updates with official announcement, adds background)
         Lucknow, Sep 13 (PTI) The Uttar Pradesh government on Friday decided that ministers will start paying their own income tax, ending a four-decade-old practice of the state exchequer shelling out the amount annually for them.
         The direction follows criticism in the media of a law enacted in 1981 which ensures that the state's chief minister and ministers don't pay any income tax themselves.
         Instead, their share is shelled out by the state government under the Uttar Pradesh Ministers' Salaries, Allowances and Miscellaneous Act, 1981.
         After a news report made this revelation, several politicians said they were not even aware of the provision in the UP Act.
         Late in the evening, the state government announced that the provision will be scrapped.
         UP chief ministers and all ministers will pay their own income tax. The income tax bill till now was paid through the state treasury, Finance Minister Suresh Kumar Khanna said in a statement.
         The decision has been taken on the directives of Chief Minister Yogi Adityanath, he added.
         The law, enacted when Vishwanath Pratap Singh was the chief minister, has been in force during the terms of 19 CMs and about 1,000 ministers so far.
         The chief ministers who saved on their taxes have been from across parties -- including Yogi Adityanath, Mulayam Singh Yadav, Akhilesh Yadav, Mayawati, Kalyan Singh, Ram Prakash Gupta, Rajnath Singh, Sripati Mishra, Vir Bahadur Singh and N D Tiwari.
         For the last financial year, the state government paid Rs 86 lakh as the ministers' tax bill, a senior finance ministry official said.
         A section of the Act says, "The salary referred to in sub-sections (1) and (2) shall be exclusive of the tax payable in respect of such salary (including perquisites) under any law relating to income tax for the time being in force, and such tax shall be borne by the state."
         It was argued in 1981 that the state government should bear the income tax burden as most ministers were from poor backgrounds and had meagre incomes, a Congress leader and a colleague of the then chief minister V P Singh said.
         But over the years, the state has been led by leaders like Bahujan Samaj Party chief Mayawati who is worth Rs 111 crore as per her affidavit for the Rajya Sabha polls in 2012.
         Another former chief minister, Samajwadi Party president Akhilesh Yadav, owns assets worth over Rs 37 crore together with his wife Dimple, according to the affidavit filed for the recent Lok Sabha polls.
         According to the affidavit submitted for the Legislative Council elections in 2017, Chief Minister Yogi Adityanath's assets total Rs 95,98,053.
         Hours before the government's decision to end the practice, Uttar Pradesh Power Minister Shrikant Sharma confirmed the existence of the 40-year-old provision in law.
         He said the government will look into any suggestion in the future on the issue.
         Congress leader and former MP, P L Punia said the provision didn't seem right and needed review.
         "The salaries have gone up several times and there appears to be no relevance for this relaxation. It needs reconsideration and withdrawal," Punia, who was principal secretary to Mayawati when she was chief minister, said.
         Many like BSP leader and former UP finance minister Lalji Verma said they were not aware of the law. Verma said as far he remembers he used to pay his own taxes.
         Earlier in the day, the state's Law Minister Brijesh Pathak said he will be in a position to speak on the issue only after getting it verified from his officials.
         Social activist Anil Kumar said the news was a shocker for the common man who pays large sums in taxes.
         "Why should he bear the burden of those who have all the benefits. Like all of us, they should also pay for themselves instead of putting an extra burden on us," Kumar said. PTI SAB ABN
ASH
NSD
09132332
NNNN
Last Updated : Sep 30, 2019, 1:24 PM IST
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