लखनऊ : कांग्रेस एक और 'लेटर बम' के साथ पार्टी में होने वाले धमाके के लिए तैयार है, इस बार यह उत्तर प्रदेश से है. पिछले साल पार्टी से निष्कासित नौ वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि वह पार्टी को महज 'इतिहास' का हिस्सा बनकर रह जाने से बचा लें.
प्रियंका गांधी वाड्रा, जो कि यूपी की प्रभारी व पार्टी महासचिव हैं, उन्हें परोक्ष रूप से निशाने पर लेते हुए, चार पन्नों के पत्र में सोनिया गांधी से परिवार से ऊपर उठने का आग्रह किया गया है. पत्र में लिखा गया है, 'परिवार के मोह से ऊपर उठें' और पार्टी की लोकतांत्रिक परंपराओं को पुनस्र्थापित करें.
पूर्व सांसद संतोष सिंह, पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी, पूर्व विधायक विनोद चौधरी, भूधर नारायण मिश्रा, नेकचंद पांडे, स्वयं प्रकाश गोस्वामी और संजीव सिंह के दस्तखत वाले पत्र में कहा गया है कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है.
पत्र में कहा गया है, 'इस बात की आशंका है कि आपको राज्य मामलों के प्रभारी द्वारा मौजूदा स्थिति से अवगत नहीं कराया जा रहा है. हम लगभग एक साल से आपसे मिलने के लिए अपॉइंटमेंट की मांग कर रहे हैं, लेकिन मना कर दिया जाता है. हमने अपने निष्कासन के खिलाफ अपील की थी जो अवैध था लेकिन केंद्रीय अनुशासन समिति को भी हमारी अपील पर विचार करने का समय नहीं मिला.'
पढ़ें- अपनों के विरोध पर सोनिया ने अध्यक्ष पद छोड़ने की जताई इच्छा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने आगे दावा किया कि पार्टी के पदों पर उन लोगों का कब्जा है, जो वेतन के आधार पर काम कर रहे हैं और पार्टी के प्राथमिक सदस्य भी नहीं हैं.
पत्र में कहा गया है, 'यह नेता पार्टी की विचारधारा से परिचित नहीं हैं, लेकिन उन्हें यूपी में पार्टी को दिशा देने का काम सौंपा गया है.'
इसमें आगे कहा गया है कि ये लोग उन नेताओं के प्रदर्शन का आकलन कर रहे हैं जो 1977-80 के संकट के दौरान कांग्रेस के साथ चट्टान की तरह खड़े थे. लोकतांत्रिक मानदंडों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और वरिष्ठ नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है, अपमानित किया जा रहा है और निकाला जा रहा है. वास्तव में, हमें मीडिया से हमारे निष्कासन के बारे में पता चला था, जो राज्य इकाई में नई कार्य संस्कृति की बात करता है.
पढ़ें- एक गैर-गांधी प्रमुख को क्या स्वीकार करेंगे कांग्रेसी?
पत्र में आरोप लगाया गया है कि नेताओं और पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच संवाद की कमी है.
इन्होंने आगे कहा कि यूपी में एनएसयूआई और युवा कांग्रेस निष्क्रिय से हो गए हैं.
नेताओं ने कांग्रेस आलाकमान से वरिष्ठ नेताओं के साथ संवाद को बढ़ावा देने का आग्रह किया है. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर यह मौजूदा मामलों की ओर आंख मूंद लेता है, तो कांग्रेस को यूपी में तगड़ा नुकसान होगा, जो कभी पार्टी का गढ़ हुआ करता था.
पढ़ें - जीडीपी पर बोले राहुल, गब्बर सिंह टैक्स से हुआ आर्थिक सर्वनाश
यह पत्र ऐसे समय में आया है जब पार्टी उत्तर प्रदेश में पहले से ही गुटबाजी, मतभेदों का सामना कर रही है.