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गरीबों को मुफ्त राशन पर 5 माह तक खर्च होंगे 90 हजार करोड़ : रामविलास - 5 माह तक खर्च होंगे 90 हजार करोड़

कोरोना महामारी के दौरान गरीबों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत गरीबों को अब अगले पांच माह यानी 30 नवंबर तक मुफ्त में राशन दिया जाएगा. केद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने बताया कि अगले पांच महीने तक राशन देने के लिए सरकार इस योजना पर 90 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी.

Ramvilas Paswan
राम विलास पासवान
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Published : Jul 2, 2020, 12:56 PM IST

Updated : Jul 2, 2020, 1:39 PM IST

नई दिल्ली : कोरोना महामारी के दौरान गरीबों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत मुफ्त राशन दिया जा रहा है. योजना के तहत अप्रैल, मई और जून महीने में गरीबों को मुफ्त में पांच किलो चावल या गेहूं और एक किलो दाल का वितरण किया गया. कई राज्यों ने इस योजना को बढ़ाने की मांग की थी, जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी कहा कि इस योजना के तहत अब गरीबों को 30 नवंबर तक राशन दिया जाएगा.

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जारिए मीडिया को बताया कि पीएमजीकेएवाई को 30 नवंबर तक जारी रखा जाएगा.

इसके तहत देश के 80 करोड़ से अधिक एनएफएसए लाभुकों को उनकी मासिक पात्रता के अलावा प्रति व्‍यक्ति पांच किलो गेहूं अथवा चावल तथा प्रत्‍येक परिवार को एक किलो चना उपलब्‍ध कराया जाना जाएगा. प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना पर अगले पांच माह तक 90 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे.

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मीडिया से बातचीत करते राम विलास पासवान

प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना के तहत पहले तीन माह के लिए आवंटित किए गए 119.82 एलएमटी अनाज में से मध्‍य प्रदेश, महाराष्‍ट्र और दिल्‍ली को छोड़ कर बाकी सभी राज्‍य अब तक 116.52 LMT अनाज ले गए हैं.

उन्होंने कहा कि अप्रैल माह में 93%, मई माह में 93% और जून में अब तक 75% अनाज का वितरण हो चुका है. जून माह का वितरण अभी चल रहा है. अब तक तीन माह का औसत 87% अनाज वितरित किया जा चुका है.

पढ़ें : पीएमजीकेएवाई पर परिस्थिति के हिसाब से निर्णय होगा : रामविलास

रामविलास ने कहा कि अप्रैल, मई और जून माह के लिए कुल दाल की आवश्‍यकता 5.87 एलएमटी है. भारत सरकार इस योजना का 5100 करोड़ रुपये का शत-प्रतिशत वित्तीय भार वहन कर रही है. अब तक 5.80 LMT दाल की निकासी हो चुकी है. 5.61 एलएमटी दाल राज्‍यों में पहुंच चुकी है. 4.49 एलएमटी दाल का वितरण किया जा चुका है. अप्रैल माह के लिए 93.02%, मई के लिए 79.4% और जून माह के लिए 66.88% वितरण हो चुका है. तीन माह के लिए औसत 80% दालों का वितरण किया जा चुका है. अप्रैल माह में 18.06 करोड़, मई में 15.39 करोड़ और जून में 11.46 करोड़ परिवारों को दाल का वितरण किया जा चुका है.

अप्रैल माह में जिन राज्‍यों ने 90% से कम दाल का वितरण किया है, उनमें पश्चिम बंगाल (87.48%), महाराष्‍ट्र (82.49%), बिहार (81.54%) और मध्‍य प्रदेश (66.60%) शामिल हैं.

मई माह में जिन राज्‍यों ने 90% से कम दाल का वितरण किया है, उनमें छत्तीसगढ़ (85.98%), त्रिपुरा (84.30%), महाराष्‍ट्र (74.22%), मणिपुर (62.11%), मध्‍य प्रदेश (50.70%), मिजोरम (45.40%), बिहार (31.45%) और पश्चिम बंगाल (0.00%) शामिल हैं.

जून माह में झारखण्‍ड (87.05%), मेघालय (89.34%), हिमाचल प्रदेश (85.99%), पंजाब (81.78%), हरियाणा (80.35%), कर्नाटक (75.19%), ओडिशा (71.96%), गुजरात (63.67%), राजस्‍थान (66.39%), लद्दाख (62.65%), सिक्‍किम (61.64%), छत्तीसगढ़ (59.77%), मिजोरम (46.59%), महाराष्‍ट्र (40.30%), मणिपुर (21.05%), तेलंगाना (10.55%), बिहार, त्रिपुरा, मध्‍य प्रदेश, पश्चिम बंगाल (0%) ने 90% से कम दाल का वितरण किया है.

रामविलास ने विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा, 'वे लद्दाख, चीन, पेट्रोल, डीजल के मुद्दे को छोड़कर गरीबों के कल्याण के लिए अनाज बांटने का काम पूरा कर लें, हम चाहते हैं कि कोरोना संकट में कोई भी गरीब भूखा न रहे.'

नई दिल्ली : कोरोना महामारी के दौरान गरीबों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत मुफ्त राशन दिया जा रहा है. योजना के तहत अप्रैल, मई और जून महीने में गरीबों को मुफ्त में पांच किलो चावल या गेहूं और एक किलो दाल का वितरण किया गया. कई राज्यों ने इस योजना को बढ़ाने की मांग की थी, जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी कहा कि इस योजना के तहत अब गरीबों को 30 नवंबर तक राशन दिया जाएगा.

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जारिए मीडिया को बताया कि पीएमजीकेएवाई को 30 नवंबर तक जारी रखा जाएगा.

इसके तहत देश के 80 करोड़ से अधिक एनएफएसए लाभुकों को उनकी मासिक पात्रता के अलावा प्रति व्‍यक्ति पांच किलो गेहूं अथवा चावल तथा प्रत्‍येक परिवार को एक किलो चना उपलब्‍ध कराया जाना जाएगा. प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना पर अगले पांच माह तक 90 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे.

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मीडिया से बातचीत करते राम विलास पासवान

प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना के तहत पहले तीन माह के लिए आवंटित किए गए 119.82 एलएमटी अनाज में से मध्‍य प्रदेश, महाराष्‍ट्र और दिल्‍ली को छोड़ कर बाकी सभी राज्‍य अब तक 116.52 LMT अनाज ले गए हैं.

उन्होंने कहा कि अप्रैल माह में 93%, मई माह में 93% और जून में अब तक 75% अनाज का वितरण हो चुका है. जून माह का वितरण अभी चल रहा है. अब तक तीन माह का औसत 87% अनाज वितरित किया जा चुका है.

पढ़ें : पीएमजीकेएवाई पर परिस्थिति के हिसाब से निर्णय होगा : रामविलास

रामविलास ने कहा कि अप्रैल, मई और जून माह के लिए कुल दाल की आवश्‍यकता 5.87 एलएमटी है. भारत सरकार इस योजना का 5100 करोड़ रुपये का शत-प्रतिशत वित्तीय भार वहन कर रही है. अब तक 5.80 LMT दाल की निकासी हो चुकी है. 5.61 एलएमटी दाल राज्‍यों में पहुंच चुकी है. 4.49 एलएमटी दाल का वितरण किया जा चुका है. अप्रैल माह के लिए 93.02%, मई के लिए 79.4% और जून माह के लिए 66.88% वितरण हो चुका है. तीन माह के लिए औसत 80% दालों का वितरण किया जा चुका है. अप्रैल माह में 18.06 करोड़, मई में 15.39 करोड़ और जून में 11.46 करोड़ परिवारों को दाल का वितरण किया जा चुका है.

अप्रैल माह में जिन राज्‍यों ने 90% से कम दाल का वितरण किया है, उनमें पश्चिम बंगाल (87.48%), महाराष्‍ट्र (82.49%), बिहार (81.54%) और मध्‍य प्रदेश (66.60%) शामिल हैं.

मई माह में जिन राज्‍यों ने 90% से कम दाल का वितरण किया है, उनमें छत्तीसगढ़ (85.98%), त्रिपुरा (84.30%), महाराष्‍ट्र (74.22%), मणिपुर (62.11%), मध्‍य प्रदेश (50.70%), मिजोरम (45.40%), बिहार (31.45%) और पश्चिम बंगाल (0.00%) शामिल हैं.

जून माह में झारखण्‍ड (87.05%), मेघालय (89.34%), हिमाचल प्रदेश (85.99%), पंजाब (81.78%), हरियाणा (80.35%), कर्नाटक (75.19%), ओडिशा (71.96%), गुजरात (63.67%), राजस्‍थान (66.39%), लद्दाख (62.65%), सिक्‍किम (61.64%), छत्तीसगढ़ (59.77%), मिजोरम (46.59%), महाराष्‍ट्र (40.30%), मणिपुर (21.05%), तेलंगाना (10.55%), बिहार, त्रिपुरा, मध्‍य प्रदेश, पश्चिम बंगाल (0%) ने 90% से कम दाल का वितरण किया है.

रामविलास ने विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा, 'वे लद्दाख, चीन, पेट्रोल, डीजल के मुद्दे को छोड़कर गरीबों के कल्याण के लिए अनाज बांटने का काम पूरा कर लें, हम चाहते हैं कि कोरोना संकट में कोई भी गरीब भूखा न रहे.'

Last Updated : Jul 2, 2020, 1:39 PM IST
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