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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान अधिनियम संशोधन विधेयक को मंजूरी दी - आईआईआईटी

​केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) अधिनियम संशोधन विधेयक 2020 को बुधवार को मंजूरी दी, जिसमें पांच आईआईआईटी को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा देने का प्रावधान किया गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.

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प्रकाश जावडेकर
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Published : Feb 5, 2020, 11:42 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 8:30 AM IST

नई दिल्ली : ​केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) अधिनियम संशोधन विधेयक 2020 को मंजूरी दी, जिसमें पांच आईआईआईटी को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा देने का प्रावधान किया गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. ​बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी.

इसमें 20 आईआईआईटी (पीपीपी) में प्रत्‍येक एक तथा आईआईआईटीडीएम कुरनूल (आईआईआईटी-सीएफटीआई) में एक पद सहित निदेशक के 21 पदों की पूर्व-प्रभाव से मंजूरी दी गई. इसके अलावा 20 आईआईआईटी (पीपीपी) में प्रत्‍येक एक तथा आईआईआईटीडीएम कुरनूल (आईआईआईटी-सीएफटीआई) में एक पद सहित, कुलसचिव के 21 पदों की पूर्व-प्रभाव से मंजूरी प्रदान की गई. बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि देश में 25 आईआईआईटी हैं जिनमें से 20 आईआईआईटी को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा प्रदान किया जा चुका है.

सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, इस विधेयक के माध्यम से शेष 5 आईआईआईटी-पीपीपी के साथ-साथ सार्वजनिक निजी भागीदारी वाले 15 मौजूदा भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्‍थानों को डिग्रियां प्रदान करने की शक्तियों सहित 'राष्‍ट्रीय महत्‍व के संस्‍थान' के रूप में घोषित किया जा सकेगा. इनमें सूरत, भोपाल, भागलपुर, अगरतला और रायचूर में स्थिति इन पांच आईआईआईटी शामिल है.

इससे वे किसी विश्‍वविद्यालय अथवा राष्‍ट्रीय महत्‍व के संस्‍थान की तरह प्रौद्योगिकी स्‍नातक (बी.टेक) अथवा प्रौद्योगिकी स्‍नातकोत्‍तर (एम.टेक) अथवा पीएच.डी डिग्री के नामकरण का इस्‍तेमाल करने के लिए अधिकृत हो जाएंगे. इससे ये संस्‍थान सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश में एक सशक्‍त अनुसंधान सुविधा विकसित करने के लिए आवश्‍यक पर्याप्‍त छात्रों को आकर्षित करने में भी सक्षम हो जाएंगे.

बहरहाल, जावड़ेकर ने कहा कि पांच आईआईआईटी को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा साल 2017 में प्रदान नहीं किया जा सका था क्योंकि कई पाठ्यक्रम शुरू नहीं हुए थे. अब ये कोर्स शुरू हो गए हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे ये संस्थान डिग्रियां प्रदान कर सकेंगे, छात्र पीएचडी कर सकेंगे और दुनिया में इन संस्थानों की साख बनेगी. उन्होंने कहा कि आईआईआईटी में सूचना और प्रौद्योगिकी पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है, ऐसे में इन संस्थाओं से छात्रों को तुरंत कैम्पस प्लेसमेंट भी मिल जाता है.

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उन्होंने कहा कि आज के फैसले के बाद सभी 25 आईआईआईटी को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा मिल जायेगा. सूरत, भोपाल, भागलपुर, अगरतला तथा रायचूर के आईआईआईटी संस्‍थानों को औपचारिक बनाना इस मंजूरी का उद्देश्‍य है. ये आईआईआईटी संस्‍थान, संस्‍था पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत संस्‍थाओं के रूप में काम कर रहे हैं. अब उन्‍हें सार्वजनिक निजी भागीदारी प्रारूप की योजना के तहत स्‍थापित अन्‍य 15 आईआईआईटी संस्‍थानों की तरह, आईआईआईटी (पीपीपी) अधिनियम, 2017 के तहत शामिल किया जाएगा.

नई दिल्ली : ​केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) अधिनियम संशोधन विधेयक 2020 को मंजूरी दी, जिसमें पांच आईआईआईटी को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा देने का प्रावधान किया गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. ​बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी.

इसमें 20 आईआईआईटी (पीपीपी) में प्रत्‍येक एक तथा आईआईआईटीडीएम कुरनूल (आईआईआईटी-सीएफटीआई) में एक पद सहित निदेशक के 21 पदों की पूर्व-प्रभाव से मंजूरी दी गई. इसके अलावा 20 आईआईआईटी (पीपीपी) में प्रत्‍येक एक तथा आईआईआईटीडीएम कुरनूल (आईआईआईटी-सीएफटीआई) में एक पद सहित, कुलसचिव के 21 पदों की पूर्व-प्रभाव से मंजूरी प्रदान की गई. बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि देश में 25 आईआईआईटी हैं जिनमें से 20 आईआईआईटी को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा प्रदान किया जा चुका है.

सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, इस विधेयक के माध्यम से शेष 5 आईआईआईटी-पीपीपी के साथ-साथ सार्वजनिक निजी भागीदारी वाले 15 मौजूदा भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्‍थानों को डिग्रियां प्रदान करने की शक्तियों सहित 'राष्‍ट्रीय महत्‍व के संस्‍थान' के रूप में घोषित किया जा सकेगा. इनमें सूरत, भोपाल, भागलपुर, अगरतला और रायचूर में स्थिति इन पांच आईआईआईटी शामिल है.

इससे वे किसी विश्‍वविद्यालय अथवा राष्‍ट्रीय महत्‍व के संस्‍थान की तरह प्रौद्योगिकी स्‍नातक (बी.टेक) अथवा प्रौद्योगिकी स्‍नातकोत्‍तर (एम.टेक) अथवा पीएच.डी डिग्री के नामकरण का इस्‍तेमाल करने के लिए अधिकृत हो जाएंगे. इससे ये संस्‍थान सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश में एक सशक्‍त अनुसंधान सुविधा विकसित करने के लिए आवश्‍यक पर्याप्‍त छात्रों को आकर्षित करने में भी सक्षम हो जाएंगे.

बहरहाल, जावड़ेकर ने कहा कि पांच आईआईआईटी को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा साल 2017 में प्रदान नहीं किया जा सका था क्योंकि कई पाठ्यक्रम शुरू नहीं हुए थे. अब ये कोर्स शुरू हो गए हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे ये संस्थान डिग्रियां प्रदान कर सकेंगे, छात्र पीएचडी कर सकेंगे और दुनिया में इन संस्थानों की साख बनेगी. उन्होंने कहा कि आईआईआईटी में सूचना और प्रौद्योगिकी पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है, ऐसे में इन संस्थाओं से छात्रों को तुरंत कैम्पस प्लेसमेंट भी मिल जाता है.

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उन्होंने कहा कि आज के फैसले के बाद सभी 25 आईआईआईटी को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा मिल जायेगा. सूरत, भोपाल, भागलपुर, अगरतला तथा रायचूर के आईआईआईटी संस्‍थानों को औपचारिक बनाना इस मंजूरी का उद्देश्‍य है. ये आईआईआईटी संस्‍थान, संस्‍था पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत संस्‍थाओं के रूप में काम कर रहे हैं. अब उन्‍हें सार्वजनिक निजी भागीदारी प्रारूप की योजना के तहत स्‍थापित अन्‍य 15 आईआईआईटी संस्‍थानों की तरह, आईआईआईटी (पीपीपी) अधिनियम, 2017 के तहत शामिल किया जाएगा.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 15:42 HRS IST




             
  • ​केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान अधिनियम संशोधन विधेयक को मंजूरी दी



नयी दिल्ली, पांच फरवरी (भाषा) ​केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) अधिनियम संशोधन विधेयक 2020 को बुधवार को मंजूरी दी जिसमें पांच आईआईआईटी को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा देने का प्रावधान किया गया है।







प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई । ​बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी ।



इसमें 20 आईआईआईटी (पीपीपी) में प्रत्‍येक एक तथा आईआईआईटीडीएम कुरनूल (आईआईआईटी-सीएफटीआई) में एक पद सहित निदेशक के 21 पदों की पूर्व-प्रभाव से मंजूरी दी गई । इसके अलावा 20 आईआईआईटी (पीपीपी) में प्रत्‍येक एक तथा आईआईआईटीडीएम कुरनूल (आईआईआईटी-सीएफटीआई) में एक पद सहित, कुलसचिव के 21 पदों की पूर्व-प्रभाव से मंजूरी प्रदान की गई। बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि देश में 25 आईआईआईटी हैं जिनमें से 20 आईआईआईटी को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा प्रदान किया जा चुका है । सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, इस विधेयक के माध्यम से शेष 5 आईआईआईटी-पीपीपी के साथ-साथ सार्वजनिक निजी भागीदारी वाले 15 मौजूदा भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्‍थानों को डिग्रियां प्रदान करने की शक्तियों सहित ‘राष्‍ट्रीय महत्‍व के संस्‍थान’ के रूप में घोषित किया जा सकेगा। इनमें सूरत, भोपाल, भागलपुर, अगरतला और रायचूर में स्थिति इन पांच आईआईआईटी शामिल है ।



इससे वे किसी विश्‍वविद्यालय अथवा राष्‍ट्रीय महत्‍व के संस्‍थान की तरह प्रौद्योगिकी स्‍नातक (बी.टेक) अथवा प्रौद्योगिकी स्‍नातकोत्‍तर (एम.टेक) अथवा पीएच.डी डिग्री के नामकरण का इस्‍तेमाल करने के लिए अधिकृत हो जाएंगे। इससे ये संस्‍थान सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश में एक सशक्‍त अनुसंधान सुविधा विकसित करने के लिए आवश्‍यक पर्याप्‍त छात्रों को आकर्षित करने में भी सक्षम हो जाएंगे।



बहरहाल, जावड़ेकर ने कहा कि पांच आईआईआईटी को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा साल 2017 में प्रदान नहीं किया जा सका था क्योंकि कई पाठ्यक्रम शुरू नहीं हुए थे । अब ये कोर्स शुरू हो गए हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे ये संस्थान डिग्रियां प्रदान कर सकेंगे, छात्र पीएचडी कर सकेंगे और दुनिया में इन संस्थानों की साख बनेगी । उन्होंने कहा कि आईआईआईटी में सूचना और प्रौद्योगिकी पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है, ऐसे में इन संस्थाओं से छात्रों को तुरंत कैम्पस प्लेसमेंट भी मिल जाता है।



उन्होंने कहा कि आज के फैसले के बाद सभी 25 आईआईआईटी को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा मिल जायेगा । सूरत, भोपाल, भागलपुर, अगरतला तथा रायचूर के आईआईआईटी संस्‍थानों को औपचारिक बनाना इस मंजूरी का उद्देश्‍य है। ये आईआईआईटी संस्‍थान, संस्‍था पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत संस्‍थाओं के रूप में काम कर रहे हैं। अब उन्‍हें सार्वजनिक निजी भागीदारी प्रारूप की योजना के तहत स्‍थापित अन्‍य 15 आईआईआईटी संस्‍थानों की तरह, आईआईआईटी (पीपीपी) अधिनियम, 2017 के तहत शामिल किया जाएगा।


Conclusion:
Last Updated : Feb 29, 2020, 8:30 AM IST
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