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महामारी से सबसे अधिक बच्चे प्रभावित, यूनिसेफ कर रहा ये प्रयास - UNICEF Humanitarian Action

दुनियाभर के मानवीय आपात स्थितियों में रह रहे बच्चों के लिए यूनिसेफ हर वर्ष मानवीय अपील करता है. आइए देखते हैं कि वर्ष 2021 में बच्चों के लिए यूनिसेफ ने क्या मानवीय अपील की है.

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Published : Dec 5, 2020, 9:32 PM IST

हैदराबाद : संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) का उद्देश्य बच्चों को खाना और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है. इसके अलावा यूनिसेफ बच्चों के विकास, बुनियादी शिक्षा, लिंग के आधार पर समानता (इसमें लड़कियों की शिक्षा शामिल है), बच्चों को हिंसा से बचाने, शोषण, बाल-श्रम के विरोध में, बच्चों के अधिकारों के वैधानिक संघर्ष के लिए काम करता है.

दुनियाभर के मानवीय आपात स्थितियों में रह रहे बच्चों के लिए यूनिसेफ हर वर्ष मानवीय अपील करता है. आइए देखते हैं कि वर्ष 2021 में बच्चों के लिए यूनिसेफ ने क्या मानवीय अपील की है.

बच्चों के लिए यूनिसेफ की मानवीय कार्रवाई 2021 का अवलोकन

  • एक साथ काम करके, हम इस संकट से गुजर रहे और और संघर्ष कर रहे हर बच्चे के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं.
  • इस बात को झूठलाया नहीं जा सकता कि संकट के समय में बच्चे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं. कोरोना वायरस महामारी कोई अपवाद नहीं है. गरीबी बढ़ रही है, असमानता बढ़ रही है और महामारी उन आवश्यक सेवाओं को बढ़ा रही है जो हमारे बच्चों और युवाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा को संरक्षित करती है.
  • महामारी से पहले, संघर्ष, गरीबी, कुपोषण और जलवायु परिवर्तन के चलते उन बच्चों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई, जिन्हें मानवीय सहायता की आवश्यकता है. अब कोरोना वायरस के चलते यह संकट और गहरा हो रहा है. कोरोना महामारी स्थिति को और भी बदतर बना रही है.
  • 2021 में, 190 मिलियन बच्चों तक पहुंचने के लिए 59 अपील के माध्यम से, यूनिसेफ की बच्चों के लिए मानवीय कार्रवाई संघर्ष और संकट के समय प्रमुख चुनौतियों का सामना कर रहे बच्चों के लिए एक महत्वाकांक्षी एजेंडा निर्धारित करता है. एजेंडे के तहत एक साथ काम करके हम हर बच्चे के बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं.
  • गतिविधियों पर पाबंदी, स्कूल बंद होने और अलग-थलग पड़ जाने से 91 प्रतिशत बच्चों की स्कूली शिक्षा बाधित हुई है. इससे विस्थापित या मानवीय संकटों से प्रभावित बच्चों के लिए पढ़ना और भी कठिन हो गया है. वेनेजुएला के बोलीविया गणराज्य में, दस लाख से अधिक बच्चों ने स्कूल छोड़ दिया और अन्य दस लाख बच्चे स्कूल छोड़ने वाले हैं.
  • इसके अलावा कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में आर्थिक अस्थिरता और बाधित सेवाएं दशकों में हुई प्रगति को पीछे ढकेल रही हैं. यमन में कुपोषण के मामलों में लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसके लिए, हम 2021 की मानवीय अपील में बच्चों के लिए निवेश की मांग कर रहे हैं.

बाल अधिकारों पर हो रहा हमला

  • अफगानिस्तान से कैमरून और कैमरून से मोजाम्बिक तक बच्चों पर होने वाले हमले बढ़ रहे हैं और इन हमलों के अपराधियों को शायद ही कभी सजा होती है. इसके अलावा बच्चियां यौन शोषण, बाल विवाह और गर्भावस्था का शिकार हो रही हैं. नाइजर में, लगभग 76 प्रतिशत लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले कर दी जाती है.

यूनिसेफ और उसके साथी इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं. कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से यूनिसेफ वायरस के संचरण को कम करने और जीवन रक्षक सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए जुटा हुआ है. इसमें पीपीई किट और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के साथ 1.8 मिलियन स्वास्थ्यकर्मियों को लैस करना शामिल था. दक्षिण सूडान में बाढ़ से प्रभावित हजारों लोगों को साफ पानी उपलब्ध कराना और केंद्रीय साहेल में 3,50,000 से अधिक कुपोषित बच्चों का इलाज करवाना शामिल था.

इसके अलावा दूर-दराज इलाकों में कोरोना टेस्टिंग की पहुंच को बढ़ाया है, साथ ही साथ बीमारियों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने के लिए महत्वपूर्ण दवाओं की भी पहुंच बढ़ाई है. इसमें 56 देशों में 2.5 मिलियन से अधिक परीक्षण किट पहुंचाना शामिल है. इसके तहत यमन को 18,000 किट प्राप्त हुए हैं.

हैदराबाद : संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) का उद्देश्य बच्चों को खाना और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है. इसके अलावा यूनिसेफ बच्चों के विकास, बुनियादी शिक्षा, लिंग के आधार पर समानता (इसमें लड़कियों की शिक्षा शामिल है), बच्चों को हिंसा से बचाने, शोषण, बाल-श्रम के विरोध में, बच्चों के अधिकारों के वैधानिक संघर्ष के लिए काम करता है.

दुनियाभर के मानवीय आपात स्थितियों में रह रहे बच्चों के लिए यूनिसेफ हर वर्ष मानवीय अपील करता है. आइए देखते हैं कि वर्ष 2021 में बच्चों के लिए यूनिसेफ ने क्या मानवीय अपील की है.

बच्चों के लिए यूनिसेफ की मानवीय कार्रवाई 2021 का अवलोकन

  • एक साथ काम करके, हम इस संकट से गुजर रहे और और संघर्ष कर रहे हर बच्चे के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं.
  • इस बात को झूठलाया नहीं जा सकता कि संकट के समय में बच्चे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं. कोरोना वायरस महामारी कोई अपवाद नहीं है. गरीबी बढ़ रही है, असमानता बढ़ रही है और महामारी उन आवश्यक सेवाओं को बढ़ा रही है जो हमारे बच्चों और युवाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा को संरक्षित करती है.
  • महामारी से पहले, संघर्ष, गरीबी, कुपोषण और जलवायु परिवर्तन के चलते उन बच्चों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई, जिन्हें मानवीय सहायता की आवश्यकता है. अब कोरोना वायरस के चलते यह संकट और गहरा हो रहा है. कोरोना महामारी स्थिति को और भी बदतर बना रही है.
  • 2021 में, 190 मिलियन बच्चों तक पहुंचने के लिए 59 अपील के माध्यम से, यूनिसेफ की बच्चों के लिए मानवीय कार्रवाई संघर्ष और संकट के समय प्रमुख चुनौतियों का सामना कर रहे बच्चों के लिए एक महत्वाकांक्षी एजेंडा निर्धारित करता है. एजेंडे के तहत एक साथ काम करके हम हर बच्चे के बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं.
  • गतिविधियों पर पाबंदी, स्कूल बंद होने और अलग-थलग पड़ जाने से 91 प्रतिशत बच्चों की स्कूली शिक्षा बाधित हुई है. इससे विस्थापित या मानवीय संकटों से प्रभावित बच्चों के लिए पढ़ना और भी कठिन हो गया है. वेनेजुएला के बोलीविया गणराज्य में, दस लाख से अधिक बच्चों ने स्कूल छोड़ दिया और अन्य दस लाख बच्चे स्कूल छोड़ने वाले हैं.
  • इसके अलावा कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में आर्थिक अस्थिरता और बाधित सेवाएं दशकों में हुई प्रगति को पीछे ढकेल रही हैं. यमन में कुपोषण के मामलों में लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसके लिए, हम 2021 की मानवीय अपील में बच्चों के लिए निवेश की मांग कर रहे हैं.

बाल अधिकारों पर हो रहा हमला

  • अफगानिस्तान से कैमरून और कैमरून से मोजाम्बिक तक बच्चों पर होने वाले हमले बढ़ रहे हैं और इन हमलों के अपराधियों को शायद ही कभी सजा होती है. इसके अलावा बच्चियां यौन शोषण, बाल विवाह और गर्भावस्था का शिकार हो रही हैं. नाइजर में, लगभग 76 प्रतिशत लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले कर दी जाती है.

यूनिसेफ और उसके साथी इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं. कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से यूनिसेफ वायरस के संचरण को कम करने और जीवन रक्षक सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए जुटा हुआ है. इसमें पीपीई किट और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के साथ 1.8 मिलियन स्वास्थ्यकर्मियों को लैस करना शामिल था. दक्षिण सूडान में बाढ़ से प्रभावित हजारों लोगों को साफ पानी उपलब्ध कराना और केंद्रीय साहेल में 3,50,000 से अधिक कुपोषित बच्चों का इलाज करवाना शामिल था.

इसके अलावा दूर-दराज इलाकों में कोरोना टेस्टिंग की पहुंच को बढ़ाया है, साथ ही साथ बीमारियों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने के लिए महत्वपूर्ण दवाओं की भी पहुंच बढ़ाई है. इसमें 56 देशों में 2.5 मिलियन से अधिक परीक्षण किट पहुंचाना शामिल है. इसके तहत यमन को 18,000 किट प्राप्त हुए हैं.

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