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शनिदेव का ब्रांडेड तेल से ही क्यों होना चाहिए अभिषेक? नया नियम नहीं जाना तो होगी बड़ी परेशानी - TELABHISHEK IN SHANI TEMPLE

मिलावटी तेल की वजह से शनिदेव की मूर्ति खराब हो रही थी. इस वजह से ब्रांडेड तेल से अभिषेक करने का फैसला लिया गया.

महाराष्ट्र में शनि शिंगणापुर मंदिर
महाराष्ट्र में शनि शिंगणापुर मंदिर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 15, 2025, 6:35 PM IST

शिरडी: महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में श्री शनिदेव की मूर्ति को लूज तेल की जगह ब्रांडेड ऑयल से अभिषेक किया जाएगा. ऐसा प्रस्ताव शनि शिंगणापुर मंदिर ट्रस्टी बोर्ड की बैठक में लिया गया. बैठक में कहा गया कि, एक मार्च से शनिदेव की मूर्ति का तेलाभिषेक ब्रांडेड तेल के साथ किया जाएगा.

इस तरह के निर्णय ग्राम सभा में भी लिया गया है. यह आदेश 1 मार्च से लागू होगा. यह जानकारी मंदिर के ट्रस्टी विठ्ठल आढाव ने दी है. शिंगणापुर में शनिदेव की मूर्ति का तेल से अभिषेक करने की परंपरा है. ऐसा कहा जा रहा है कि, मिलावटी तेल से अभिषेक करने की वजह से स्वयं निर्मित शनिदेव की मूर्ति खराब हो रही है. इस वजह से मंदिर की ओर से यह बड़ा निर्णय लिया गया है.

साथ ही बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि, श्रद्धालुओं की तरफ से लाए गए तेल में अगर कोई संदेह होता है तो उसे किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जाएगा. या फिर उस तेल को टेस्टिंग के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण के पास भेजा जाएगा. शनि शिंगणापुर देवस्थान का यह संकल्प 1 मार्च से लागू होने जा रहा है, जिसका श्रद्धालुओं ने स्वागत किया है.

वैसे पूरे भारत में शनिदेव के कई मंदिर हैं लेकिन तीन ऐसे प्राचीन पीठ है, जिनका काफी महत्व है. इनमें शनि शिंगणापुर (महाराष्ट्र) शनिश्चरा मंदिर (ग्वालियर) सिद्ध शनिदेव (काशीवन, उत्तर प्रदेश) है. इनमें से शनि शिंगणापुर को भगवान शनिदेवा का जन्म स्थान माना जाता है.

ये भी पढ़ें: तिरुपति लड्‌डू विवाद, एसआईटी ने आरोपियों से की पूछताछ, खुलासे से कई राज सामने आएंगे!

शिरडी: महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में श्री शनिदेव की मूर्ति को लूज तेल की जगह ब्रांडेड ऑयल से अभिषेक किया जाएगा. ऐसा प्रस्ताव शनि शिंगणापुर मंदिर ट्रस्टी बोर्ड की बैठक में लिया गया. बैठक में कहा गया कि, एक मार्च से शनिदेव की मूर्ति का तेलाभिषेक ब्रांडेड तेल के साथ किया जाएगा.

इस तरह के निर्णय ग्राम सभा में भी लिया गया है. यह आदेश 1 मार्च से लागू होगा. यह जानकारी मंदिर के ट्रस्टी विठ्ठल आढाव ने दी है. शिंगणापुर में शनिदेव की मूर्ति का तेल से अभिषेक करने की परंपरा है. ऐसा कहा जा रहा है कि, मिलावटी तेल से अभिषेक करने की वजह से स्वयं निर्मित शनिदेव की मूर्ति खराब हो रही है. इस वजह से मंदिर की ओर से यह बड़ा निर्णय लिया गया है.

साथ ही बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि, श्रद्धालुओं की तरफ से लाए गए तेल में अगर कोई संदेह होता है तो उसे किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जाएगा. या फिर उस तेल को टेस्टिंग के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण के पास भेजा जाएगा. शनि शिंगणापुर देवस्थान का यह संकल्प 1 मार्च से लागू होने जा रहा है, जिसका श्रद्धालुओं ने स्वागत किया है.

वैसे पूरे भारत में शनिदेव के कई मंदिर हैं लेकिन तीन ऐसे प्राचीन पीठ है, जिनका काफी महत्व है. इनमें शनि शिंगणापुर (महाराष्ट्र) शनिश्चरा मंदिर (ग्वालियर) सिद्ध शनिदेव (काशीवन, उत्तर प्रदेश) है. इनमें से शनि शिंगणापुर को भगवान शनिदेवा का जन्म स्थान माना जाता है.

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