ETV Bharat / bharat

प्रोमोशन में आरक्षण : सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सड़क पर उतरे उदित राज - प्रमोशन में आरक्षण

सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति और जनजाति श्रेणी के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण को लेकर सुनाए गए फैसले के खिलाफ कांग्रेस नेता उदित राज ने आज दिल्ली के मंडी हाउस से जंतर-मंतर तक मार्च निकाला. पढे़ं पूरी खबर...

udit-raj-on-sc-verdict-over-reservation
प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ सड़क पर उतरे कांग्रेस नेता उदित राज
author img

By

Published : Feb 22, 2020, 4:38 PM IST

Updated : Mar 2, 2020, 4:47 AM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता उदित राज ने आज पदोन्नति में आरक्षण पर दिए गए फैसले के खिलाफ मंडी हाउस से जंतर-मंतर तक मार्च निकाला.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति और जनजाति श्रेणी के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण को लेकर फैसला सुनाया था. इसी के खिलाफ कांग्रेस नेता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह निर्णय निरस्त किया जाना चाहिए और आरक्षण को संविधान की 9वीं सूची में रखा जाए.

बता दें कि उदित राज ने इस दौरान आरएसएस नेता मनमोहन सिंह वैद्य और मोहन भागवत पर आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि इनकी मंशा आरक्षण खत्म करने की बहुत पहले से ही थी और आज उसी को पूरा किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रमोशन में आरक्षण को लेकर दिए गए फैसले पर यदि केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर इस फैसले को नहीं वापस लिया तो सरकार के खिलाफ हम बड़ा आंदोलन करेंगे.

पढ़ें : आरक्षण पर मायावती ने केंद्र सरकार को घेरा, बोली- नौवीं अनुसूची में हो शामिल

कांग्रेस नेता ने कहा कि बसपा सुप्रीमो मायावती भी आरक्षण खत्म कराने में भागीदार हैं क्योंकि उत्तराखंड सरकार की तहरीर पर जो सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है वह चार जनवरी 2011 को लखनऊ हाई कोर्ट बेंच की तर्ज पर दिए गए फैसले पर आधारित है.

उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार और अशोक गहलोत की सरकारों ने नागराज की शर्तों पर अपने-अपने प्रदेश में आरक्षण चालू रखा लेकिन मायावती ने इस मामले में ध्यान नहीं दिया और इस फैसले के खिलाफ कोई पैरवी नहीं की. यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण पर जो फैसला सुनाया गया है, उसकी जिम्मेदार मायावती भी हैं.

उदित राज ने भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद द्वारा 23 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ भारत बंद के आह्वान पर कहा कि उन्हें मेरा पूरा-पूरा समर्थन है.

जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कहा था कि पदोन्नति में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है और इसे लागू करना या न करना राज्य सरकारों पर निर्भर करता है.

सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि प्रमोशन में आरक्षण न तो मौलिक अधिकार है, न ही राज्य सरकारें इसे लागू करने के लिए बाध्य है. न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने अपने एक निर्णय में इस बात का जिक्र किया.

खंडपीठ ने कहा कि प्रोमोशन में आरक्षण नागरिकों का मौलिक अधिकार नहीं है और इसके लिए राज्य सरकारों को बाध्य नहीं किया जा सकता. इतना ही नहीं, कोर्ट भी सरकार को इसके लिए बाध्य नहीं कर सकता.

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता उदित राज ने आज पदोन्नति में आरक्षण पर दिए गए फैसले के खिलाफ मंडी हाउस से जंतर-मंतर तक मार्च निकाला.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति और जनजाति श्रेणी के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण को लेकर फैसला सुनाया था. इसी के खिलाफ कांग्रेस नेता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह निर्णय निरस्त किया जाना चाहिए और आरक्षण को संविधान की 9वीं सूची में रखा जाए.

बता दें कि उदित राज ने इस दौरान आरएसएस नेता मनमोहन सिंह वैद्य और मोहन भागवत पर आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि इनकी मंशा आरक्षण खत्म करने की बहुत पहले से ही थी और आज उसी को पूरा किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रमोशन में आरक्षण को लेकर दिए गए फैसले पर यदि केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर इस फैसले को नहीं वापस लिया तो सरकार के खिलाफ हम बड़ा आंदोलन करेंगे.

पढ़ें : आरक्षण पर मायावती ने केंद्र सरकार को घेरा, बोली- नौवीं अनुसूची में हो शामिल

कांग्रेस नेता ने कहा कि बसपा सुप्रीमो मायावती भी आरक्षण खत्म कराने में भागीदार हैं क्योंकि उत्तराखंड सरकार की तहरीर पर जो सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है वह चार जनवरी 2011 को लखनऊ हाई कोर्ट बेंच की तर्ज पर दिए गए फैसले पर आधारित है.

उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार और अशोक गहलोत की सरकारों ने नागराज की शर्तों पर अपने-अपने प्रदेश में आरक्षण चालू रखा लेकिन मायावती ने इस मामले में ध्यान नहीं दिया और इस फैसले के खिलाफ कोई पैरवी नहीं की. यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण पर जो फैसला सुनाया गया है, उसकी जिम्मेदार मायावती भी हैं.

उदित राज ने भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद द्वारा 23 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ भारत बंद के आह्वान पर कहा कि उन्हें मेरा पूरा-पूरा समर्थन है.

जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कहा था कि पदोन्नति में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है और इसे लागू करना या न करना राज्य सरकारों पर निर्भर करता है.

सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि प्रमोशन में आरक्षण न तो मौलिक अधिकार है, न ही राज्य सरकारें इसे लागू करने के लिए बाध्य है. न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने अपने एक निर्णय में इस बात का जिक्र किया.

खंडपीठ ने कहा कि प्रोमोशन में आरक्षण नागरिकों का मौलिक अधिकार नहीं है और इसके लिए राज्य सरकारों को बाध्य नहीं किया जा सकता. इतना ही नहीं, कोर्ट भी सरकार को इसके लिए बाध्य नहीं कर सकता.

Last Updated : Mar 2, 2020, 4:47 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.