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जम्मू एवं कश्मीर का पुनर्गठन भारत का आंतरिक मामला : यूएई

यूएई ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन और 370 को भारत का आंतरिक मामला बताया है. यूएई ने कहा कि आजाद भारत में यह पहली बार नहीं हुआ है. इसके पहले भी राज्यों का पुनर्गठन किया जा चुका है... जाने और क्या कहा यूएई ने खबर में...

फोटो- सौ.आईएएनएस
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Published : Aug 7, 2019, 8:08 AM IST

नई दिल्लीः संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने कहा है कि जम्मू एवं कश्मीर के पुनर्गठन का निर्णय भारत का आंतरिक मामला है. यूएई ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर के संबंध में अनुच्छेद 370 को हटाना और विशेष अधिकार को वापस लेना भारत सरकार का दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया आंतरिक निर्णय है.

भारत में संयुक्त अरब अमीरात के राजदूत अहमद अल बन्ना ने कहा कि उन्होंने भारत सरकार के निर्णय पर ध्यान दिया है.

उन्होंने कहा कि, अनुच्छेद 370 के कुछ खंड़ों को गैर-संचालन में लाने वाले निर्णय पर हमने ध्यान दिया है. इसके अलावा हमने राज्य के पुनर्गठन, जिसमें लद्दाख और जम्मू एवं कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने की बात कही गई है. उस निर्णय पर भी ध्यान दिया है.

उन्होंने आगे कहा कि उनकी समझ में यह पहली बार नहीं हुआ है, जब आजाद भारत में राज्यों का पुनर्गठन किया गया हो.

उन्होंने कहा कि मेरी समझ के अनुसार यह मुख्य रूप से क्षेत्रीय असमानता को कम करने और दक्षता में सुधार लाने के उद्देश्य से लिया गया फैसला है.

पढ़ेंः संसद से जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पारित, लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

अल बन्ना ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर को लेकर लिया गया फैसला पूर्ण रूप से भारतीय संविधान के अनुसार लिया गया है और यह देश का आंतरिक मामला है.

नई दिल्लीः संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने कहा है कि जम्मू एवं कश्मीर के पुनर्गठन का निर्णय भारत का आंतरिक मामला है. यूएई ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर के संबंध में अनुच्छेद 370 को हटाना और विशेष अधिकार को वापस लेना भारत सरकार का दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया आंतरिक निर्णय है.

भारत में संयुक्त अरब अमीरात के राजदूत अहमद अल बन्ना ने कहा कि उन्होंने भारत सरकार के निर्णय पर ध्यान दिया है.

उन्होंने कहा कि, अनुच्छेद 370 के कुछ खंड़ों को गैर-संचालन में लाने वाले निर्णय पर हमने ध्यान दिया है. इसके अलावा हमने राज्य के पुनर्गठन, जिसमें लद्दाख और जम्मू एवं कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने की बात कही गई है. उस निर्णय पर भी ध्यान दिया है.

उन्होंने आगे कहा कि उनकी समझ में यह पहली बार नहीं हुआ है, जब आजाद भारत में राज्यों का पुनर्गठन किया गया हो.

उन्होंने कहा कि मेरी समझ के अनुसार यह मुख्य रूप से क्षेत्रीय असमानता को कम करने और दक्षता में सुधार लाने के उद्देश्य से लिया गया फैसला है.

पढ़ेंः संसद से जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पारित, लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

अल बन्ना ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर को लेकर लिया गया फैसला पूर्ण रूप से भारतीय संविधान के अनुसार लिया गया है और यह देश का आंतरिक मामला है.

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जम्मू एवं कश्मीर का पुनर्गठन भारत का आंतरिक मामला : यूएई

 (21:06) 



नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)| संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने कहा है कि जम्मू एवं कश्मीर के पुनर्गठन का निर्णय भारत का आंतरिक मामला है। यूएई ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर के संबंध में अनुच्छेद 370 को हटाना और विशेष अधिकार को वापस लेना भारत सरकार का दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया आंतरिक निर्णय है।



भारत में संयुक्त अरब अमीरात के राजदूत अहमद अल बन्ना ने कहा कि उन्होंने भारत सरकार के निर्णय पर ध्यान दिया है।



उन्होंने कहा, "अनुच्छेद 370 के कुछ खंड़ों को गैर-संचालन में लाने वाले निर्णय पर हमने ध्यान दिया है। इसके अलावा हमने राज्य के पुनर्गठन, जिसमें लद्दाख और जम्मू एवं कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने की बात कही गई है, उस निर्णय पर भी ध्यान दिया है।"



उन्होंने आगे कहा कि उनकी समझ में यह पहली बार नहीं हुआ है, जब आजाद भारत में राज्यों का पुनर्गठन किया गया हो।



उन्होंने कहा, "मेरी समझ के अनुसार यह मुख्य रूप से क्षेत्रीय असमानता को कम करने और दक्षता में सुधार लाने के उद्देश्य से लिया गया फैसला है।"



अल बन्ना ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर को लेकर लिया गया फैसला पूर्ण रूप से भारतीय संविधान के अनुसार लिया गया है और यह देश का आंतरिक मामला है।



--आईएएनएस

 


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