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झारखंड : कोरोना संक्रमित दो महिलाओं के नवजात बच्चों की रिपोर्ट निगेटिव

झारखंड के हजारीबाग में कोरोना पॉजिटिव दो गर्भवती महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया. नवजात शिशुओं को प्रसूताओं के पास ही रखा गया था. दोनों अपने बच्चों को स्तनपान भी करा रही थीं. लेकिन टेस्ट के बाद बच्चों की रिपोर्ट निगेटिव आई है. इसे लेकर श्रीनिवास अस्पताल के डॉक्टरों में काफी उत्साह है.

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Published : May 25, 2020, 6:27 PM IST

रांची : झारखंड के हजारीबाग जिले में कोरोना संक्रमित दो गर्भवती महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया. लेकिन जब नवजात बच्चों की कोरोना जांच की गई तो रिपोर्ट नेगेटिव आई. इसे लेकर डॉक्टरों में काफी उत्साह है. डॉक्टरों का मानना है कि मां के दूध की शक्ति है कि बच्चे की रिपोर्ट निगेटिव आई है.

दरअसल हजारीबाग के श्रीनिवास अस्पताल में दो गर्भवती महिलाओं की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. दोनों महिलाओं ने दो बच्चों को जन्म दिया था. ऐसे में बच्चों और प्रसूताओं, दोनों को हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रखा गया था. दोनों अपने बच्चों के साथ ही रहती थीं और स्तनपान भी कराती थीं. लेकिन जब बच्चों की रिपोर्ट आई तो वो निगेटिव निकली.

आमतौर पर यह देखा गया है कि संक्रमित व्यक्ति के आसपास किसी भी व्यक्ति को रखा नहीं जाता है, क्योंकि संक्रमण का भय रहता है. जब मां और बच्चे एक साथ रह रहे हैं. उस स्थिति में मां संक्रमित है और बच्चे की रिपोर्ट निगेटिव आई है तो यह आश्चर्य की बात है.

आपको बता दें कि 10 मई को दोनों महिलाओं की रिपोर्ट जांच के लिए भेजी गयी थी. उन्होंने अगले दिन 11 मई को बच्चों को जन्म दिया. 11 मई को ही दोनों प्रसूताओं की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. लेकिन 13 मई को ही उन्हें छुट्टी दी जा चुकी थी.

पढ़ें : महाराष्ट्र में संक्रमितों का आंकड़ा 50 हजार के पार, घरेलू यात्राओं के लिए परामर्श जारी

ऐसे में अस्पताल में 44 कर्मियों का भी स्वाब टेस्ट के लिए भेजा गया था और सभी को क्वारंटाइन किया गया था, जिसमें डॉक्टरों की भी रिपोर्ट निगेटिव पाई गई थी.

रांची : झारखंड के हजारीबाग जिले में कोरोना संक्रमित दो गर्भवती महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया. लेकिन जब नवजात बच्चों की कोरोना जांच की गई तो रिपोर्ट नेगेटिव आई. इसे लेकर डॉक्टरों में काफी उत्साह है. डॉक्टरों का मानना है कि मां के दूध की शक्ति है कि बच्चे की रिपोर्ट निगेटिव आई है.

दरअसल हजारीबाग के श्रीनिवास अस्पताल में दो गर्भवती महिलाओं की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. दोनों महिलाओं ने दो बच्चों को जन्म दिया था. ऐसे में बच्चों और प्रसूताओं, दोनों को हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रखा गया था. दोनों अपने बच्चों के साथ ही रहती थीं और स्तनपान भी कराती थीं. लेकिन जब बच्चों की रिपोर्ट आई तो वो निगेटिव निकली.

आमतौर पर यह देखा गया है कि संक्रमित व्यक्ति के आसपास किसी भी व्यक्ति को रखा नहीं जाता है, क्योंकि संक्रमण का भय रहता है. जब मां और बच्चे एक साथ रह रहे हैं. उस स्थिति में मां संक्रमित है और बच्चे की रिपोर्ट निगेटिव आई है तो यह आश्चर्य की बात है.

आपको बता दें कि 10 मई को दोनों महिलाओं की रिपोर्ट जांच के लिए भेजी गयी थी. उन्होंने अगले दिन 11 मई को बच्चों को जन्म दिया. 11 मई को ही दोनों प्रसूताओं की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. लेकिन 13 मई को ही उन्हें छुट्टी दी जा चुकी थी.

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ऐसे में अस्पताल में 44 कर्मियों का भी स्वाब टेस्ट के लिए भेजा गया था और सभी को क्वारंटाइन किया गया था, जिसमें डॉक्टरों की भी रिपोर्ट निगेटिव पाई गई थी.

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