नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंध प्रांत में दो हिंदू किशोरियों के कथित अपहरण और उन्हें बलपूर्वक इस्लाम धर्म स्वीकार करवाने का मुद्दा उठाया है. इसी मुद्दे पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी के बीच इस मुद्दे को लेकर वाकयुद्ध भी देखा गया.
रविवार को आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान को 'नोट वर्बल' जारी करके घटना को लेकर अपनी चिंता साझा की हैं. भारत ने अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों की रक्षा और उनकी सुरक्षा एवं कल्याण को बढ़ावा देने के लिए उचित कदम उठाने का आह्वान भी किया है.
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स्वराज ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने घटना पर पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया से रिपोर्ट मांगी है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इस मामले में पहले ही जांच के निर्देश जारी कर चुके हैं.
पाकिस्तानी मीडिया में आयी खबरों के अनुसार सिंध में दहरकी नगर के पास हाफिज सलमान गांव की रहने वाली रीना और रवीना का 20 मार्च को अपहरण कर लिया गया था और उनकी मुस्लिम पुरुषों से शादी कराने से पहले उन्हें हिंदू से इस्लाम धर्म अपनाने को बाध्य किया गया.
सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा पाकिस्तानी मीडिया में सिंध के मीरपुरखास की रहने वाली हिंदू लड़की शानिया के अपहरण और जबर्दस्ती धर्म परिवर्तन की खबरें भी हैं.
सूत्रों ने मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कहा कि दोनों लड़कियों को पंजाब प्रांत के रहीम यार खान ले जाया गया.
स्वराज के ट्वीट का उत्तर देते हुये चौधरी ने कहा, 'मैम, यह पाकिस्तान का आंतरिक मामला है और भरोसा रखिये ये मोदी का भारत नहीं है जहां अल्पसंख्यकों को नियंत्रण में रखा गया है. यह इमरान खान का 'नया पाक' है जहां हमारे झंडे का सफेद रंग हम सबको समान रूप से प्यारा है.'
उन्होंने कहा, 'मैं उम्मीद करता हूं कि जब भारतीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की बात आयेगी तब भी आप इसी तत्परता से कार्रवाई करेंगी.'
इसके जवाब में सुषमा ने कहा कि उन्होंने दो नाबालिग हिंदू लड़कियों के अपहरण और उनका जबर्दस्ती धर्म परिवर्तन कराने की घटना पर इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायुक्त से केवल एक रिपोर्ट मांगी है.
उन्होंने कहा, 'यह आपको परेशान करने के लिए पर्याप्त है. यह केवल यही दिखाता है कि आप अपराध बोध से ग्रसित हैं.'
पाकिस्तानी मंत्री चौधरी ने फिर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने ट्वीट किया, 'मैडम मंत्री मुझे खुशी है कि भारतीय प्रशासन में ऐसे लोग हैं जो अन्य देशों में अल्पसंख्यक अधिकारों की चिंता करते हैं. मैं पूरी उम्मीद करता हूं कि आपकी अंतरात्मा आपको अपने देश में अल्पसंख्यकों के लिए खड़ा करेगी. गुजरात और जम्मू आपकी आत्मा पर भारी पड़ना चाहिए.'
चौधरी ने उर्दू में किये गए ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री ने सिंध के मुख्यमंत्री से उन खबरों की जांच करने को कहा है कि लड़कियों को पंजाब के रहीम यार खान ले जाया गया है.
पाकिस्तान के कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने दावा किया है कि यह जबर्दस्ती धर्मपरिवर्तन और अपहरण का एक और मामला है. ऐसे मामले सिंध प्रांत के दक्षिणी क्षेत्र में आम हो रहे हैं.
दोनों लड़कियों के अपहरण की घटना के बाद एक कथित वीडियो सामने आया जिसमें दिख रहा है कि नाबालिग लड़कियां कह रही हैं कि उन्होंने अपनी मर्जी से इस्लाम कुबूल कर लिया है.
एक अन्य वीडियो में एक मौलवी कह रहा है कि लड़कियां मुस्लिमों द्वारा घिरे इलाके में रहती थीं और वे इस्लाम के उपदेशों से प्रभावित हुईं और धर्म परिवर्तन करना चाहती थीं.
पाकिस्तान की मीडिया में आयी खबरों के हवाले से सूत्रों ने कहा कि एक प्राथमिकी दहरकी पुलिस थाने में पीड़ितों के भाई शमन दास द्वारा दर्ज करायी गई हैं.
सूत्रों ने कहा कि दास ने दावा किया कि 20 मार्च को वह अपने घर पर अपने परिवार के साथ था और तभी हथियारों से लैस होकर छह व्यक्ति उनके घर में घुस आए.
शिकायतकर्ता ने कहा कि उन छह व्यक्तियों ने परिवार के सदस्यों को बंधक बना लिया और दोनों लड़कियों को हथियारों के बल पर ले गए.