हैदराबाद : आंध्र प्रदेश में तिरुपति वेंटेशवर स्वामी की प्रशासनिक शाखा तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) की ओर से एक अनूठी योजना चलायी जा रही है. इस योजना के तहत नवविवाहित जोड़ों को श्रीवरी अक्षतालु (चावल व हल्दी का मिश्रण और घी की थोड़ी मात्रा शुभ घटनाओं के लिए इस्तेमाल की जाती है) के रूप में तिरुपति वेंकटेशवर स्वामी का आर्शीवाद प्राप्त हो रहा है. टीटी़डी लोगों को डाक के माध्यम से आशीर्वाद भेजा जा रहा है. इस योजना को जनता से उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया मिल रही है.
इतना ही नहीं तिरुमला तिरुपति देवस्थानम, जो भी वस्तुएं शादी करने वाले लोगों को भेजता है, उसका वास्तविक अर्थ भारत के शिष्टाचार और परम्परा को संरक्षित करना है.
शादियां आमतौर पर कंकणधारन से शुरू होती हैं, जिसका अर्थ है रक्षा बांधना है. ऐसा माना जाता है कि यह बंधन युगल को सभी आपदाओं से बचाता है. इसी कड़ी में टीटीडी कुमकुम और कंकनम के साथ अम्मन आशीर्वाद भी भेजता है.
नवविवाहित जोड़े द्वारा शादी के अंत में एक परम्परा का निर्वहन किया जाता है, जिसके तहत दूल्हा और दुल्हन एक-दूसरे पर अक्षत (हल्दी व चावल का मिश्रण) डालते हैं.
तिरुमल तिरुपति देवस्थानम का यह आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए शादी का कार्ड देवस्थानम के पते पर भेजना पड़ता है.
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माना जाता है कि वेंकटेश्वर स्वामी के आशीर्वाद से शादी करने वाले सभी जोडों को खुशियां और धन प्राप्त होता है. इसके साथ की कल्याना संस्कारुति नामक पुस्तक को भी भेजा जाता है. यह पुस्तक विवाह के बारे में बताती है. इसे तिरुमला तिरुपति देवस्थानम द्वारा प्रस्तुत किया गया है.