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मुंबई : टीआरपी फर्जीवाड़ा मामले में एक और शख्स गिरफ्तार

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Published : Oct 24, 2020, 1:02 PM IST

मुंबई पुलिस ने टीआरपी फर्जीवाड़ा मामले में नौवीं गिरफ्तारी की है, जिसमें सीआईयू ने उपनगर चांदीवली निवाली हरीश कमलकार पाटिल को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि उसपर टीआरपी को फर्जी तरीके से बढ़ाने के लिए कुछ टीवी चैनलों से पैसे लेने का संदेह है.

TRP forgery case
टीआरपी फर्जीवाड़ा मामला

मुंबई : महाराष्ट्र की मुंबई पुलिस ने 'टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट्स' (टीआरपी) फर्जीवाड़ा मामले में नौवीं गिरफ्तारी की है. यह जानकारी एक अधिकारी ने शुक्रवार को दी है.

मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की अपराध शाखा की अपराध खुफिया इकाई (सीआईयू) ने उपनगर चांदीवली निवासी हरीश कमलकार पाटिल को गिरफ्तार किया है.

अधिकारी ने बताया कि पाटिल को गुरुवार शाम गिरफ्तार किया गया. उनका नाम हंसा रिसर्च एजेंसी के पूर्व कर्मचारियों, रामजी शर्मा और दिनेश विश्वकर्मा से पूछताछ के दौरान सामने आया था.

उन्होंने बताया कि यह संदेह है कि पाटिल ने टीआरपी को फर्जी तरीके से बढ़ाने के लिए कुछ टीवी चैनलों से पैसे लिए थे.

जांच में यह खुलासा हुआ कि पाटिल और फरार आरोपी अभिषेक कोठावाले के बीच कुछ वित्तीय लेन-देन हुआ था. अभिषेक मैक्स मीडिया नाम से एक कंपनी चलाता है.

अधिकारी ने बताया कि पाटिल ने जांच शुरू होने के बाद शहर से भागने में अभिषेक की कथित तौर पर मदद की थी.

पढ़ें - बीएआरसी का बड़ा फैसला, टीआरपी रेटिंग्स पर तीन महीने तक लगी रोक

यह कथित टीआरपी घोटाला उस वक्त प्रकाश में आया था, जब ब्रॉडकास्ट ऑडिएंस रिसर्च काउंसिल (बीएआरसी) ने हंसा रिसर्च ग्रुप के मार्फत पुलिस के पास एक शिकायत दर्ज करा कर आरोप लगाया था कि कुछ टीवी चैनल विज्ञापन देने वालों को लुभाने के लिए टीआरपी के आंकड़ों में फर्जीवाड़ा कर रहे हैं.

मुंबई : महाराष्ट्र की मुंबई पुलिस ने 'टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट्स' (टीआरपी) फर्जीवाड़ा मामले में नौवीं गिरफ्तारी की है. यह जानकारी एक अधिकारी ने शुक्रवार को दी है.

मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की अपराध शाखा की अपराध खुफिया इकाई (सीआईयू) ने उपनगर चांदीवली निवासी हरीश कमलकार पाटिल को गिरफ्तार किया है.

अधिकारी ने बताया कि पाटिल को गुरुवार शाम गिरफ्तार किया गया. उनका नाम हंसा रिसर्च एजेंसी के पूर्व कर्मचारियों, रामजी शर्मा और दिनेश विश्वकर्मा से पूछताछ के दौरान सामने आया था.

उन्होंने बताया कि यह संदेह है कि पाटिल ने टीआरपी को फर्जी तरीके से बढ़ाने के लिए कुछ टीवी चैनलों से पैसे लिए थे.

जांच में यह खुलासा हुआ कि पाटिल और फरार आरोपी अभिषेक कोठावाले के बीच कुछ वित्तीय लेन-देन हुआ था. अभिषेक मैक्स मीडिया नाम से एक कंपनी चलाता है.

अधिकारी ने बताया कि पाटिल ने जांच शुरू होने के बाद शहर से भागने में अभिषेक की कथित तौर पर मदद की थी.

पढ़ें - बीएआरसी का बड़ा फैसला, टीआरपी रेटिंग्स पर तीन महीने तक लगी रोक

यह कथित टीआरपी घोटाला उस वक्त प्रकाश में आया था, जब ब्रॉडकास्ट ऑडिएंस रिसर्च काउंसिल (बीएआरसी) ने हंसा रिसर्च ग्रुप के मार्फत पुलिस के पास एक शिकायत दर्ज करा कर आरोप लगाया था कि कुछ टीवी चैनल विज्ञापन देने वालों को लुभाने के लिए टीआरपी के आंकड़ों में फर्जीवाड़ा कर रहे हैं.

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