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तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची महिला, आज होगी सुनवाई

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Published : May 17, 2019, 12:15 AM IST

एक मुस्लिम महिला ने अपने पति द्वारा भेजे गए तीन तलाक के नोटिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2017 में तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित किया है.

याचिकाकर्ता रूबी

नई दिल्ली: तीन तलाक नोटिस के खिलाफ एक मुस्लिम महिला सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. महिला ने तलाक नोटिस रद्द करने और पति के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की मांग की है. महिला ने पति और ससुराल वालों पर प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया है. कोर्ट में आज सुनवाई होगी.

रूबी नामक महिला ने कोर्ट में याचिका दायर की. महिला ने बताया कि उसकी शादी 22 फरवरी 2009 को हुई थी. शादी के बाद से ही उसके ससुराल वाले 5 लाख रूपये और कार की मांग कर रहे हैं.

महिला और वकील ने याचिका के संबंध में जानकारी दी.

रूबी ने बताया कि विवाह के 10 साल बाद पति शाहिद परवेज ने मार्च 2019 को तलाक के लिए पहला नोटिस भेजा और दूसरा नोटिस गत 7 मई को भेजा है. पति ने 2 बच्चों के साथ उन्हें घर से बाहर निकाल दिया.

रूबी के वकील एमएम कश्यप ने कहा कि तलाक ने शरिया कानून का पालन नहीं किया है. वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का 17 अगस्त 2017 का फैसला है जिसमें कहा गया है कि तीन तलाक असंवैधानिक है. ऐसे में महिला के पति की ओर से दिया गया तलाक नोटिस कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है.

महिला ने इस अध्यादेश के तहत पति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिये जाने की मांग की है. साथ ही कोर्ट से तलाक नोटिसों को शून्य घोषित करने की भी मांग की है.

नई दिल्ली: तीन तलाक नोटिस के खिलाफ एक मुस्लिम महिला सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. महिला ने तलाक नोटिस रद्द करने और पति के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की मांग की है. महिला ने पति और ससुराल वालों पर प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया है. कोर्ट में आज सुनवाई होगी.

रूबी नामक महिला ने कोर्ट में याचिका दायर की. महिला ने बताया कि उसकी शादी 22 फरवरी 2009 को हुई थी. शादी के बाद से ही उसके ससुराल वाले 5 लाख रूपये और कार की मांग कर रहे हैं.

महिला और वकील ने याचिका के संबंध में जानकारी दी.

रूबी ने बताया कि विवाह के 10 साल बाद पति शाहिद परवेज ने मार्च 2019 को तलाक के लिए पहला नोटिस भेजा और दूसरा नोटिस गत 7 मई को भेजा है. पति ने 2 बच्चों के साथ उन्हें घर से बाहर निकाल दिया.

रूबी के वकील एमएम कश्यप ने कहा कि तलाक ने शरिया कानून का पालन नहीं किया है. वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का 17 अगस्त 2017 का फैसला है जिसमें कहा गया है कि तीन तलाक असंवैधानिक है. ऐसे में महिला के पति की ओर से दिया गया तलाक नोटिस कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है.

महिला ने इस अध्यादेश के तहत पति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिये जाने की मांग की है. साथ ही कोर्ट से तलाक नोटिसों को शून्य घोषित करने की भी मांग की है.

Intro:A Muslim woman named Ruby, moved to the Supreme Court today asking the apex court to nullify her husband's talalq.


Body:Ruby who was married on 22nd February, 2009, was constantly abused by her in laws on non payment of dowry. They had demanded dowry of 5lakhs cash and a car which her family did not pay and now, after 10 years of marraige her husband sent her notice for talak on 16th March, 2019. He had thrown her out of house along with the 2 kids they have and later on sent her the notice.

Shahid Parvez, the husband, has sent her two notices of talak right now and they would be divorced after the 3rd notice. MM Kashyap, advocate fighting for Ruby said that that the divorce hasn't even followed the Sharia Law.

Ruby wants to reunite with her husband as she finds herself helpless with two kids and nowhere to go. "My children 's future and my future is getting ruined", said Ruby.



On 22nd August, 2017, the Supreme Court had termed Tripal Talaq unconstitutional and later on Parliament had made a law that it would be criminalised. In response to which a petition is pending in the SC.




Conclusion:The supreme court has listed the matter to hear tomorrow.
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