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तृणमूल कांग्रेस ने शुभेंदु के करीबी पांडा को निष्कासित किया

तृणमूल कांग्रेस में बयानबाजी और कार्रवाई का दौर थम नहीं रहा है. ममता बनर्जी की चेतावनी के बावजूद नेता पार्टी और शीर्ष नेतृत्व पर सवाल खड़े कर रहे हैं. मंत्री पद छोड़ने वाले शुभेंदु अधिकारी के पक्ष में बयान देने पर उनके करीबी कनिष्क पांडा को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया.

ममता बनर्जी
ममता बनर्जी
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Published : Dec 13, 2020, 10:36 PM IST

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी की पूर्वी मिदनापुर जिला इकाई के नेता कनिष्क पांडा को रविवार को निष्कासित कर दिया. पांडा को पार्टी के कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी का करीबी माना जाता है.

पार्टी के एक नेता ने बताया कि जिला इकाई के महासचिव पांडा को पार्टी-विरोधी गतिविधियों को लेकर तृणमूल कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया है.

उन्होंने कहा, 'पांडा ने तृणमूल कांग्रेस की युवा इकाई के अध्यक्ष अभिषेक बनर्जी के खिलाफ बयान दिया था और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा पार्टी को चलाने के तौर तरीके पर भी सवाल खड़ा किया था.'

उन्होंने कहा कि जब पार्टी ने स्पष्ट कर दिया कि असंतुष्ट नेता अधिकारी के साथ सुलह की और कोशिश नहीं की जाएगी, तब भी पांडा ने उनके पक्ष में बयान दिया था. अधिकारी ने भाजपा में जाने की अटकलों के बीच मंत्रीपद छोड़ दिया था. नेता ने कहा, 'प्रदेश नेतृत्व ऐसी गतिविधियों को हल्के में नहीं ले सकता है.'

पांडा ने कहा, 'राहत' महसूस कर रहे
उधर, पांडा ने कहा कि वह पार्टी के फैसले से 'राहत' महसूस कर रहे हैं क्योंकि वह 'सच बोलने' के बावजूद पिछले कुछ दिनों से काफी तनाव में थे. पिछले दो हफ्तों में अधिकारी के गढ़ पूर्वी मिदनापुर में उनके समर्थकों को या तो पदों से हटा दिया गया या उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया है.

पढ़ें- ममता की दो टूक- जो नेता विपक्ष के संपर्क में हैं, तृणमूल छोड़ने को स्वतंत्र

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी की पूर्वी मिदनापुर जिला इकाई के नेता कनिष्क पांडा को रविवार को निष्कासित कर दिया. पांडा को पार्टी के कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी का करीबी माना जाता है.

पार्टी के एक नेता ने बताया कि जिला इकाई के महासचिव पांडा को पार्टी-विरोधी गतिविधियों को लेकर तृणमूल कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया है.

उन्होंने कहा, 'पांडा ने तृणमूल कांग्रेस की युवा इकाई के अध्यक्ष अभिषेक बनर्जी के खिलाफ बयान दिया था और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा पार्टी को चलाने के तौर तरीके पर भी सवाल खड़ा किया था.'

उन्होंने कहा कि जब पार्टी ने स्पष्ट कर दिया कि असंतुष्ट नेता अधिकारी के साथ सुलह की और कोशिश नहीं की जाएगी, तब भी पांडा ने उनके पक्ष में बयान दिया था. अधिकारी ने भाजपा में जाने की अटकलों के बीच मंत्रीपद छोड़ दिया था. नेता ने कहा, 'प्रदेश नेतृत्व ऐसी गतिविधियों को हल्के में नहीं ले सकता है.'

पांडा ने कहा, 'राहत' महसूस कर रहे
उधर, पांडा ने कहा कि वह पार्टी के फैसले से 'राहत' महसूस कर रहे हैं क्योंकि वह 'सच बोलने' के बावजूद पिछले कुछ दिनों से काफी तनाव में थे. पिछले दो हफ्तों में अधिकारी के गढ़ पूर्वी मिदनापुर में उनके समर्थकों को या तो पदों से हटा दिया गया या उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया है.

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