श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के सचिवालय भवन पर आज तिरंगा लहराया गया. यहां से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद राज्य का झंडा हटा दिया गया है, जबकि पिछले हफ्ते तक यहां दोनों झंडे साथ नजर आ रहे थे.
गौरतलब है, जम्मू-कश्मीर के झंडे को तिरंगे के साथ प्रतिदिन सचिवालय पर फहराया जाता था. जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने वाला कानून प्रभाव में आने के बाद राज्य के झंडे को 31 अक्टूबर को हटाया जाना था.
अधिकारियों का कहना है कि अब सभी सरकारी महकमों पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा ही लहराया जाएगा. जम्मू-कश्मीर के झंडे को राज्य संविधान सभा द्वारा सात जून 1952 को अपनाया गया था. इस झंडे पर तीन पट्टियां राज्य के तीन क्षेत्रों जम्मू, कश्मीर और लद्दाख का प्रतिनिधित्व करती थीं.
गौरतलब है, मोदी सरकार ने पांच अगस्त 2019 को राज्य से अनुच्छेद 370 हटाने के लिए राज्यसभा में बिल पेश किया था. इस सदन से बिल पास होने के बाद इसे लोकसभा में पेश किया गया और यहां भी सदस्यों की सहमति से बिल पारित हो गया. इसके बाद नौ अगस्त को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून, 2019 को मंजूरी प्रदान कर दी, जो कि राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटता है और यह 31 अक्टूबर को अस्तित्व में आएगा.
आपको बता दें, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने से राज्य का विशेष दर्जा खत्म हो गया है. इसके साथ ही साथ राज्य को मिले कई विशेष अधिकार भी समाप्त हो गए हैं.
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने से यहां का अपना झंडा और राज्य के अपने संविधान को भी खत्म कर, यहां भारतीय कानून को लागू कर दिया गया है. हांलाकि, कई लोगों ने सरकार के इस फैसले का समर्थन किया तो कई ने इसका विरोध भी किया है.
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मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भारत का कोई भी शख्स यहां जमीन खरीद सकता है, अब इस पर कोई पाबंदी नहीं रह गई है.
बता दें, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया है. इसके बाद कुछ लोगों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में हालात खस्ता हैं लेकिन वहीं सरकार का कहना है कि स्थिति सामान्य हैं.
सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से वहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए हैं. कई इलाकों में कर्फ्यू के साथ-साथ लैंडलाइन सेवाओं पर भी सरकार ने पाबंदी लगा रखी है. हालांकि, सरकार की ओर से प्रदेश के ताजा हालातों पर की जा रही प्रेस कॉन्फ्रेंस की मानें तो वहां लगाई गई कई पाबंदियों में दिन-प्रतिदिन ढील दी जा रही है.