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त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड ने पहली बार नियुक्त किया एसटी पुजारी - केरल में त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड

त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड का पहला एसटी पुजारी नियुक्त किया गया है. त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड के इतिहास में पहली बार हुआ है कि एसटी पुजारी कि नियुक्ति की गई है. बता दें, चार पदों के लिए सिर्फ एक आवेदन आया था.

travancore devaswom board appoints st priest
पहली बार हुई नियुक्ति
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Published : Nov 7, 2020, 8:02 PM IST

तिरुवनंतपुरम : केरल में त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) ने शनिवार को इतिहास बनाते हुए यहां अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदाय से पहला पुजारी नियुक्त किया. इस तरह की नियुक्ति केरल के इतिहास में पहली बार हो रही है.

नियुक्ति करके बोर्ड ने पेश किया उदाहरण

इससे पहले टीडीबी ने अनुसूचित जाति (एससी) समुदायों से मंदिर के पुजारी नियुक्त किए थे. ऐसा करके बोर्ड ने एक उदाहरण पेश किया था. बता दें, टीडीबी ने एसटी समुदाय के पुजारी की यह ऐतिहासिक नियुक्ति पार्ट टाइम शांति (पुजारी) के पद पर की है.

2017 से लागू हुई यह व्यवस्था

विशेष भर्ती के माध्यम से बोर्ड ने अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए मंदिरों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) समुदायों से 19 पुजारियों की नियुक्ति कर रहा है. इससे पहले एससी के समुदायों के 20 पुजारियों को बोर्ड के मंदिरों के तहत पुजारी नियुक्त किया गया था. त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड के साथ अंशकालिक पुजारी पद के लिए रोजगार की लिस्ट 23 अगस्त, 2017 को लागू हुई थी. हालांकि, तब अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदायों से पर्याप्त उम्मीदवार नहीं थे, जिन्होंने इसके लिए आवेदन किया था.

पढ़ें: बेलगावी के 'थानेदार' ने जीता अमेरिकी संसद का चुनाव, जश्न का माहौल

चार पद के लिए आया सिर्फ एक आवेदन

त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड के अध्यक्ष आर राजगोपालन नायर ने कहा कि उस कमी की भरपाई के लिए वर्तमान में एससी/एसटी उम्मीदवारों को शामिल करने के लिए एक विशेष अधिसूचना जारी करने के बाद नियुक्तियां की जा रही हैं. अनुसूचित जनजाति समुदाय के लिए चार रिजर्व रिक्तियां होने के बावजूद केवल एक ही आवेदन आया था. यही कारण है कि एसटी समुदाय से अंशकालिक मंदिर के पुजारी की स्थिति में केवल एक ही नियुक्ति हुई है.

तिरुवनंतपुरम : केरल में त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) ने शनिवार को इतिहास बनाते हुए यहां अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदाय से पहला पुजारी नियुक्त किया. इस तरह की नियुक्ति केरल के इतिहास में पहली बार हो रही है.

नियुक्ति करके बोर्ड ने पेश किया उदाहरण

इससे पहले टीडीबी ने अनुसूचित जाति (एससी) समुदायों से मंदिर के पुजारी नियुक्त किए थे. ऐसा करके बोर्ड ने एक उदाहरण पेश किया था. बता दें, टीडीबी ने एसटी समुदाय के पुजारी की यह ऐतिहासिक नियुक्ति पार्ट टाइम शांति (पुजारी) के पद पर की है.

2017 से लागू हुई यह व्यवस्था

विशेष भर्ती के माध्यम से बोर्ड ने अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए मंदिरों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) समुदायों से 19 पुजारियों की नियुक्ति कर रहा है. इससे पहले एससी के समुदायों के 20 पुजारियों को बोर्ड के मंदिरों के तहत पुजारी नियुक्त किया गया था. त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड के साथ अंशकालिक पुजारी पद के लिए रोजगार की लिस्ट 23 अगस्त, 2017 को लागू हुई थी. हालांकि, तब अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदायों से पर्याप्त उम्मीदवार नहीं थे, जिन्होंने इसके लिए आवेदन किया था.

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चार पद के लिए आया सिर्फ एक आवेदन

त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड के अध्यक्ष आर राजगोपालन नायर ने कहा कि उस कमी की भरपाई के लिए वर्तमान में एससी/एसटी उम्मीदवारों को शामिल करने के लिए एक विशेष अधिसूचना जारी करने के बाद नियुक्तियां की जा रही हैं. अनुसूचित जनजाति समुदाय के लिए चार रिजर्व रिक्तियां होने के बावजूद केवल एक ही आवेदन आया था. यही कारण है कि एसटी समुदाय से अंशकालिक मंदिर के पुजारी की स्थिति में केवल एक ही नियुक्ति हुई है.

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