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ट्रांसजेंडर्स की पहचान परिभाषित करने वाला विधेयक लोकसभा में पारित - लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला

ट्रांसजेंडर्स को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सरकार ने आज लोकसभा में ट्रांसजेंडर्स पर्सन्स (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2019 को पारित किया. पढ़ें पूरी खबर....

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Published : Aug 5, 2019, 10:21 PM IST

नई दिल्लीः ट्रांसजेंडर्स की पहचान को परिभाषित करने और उनके खिलाफ भेदभाव को रोकने के लिए एक विधेयक लोकसभा में सोमवार को पारित हो गया.

इस दौरान सदन में विपक्षी दलों द्वारा जम्मू और कश्मीर में केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए अप्रत्याशित प्रतिबंधों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चलता रहा. ट्रांसजेंडर्स पर्सन्स (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2019 को पारित करने के लिए सरकार की ओर से तर्क देते हुए सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रतन लाल कटारिया ने कहा कि मसौदा विधेयक ट्रांसजेंडर्स को समाज की मुख्यधारा में लाएगा.

यह विधेयक ट्रांसजेंडर व्यक्ति के खिलाफ किसी भी प्रकार के भेदभाव को प्रतिबंधित करता है, जिसमें शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य सुविधा, सामान, सुविधा, जनता के लिए उपलब्ध अवसर, आंदोलन का अधिकार, संपत्ति को खरीदने या किराए पर लेने का अधिकार, सार्वजनिक या निजी पद पाने के अवसर, सरकारी या निजी संस्थाओं की ट्रांसजेंडर द्वारा देखभाल शामिल है.

पढ़ेंःमोदी के 'टॉप सीक्रेट' मिशन कश्मीर को शाह एंड कंपनी ने कैसे दिया अंजाम

यह सरकार के साथ-साथ निजी संस्थाओं को भी रोजगार के मामलों में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के साथ भेदभाव करने से रोकती है, जिसमें भर्ती और पदोन्नति भी शामिल है और यह कि हर प्रतिष्ठान को अधिनियम के संबंध में शिकायतों से निपटने के लिए एक व्यक्ति को एक शिकायत अधिकारी नियुक्त करने की आवश्यकता होती है.

यह विधेयक हर ट्रांसजेंडर को अपने घर में रहने और किसी को रखने का अधिकार रखने की सुविधा भी देता है.

विधेयक में उल्लेख किया गया है कि अगर ट्रांसजेंडर का परिवार उसकी देखभाल करने में असमर्थ है तो सक्षम न्यायालय के आदेश पर उसे पुनर्वास केंद्र में रखा जा सकता है.

नई दिल्लीः ट्रांसजेंडर्स की पहचान को परिभाषित करने और उनके खिलाफ भेदभाव को रोकने के लिए एक विधेयक लोकसभा में सोमवार को पारित हो गया.

इस दौरान सदन में विपक्षी दलों द्वारा जम्मू और कश्मीर में केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए अप्रत्याशित प्रतिबंधों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चलता रहा. ट्रांसजेंडर्स पर्सन्स (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2019 को पारित करने के लिए सरकार की ओर से तर्क देते हुए सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रतन लाल कटारिया ने कहा कि मसौदा विधेयक ट्रांसजेंडर्स को समाज की मुख्यधारा में लाएगा.

यह विधेयक ट्रांसजेंडर व्यक्ति के खिलाफ किसी भी प्रकार के भेदभाव को प्रतिबंधित करता है, जिसमें शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य सुविधा, सामान, सुविधा, जनता के लिए उपलब्ध अवसर, आंदोलन का अधिकार, संपत्ति को खरीदने या किराए पर लेने का अधिकार, सार्वजनिक या निजी पद पाने के अवसर, सरकारी या निजी संस्थाओं की ट्रांसजेंडर द्वारा देखभाल शामिल है.

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यह सरकार के साथ-साथ निजी संस्थाओं को भी रोजगार के मामलों में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के साथ भेदभाव करने से रोकती है, जिसमें भर्ती और पदोन्नति भी शामिल है और यह कि हर प्रतिष्ठान को अधिनियम के संबंध में शिकायतों से निपटने के लिए एक व्यक्ति को एक शिकायत अधिकारी नियुक्त करने की आवश्यकता होती है.

यह विधेयक हर ट्रांसजेंडर को अपने घर में रहने और किसी को रखने का अधिकार रखने की सुविधा भी देता है.

विधेयक में उल्लेख किया गया है कि अगर ट्रांसजेंडर का परिवार उसकी देखभाल करने में असमर्थ है तो सक्षम न्यायालय के आदेश पर उसे पुनर्वास केंद्र में रखा जा सकता है.

ZCZC
PRI GEN NAT
.NEWDELHI PAR18
LS-TRANSGENDER-BILL (rpt)
(correcting typo in heading)
Transgender Persons bill passed in Lok Sabha
         New Delhi, Aug 5 (PTI) The Lok Sabha on Monday passed a
bill which provides a mechanism for social, economic and
educational empowerment of transgenders.
         The Transgender Persons (Protection of Rights) Bill 2019
was passed by a voice vote amid noisy protests by some
opposition parties over Congress leader Adhir Ranjan Chowdhury
not being allowed to speak on his adjournment notice.
         The bill was introduced on July 19.
         Replying on the bill, Minister of State for Social
Justice Ratanlal Kataria said it makes provision for
establishing a national authority for safeguarding rights of
transgenders. PTI JTR SID DV
TVS
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08051559
NNNN
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