दरभंगा: बच्चों को सरकारी स्कूल की तरफ आकर्षित करने के उद्देश्य से बंशी दास कन्या मध्य विद्यालय के प्रिंसिपल ने एक अनोखा प्रयोग किया है. उन्होंने स्कूल के भवन को रेल की बोगी की तरह बनाया है. इसके साथ ही उन्होंने पांच क्लास से ऊपर के बच्चों के लिए अपने खर्च पर स्कूल में स्मार्ट क्लास भी बनाई है. इसमें बच्चे आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के साथ पढ़ाई कर रहे हैं.
डिब्बों पर स्कूल के कोड को दर्शाया गया है
पांच डिब्बे वाले इस ट्रेन रूपी स्कूल के सभी डिब्बों में एक-एक कक्षा संचालित की जाती है. डिब्बों पर स्कूल के कोड को दर्शाया गया है. ट्रेन रूपी डिब्बे वाले क्लास रूम के अंदर बच्चों की पढ़ाई से जुड़ी खूबसूरत पेंटिंग के साथ ही बच्चों को लिखने के लिए दीवार पर कई ब्लैक बोर्ड भी बनाए गए हैं. इस पर बच्चे पढ़ाई होने के बाद लिखने का काम भी करते हैं.
शिक्षकों ने आपसी सहयोग से बनाई 'स्मार्ट क्लास'
दरअसल, स्कूली बच्चे को आनंददायी शिक्षा देने के उद्देश्य से बंशी दास कन्या मध्य विद्यालय के शिक्षकों ने आपसी सहयोग से कक्षा की आनंदशाला को ट्रेन की बोगी का रूप देने के साथ ही स्मार्ट क्लास की शुरुआत की है, जो अपने आप में अनूठा है. समग्र शिक्षा एक्सप्रेस ट्रेन के बोगीनुमा कक्षा में बच्चे खेल-खेल में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.
इस आनंदशाला के निर्माण से उम्मीद की जा रही है कि इससे विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के ड्रॉपआउट में कमी आएगी और बच्चे के ठहराव में सराहनीय बढ़ोत्तरी होगी. इससे बच्चों के बौद्धिक विकास के साथ ही छात्रों की उपस्थिति भी बढ़ेगी.
क्या कहते हैं छात्र
वहीं बच्चों के बीच भी इस स्कूल को लेकर काफी उत्साह का माहौल है. स्कूल की छात्रा जुलेखा प्रवीण ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हमारे स्कूल के शिक्षकों ने क्लास रूम की दीवारों पर रेलगाड़ी का डब्बा बनाया है. जो देखने में काफी अच्छा लगता है.
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उन्होंने कहा कि इसके साथ ही हमारे स्कूल में स्मार्ट क्लास की भी व्यवस्था की गई है. इससे हम लोगों को पढ़ाई में काफी सहायता मिल रही है. इन सभी चीजों का विस्तार होने से हम लोगों को स्कूल आने में काफी आनंद मिलता है.
क्या कहते हैं शिक्षक
स्कूल के शिक्षक संजीव कुमार ने कहा कि शिक्षकों के सहयोग से इस स्मार्ट क्लास और समग्र शिक्षा एक्सप्रेस आनंदशाला का निर्माण किया गया है. इसके निर्माण के पीछे का उद्देश्य है कि इसे देखकर बच्चे आकर्षित होंगे और जो बच्चे बाहर घूमते रहते हैं, वह भी स्कूल आना चाहेंगे.
उन्होंने कहा कि सभी माध्यमिक विद्यालयों में सरकार उन्नयन कार्यक्रम चला रही है. इसमें टीवी के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. इसे देखते हुए हम लोगों ने भी अपने स्कूल में स्मार्ट क्लास की शुरुआत की है.
स्कूल को मिली काफी उपलब्धि
स्कूल की प्राचार्य कादंबरी रंजन ने कहा कि इसके निर्माण के पीछे हम लोगों की यह सोच थी कि ट्रेन में चढ़कर हमारे बच्चे शिक्षा ग्रहण करेंगे. उन्होंने कहा कि जो विद्यालय और शिक्षा से वंचित थे, वे लोग अब यह कहते हुए आते हैं कि ट्रेन वाले स्कूल में चलो.
इसके निर्माण से हमारे स्कूल को काफी उपलब्धि मिली है. अगर हमारे शिक्षक किसी कारणवश क्लास में नहीं जाते हैं, तो बच्चे कक्षा की दीवार पर लिखे शब्दों पर अपनी उंगली से अक्षर के ऊपर घुमाकर स्वयं अभ्यास करते रहते हैं. ये सारी सुविधा रहने की वजह से अब बच्चे यहां सुबह नौ बजे आते हैं और शाम के चार बजे ही घर लौटते हैं.